अनसुलझा दूध का उत्पादन | Read this article in Hindi to learn about the production of unsweetened milk.

1. दुग्ध प्राप्ति (Receiving of Milk) ।

2. पूर्वतापन (Preheation) ।

3. छानना या निर्मलीकरण (Filtration/Clarification) संघनित दूध में वर्णित विधि के समान है ।

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4. मानकीकरण (Standardization) ।

5. पूर्व तापन (Forewarming):

दूध की उष्मा के प्रति स्थिरता (Heat Stability of Milk) में सुधार लाने, दुग्ध एन्जाइमों को निष्क्रिय करने एवं हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए तथा अन्तिम उत्पाद में उचित गाढ़ापन (Medium Viscosity) सुनिश्चित करने के लिए दूध को वाष्पीकरण से पूर्व 115-118°C ताप पर बिना धारण किये गर्म किया जाता है ।

6. वाष्पीकरण (Evaporation):

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यह क्रिया ठीक उसी प्रकार सम्पन्न होती है जिस प्रकार संघनित दूध के लिए, परन्तु इसमें संघनन के समय चीनी नहीं मिलायी जाती है । इसे थोड़ा-सा अधिक गाढ़ा कर लेते हैं । जिससे अन्तिम मानकीकरण में सुविधा रहती है ।

7. समांगीकरण (Homogenization):

दूध में संघनन व शीतलन क्रिया के मध्य यह क्रिया 55 से 60°C ताप पर प्रातिपादित की जाती है । समांगीकरण करने का मुख्य उद्देश्य वसा का समांग इमलसन बनाना तथा संग्रह के समय वसा पृथक्कीकरण (Fat Separation) में कमी लाना है । वाष्पित्र से दूध को 49°C ताप पर निकाला जाता है ।

इसे तत्काल द्वि अवस्था समांगित यन्त्र से 2000 PSI (1st Stage) तथा 500 PSI (2nd Stage) पर समांगीकृत किया जाता है । विकसित देशों में समांगीकरण के तुरन्त बाद इस दूध में विटामिन-डी मिलाया जाता है ।

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8. शीतलन (Cooling):

समांगीकरण के तुरन्त बाद दूध को 5-7°C तापमान पर ठण्डा करके भंडारण टैंकों में भरा जाता है जहाँ पर उसमें उपस्थित वसा अन्तिम मानकीकरण तथा Pilot Sterilization परीक्षण किया जाता है । इस परीक्षण द्वारा निर्धारित स्थायीकारक (Stabilizer) की मात्रा भी इसी अवस्था पर मिलायी जाती है ।

पाईलेट निर्जर्मीकरण परीक्षण (Pilot Sterilization Test):

भंडारण के समय वाष्पित दूध का बदन व गठन अच्छा बनाये रखने के लिए इसमें स्थायी कारक के रूप में Trisodium Citrate या Disodium Phosphate मिलाया जाता है । स्थायी कारक की उचित मात्रा ज्ञात करने के लिए Pilot Sterilization Test किया जाता है । इस परीक्षण के लिए 7 अलग-अलग डिब्बों (Cans) में नमूना वाष्पित दूध की 170 ग्राम मात्रा भर ली जाती है ।

प्रत्येक कैन में निम्नलिखित विधि अनुसार 10% सान्द्रता युक्त स्थायीकारक विलयन मिलाते हैं:

स्थायीकारक को मिश्रित करके वाष्पित दूध के इन डिब्बों को 117°C तापमान पर 15 मिनट के लिए निर्जर्मीकृत किया जाता है । तत्पश्चात् तुरन्त 24°C ताप पर ठण्डा करके इनका परीक्षण करते हैं ।

उपरोक्त परीक्षण में Can No. 2 के वाष्पित दूध का गठन नर्म पाया गया जिसमें 170 ग्राम वाष्पित दूध में 10% सांद्रता युक्त 0.20 ml स्थायी कारक मिलाया गया था । अत: इसी दर से गणना करके वाष्पित दूध की पूरी मात्रा में स्थायीकारक निर्जर्मीकरण से पूर्व मिलाया जाता है ।

9. स्थायीकारक मिलाना (Adding Stabilizer):

उपरोक्त परीक्षण के आधार पर पूरे बैच के लिए स्थायीकारक की आवश्यक मात्रा की गणना करके उसे पर्याप्त पानी में घोल कर वाष्पित दूध में हिलाते हुए मिश्रित करते हैं । स्थायीकारक मिलाने के बाद दूध को हिलाना कम से कम एक घंटे तक जारी रखते हैं । वर्तमान प्रचलन के अनुसार स्थायीकारक की कुछ मात्रा पूर्वतापन (Forewarming) के समय तथा शेष मानकीकरण के बाद संग्रह टैंक में मिलते हैं ।

10. पैकिंग (Packaging):

स्थायीकारक मिले दूध को 5°C तापमान पर बाजार की आवश्यकतानुसार आकार के डिब्बों में पैक किया जाता है । इन्हें अच्छी प्रकार सील करके निर्जमीकरण के लिए भेजा जाता है ।

11. निर्जर्मीकरण (Sterilization):

वाष्पित दूध से भरे डिब्बों की 116-118°C तापमान पर 15 मिन्ट के लिए निर्जमीकृत किया जाता है ।

12. शीतलन (Cooling):

निर्जमीकृत दूध के डिब्बों को निर्जमीकरण के तुरन्त बाद 25-32°C तापमान तक हिलाते हुए ठण्डा करते हैं । शीतलन 15 मिनट में पूरा हो जाना चाहिए ।

13. हिलाना (Shaking):

दूध को डिब्बों में 25-30°C ताप पर 20 से 120 मिनट तक हिलाते हैं ताकि यदि निर्जमीकरण के समय कोई थक्का (Clot) बन गया है तो वह अच्छी प्रकार घुल जाए ।

14. संग्रहण (Storage):

वाष्पित दूध का संग्रहण 5-15°C ताप पर किया जाता है । 16°C से कम ताप पर इसे 2 वर्षों तक संग्रह किया जा सकता है । परन्तु 21°C से अधिक भंडारण ताप पर यह शीघ्र खराब हो जाता है । संग्रह कक्ष में 50% आर्द्रता उपयुक्त रहती है ।

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