दूध का बंध्याकरण: तरीके और मेरिट्स | Read this article in Hindi to learn about:- 1. दूध के निर्जमीकरण की विधियाँ (Methods of Milk Sterilization) 2. निर्जमीकरण के लाभ (Merits of Milk Sterilization) 3. हानियाँ (Demerits).

दूध के निर्जमीकरण की विधियाँ (Methods of Milk Sterilization):

दूध को सामान्यतया 2 विधियों का प्रयोग करके निर्जमीकृत किया जा सकता है:

1. बोतल में दूध का निर्जमीकरण (Sterilization of Milk in Bottle)

2. यू. एच. टी. विधि से निर्जमीकरण (U.H.T. Method of Sterilization)

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1. बोतल निर्जमीकरण (Bottle Sterilization):

निर्जमीकरण के लिए प्राप्त दूध का परीक्षण उसके भौतिक, रासायनिक एवं जीवाणु विज्ञानीय (Physical, Chemical and Microbiological Properties) गुणों के लिए करना आवश्यक है । दूध में विकसित अम्लता तथा स्पोर बनाने वाले जीवाणु की संख्या कम से कम होनी चाहिए । साथ ही दूध उच्च गुणवता वाला होना भी परमावश्यक है ।

दूध को 60C तापमान पर गर्म करके समांगीकरण की क्रिया के पश्चात सीधा गर्म दूध गर्म बोतलों में भरा जाता है तथा उनके ढक्कन अच्छी प्रकार से बन्द कर दिये जाते हैं । दूध भरने से पहले बोतलों को Bottle Washing Machine में अच्छी प्रकार साफ व निर्जमीकृत कर लेना चाहिए ।

बोतल में दूध को निर्जमीकत करने की दो विधियाँ:

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i. बैच विधि (Batch Method):

इस विधि द्वारा निर्जमीकरण के लिए दूध की भरी बोतलों को धातु की बनी कैरेटों (Metal Creates) में रख कर निर्जमीकृत किया जाता है । इस विधि में Batch Rotary Holder का प्रयोग करने पर अच्छे परिणाम मिलते है । यह Batch Rotary Holder लगभग 6-7 चक्कर प्रति मिनट (R.P.M.) की गति से चक्कर लगाता है ।

ii. सतत विधि (Continuous Method):

निर्जमीकरण की सतत विधि में दूध से भरी बोतलों को Conveyors पर लगा दिया जाता है । ये Conveyors पर लगी बोतलों पहले उबलते पानी के कक्ष से गुजरती हैं, इसके बाद भाप से भरे कक्ष में से निकलकर बाहर आ जाती है । निर्जमीकरण के लिए बोतलों को वाष्प कक्ष में से निकलने में लगभग 25-30 मिनट का समय लगता है ।

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निर्जमीकरण की इन दोनों विधियों में बोतलों के अन्दर दूध को 25-30 मिनट के लिए 108-111C तापमान पर रखा जाता है । इन गर्म बोतलों को निर्जमीकरण के बाद सामान्य होने के लिए रख दिया जाता है । बोतलों को ठण्डा करने में जल्दी करने पर ये टूट सकती हैं ।

अतः निर्जमीकरण के बाद अधिक ठण्डे स्थान पर नहीं रखना चाहिए । सतत विधि में निर्जमीकरण के बाद दूध की बोतलें Bottle Conveyors की सहायता से ही भाप के बाद अधिक गर्म पानी, फिर गर्म पानी तथा इसके बाद सामान्य ठण्डे पानी से निकाली जाती है अतः इस क्रम में ये बोतलें धीरे-धीरे ठण्डी होती है । सामान्य ठण्डे पानी से निकलने के बाद ये ठण्डी बोतलें Conveyor से अपने आप उतर जाती हैं जहां से निर्जमीकृत दूध की इन ठण्डी बोतलों को Creates में भर कर भंडारण कक्ष में रख दिया जाता है ।

2. यू. एच. टी. निर्जमीकरण (Ultra High Temperature Sterilization Method):

इस विधि में दूध को Batch विधि की अपेक्षा अधिक तापमान पर कम समय के लिए गर्म किया जाता है । अति उच्च ताप विधि में दूध को कुछ सैकिंडों के लिए 135 से 150C तापमान पर गर्म किया जाता है । इस विधि में सामान्यतया Plate या Tubular Heat Exchangers का प्रयोग किया जाता है ।

दूध को इस विधि द्वारा निर्जमीकरण करने से पूर्व में दिये जाने वाले उपचार (Pre-Treatment for UHT Sterilization) बोतल निर्जमीकरण विधि के दिये जाने वाले उपचार (Pre-Treatment for Bottle Sterilization) के समान ही है ।

निर्जमीकरण के लाभ (Merits of Milk Sterilization):

1. दूध या दूध पदार्थ की संग्रह क्षमता बढ़ जाती है ।

2. चारे से या अन्य स्थान से दूध में प्रविष्ट हुई सभी अपसुवास दूध से निर्जमीकरण के समय निकल जाती है ।

3. निर्जमीकरण के बाद दूध पर अच्छा समांगीकरण प्रभाव परिलक्षित होता है ।

4. निर्जमीकृत दूध के लिए प्रशीतित भंडारकक्ष (Refrigerated Storage) की आवश्यकता नहीं रहती है ।

5. इस प्रकार के दूध में Cream Layer या Cream Plug नहीं बनता है ।

6. निर्जमीकरण की प्रक्रिया के बाद दूध से मुलायम दही बनता है जो बच्चों तथा बीमार व्यक्तियों के लिए उपयुक्त रहता है क्योंकि निर्जमीकरण के बाद दूध की पाचनशीलता में वृद्धि हो जाती है ।

7. समांगीकरण के कारण निर्जमीकृत दूध में एक अच्छी सुहावनी (Rich Pleasant) गन्ध (Flavour) पैदा हो जाती है ।

8. निर्जमीकृत दूध में वसा का आक्सीकरण देर में होता है ।

निर्जमीकरण के हानियाँ (Demerits of Milk Sterilization):

1. निर्जमीकृत दूध की उत्पादन लागत (Production Cost) बढ़ जाती है ।

2. पास्तुरीकरण की तुलना में निर्जमीकरण क्रिया द्वारा दूध की पोषक महत्ता पर अधिक खराब प्रभाव पड़ता है । निर्जमीकरण द्वारा दूध में उपस्थित मूल मात्रा का 50 प्रतिशत विटामिन ”सी” तथा 33 प्रतिशत विटामिन ”बी” समाप्त हो जाता है । साथ ही दूध में विद्यमान प्रोटीन का जैविक मान भी कम हो जाता है ।

3. सामान्य दूध की तरह निर्जमीकरण के बाद दूध में वसा प्रतिशत निर्धारण के लिए गबर विधि अधिक ठीक परिणाम नहीं देती है ।

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