स्टेरलाइज्ड दूध: अर्थ और मेरिट्स | Read this article in Hindi to learn about:- 1. निर्जमीकृत दूध का अर्थ (Meaning of Sterilized Milk) 2. निर्जमीकृत दूध के निर्माण विधि (Manufacturing Methods of Sterilized Milk) 3. लाभ (Merits) 4. हानियाँ (Demerits).

निर्जमीकृत दूध का अर्थ (Meaning of Sterilized Milk):

दूध के निर्जमीकरण का अर्थ है कि उसे ऐसे तापमान (100C या अधिक) पर इतने समय (30 मिनट या अधिक) तक गर्म करें कि वह सामान्य ताप पर कम से कम 7 दिन तक मानव उपयोग के योग्य बना रहे तथा इस प्रकार के दूध को निर्जमीकृत दूध कहते हैं । दूध का निर्जमीकरण दूध को बोतलों में भर कर किया जाता है ।

निर्जमीकरण के पश्चात इन निर्जमीकृत दूध युक्त बोतलों को कमरे के सामान्य तापमान पर भी संग्रहित करते है । यह समांगीकृत दूध से निर्माणित किया जाता है अतः देखने तथा छूने में क्रीमी महसूस किया जाता है । इसकी गन्ध Rich, Nutty तथा Caramel होती है ।

इस दूध का रेनिन एन्जाईम द्वारा स्कन्दन इसमें कैल्शियम लवण (CaCl2) मिलाने के बाद ही होता है । इस प्रकार के दूध का निर्माण सर्वप्रथम 1894 में जर्मनी में किया गया था । समांगीकरण क्रिया का समावेश इस निर्माण विधि में 1904 में हुआ । 1930 से पूर्व बोतलों को “Swing Porcelain Rubber – Gasket” से बन्द किया जाता था परन्तु इसके पश्चात Crown Cork चलन में आया ।

निर्जमीकृत दूध के निर्माण विधि (Manufacturing Methods of Sterilized Milk):

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A. बोतल में निर्जमीकरण (In-Bottle Sterilization):

i. प्रवाही आरेख (Flow Diagram):

Receiving Clean & Fresh Milk → Cooling (5°C) → Preheating (35-40°C) → Standardization → Filtration/Clarification → Homogenization (Single Stage at 60°C) → Filling in Sanitized and Hot Bottle & Capping → Sterilization (108°C to 111°C for 25-30 Minutes) → Cooling (Gradually to 20°C) → Storage at Room Temperature

ii. विवरण (Detail):

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निर्जमीकृत दूध उत्पादन के लिये उच्च गुणवत्ता का कच्चा दूध ही प्राप्त करें । यह दूध अम्लता विहीन तथा उसमें बीजाणु बनाने वाले जीवाणु न्यूनतम होने चाहिए । ठण्डा दूध ही प्राप्त करें तथा तुरन्त 5C ताप पर ठण्डा करके प्रसंस्करण तक समाहित करें ।

दूध को छानने से पूर्व 35-40C ताप पर गर्म कर लें । दूध में वसा तथा वसा रहित ठोस का निर्धारण आवश्यक वैधानिक स्तर पर कर लें । अब यदि संग्रह करना हो तो 5C ताप पर ठंडा करके संग्रह करें अन्यथा 60C ताप पर गर्म करके एकल अवस्था पर समांगीकृत करके 60C ताप की गर्म बोतलें में पूरी मात्रा में भर कर Crown Seal Type Cap से बन्द कर दें ।

दूध से भरी इन बोतलों को Sterilizer में रखकर 108 से 111C तापमान पर 25-30 मिनट तक निर्जमीकृत होने दें । इन निर्जमीकृत बोतलों को कमरे के ताप पर धीरे-धीरे ठण्डा करें । तेज गति से ठण्डा करने पर बोतल टूट सकती है ।

B. यू.एच.टी.दूध (Ultra High Temperature Milk):

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यू.एच.टी. दूध का प्रथमतः उत्पादन स्वीटजरलँड में 1961 से हुआ । अन्तर्राष्ट्रीय डेरी फैडरेशन (1979) द्वारा प्रस्तुत परिभाषा के अनुसार UHT Milk वह दूध है जिसे एक सैकिंड से अधिक समय के लिए 132C ताप पर गर्म किया गया हो । UHT Cream बनाने के क्रीम को कम से कम 2 सैकिंड के लिए गर्म किया जाना अपेक्षित है ।

आस्ट्रेलिया की National Health and Medical Research Council ने 1979 में UHT दूध को इस प्रकार परिभाषित किया है कि दूध को कम से कम 133C ताप तक गर्म किया जाये तथा सुरक्षित वातावरण में सुरक्षित बर्तनों में पैक किया जाये । जब भी इसकी परीक्षा की जाये तो इसमें जीवाणु वृद्धि अनुपस्थिति मिलनी चाहिए । भारत में इसका प्रचलन अभी कम है । अमेरिका में कुल प्रसंस्करित दूध का लगभग एक प्रतिशत UHT दूध उत्पादित होता है ।

यू.एच.टी. दूध का निर्माण (Manufacture of UHT Milk):

UHT Processing में दूध का निर्जमीकरण तथा पैकेजिंग नियमित प्रवाह प्रणाली में होता रहता है ।

UHT Processing Plants में दो प्रकार के Heating System पाये जाते हैं:

1. प्रवाही आरेख (Flow Diagram):

A. Direct Heating System:

Milk (High Grade) → Preheating (85°C) → Sterilization (By Steam Injection > 135°C) → Vacuum Cooling → Homogenization → Aspectic Filling

B. Indirect Heating System:

Milk (High Grade) → Preheating (85°C) → Sterilization (Indirect Interface > 135°C) → Direct Cooling → Homogenization → Aseptic Filling

2. विवरण (Details):

सीधी प्रणाली (Direct System) में या तो दूध में भाप Inject की जाती है या भाप भरे चैम्बर में दूध का स्प्रे करते हैं । दूध में भाप के रूप में मिला पानी गर्म दूध को निर्वात चैम्बर (Vacuum Chamber) में ठण्डा करके निकालते हैं ।

अप्रत्यक्ष प्रणाली (Indirect System) में दूध तथा गर्म माध्यम (भाप) के मध्य प्लेटें होती हैं । गर्म माध्यम प्लेटों को गर्म करते हैं तथा प्लेटों के मध्य दूध गर्म होता है । यह प्रणाली प्रत्यक्ष प्रणाली की अपेक्षा काफी सस्ती पडती है ।

निर्जमीकृत दूध के लाभ (Merits of Sterilized Milk):

साधारण निर्जमीकरण की तुलना में इस विधि का उपयोग करने के काफी लाभ है जिनमें प्रमुख निम्नवत् है:

1. लम्बे परिवहन के समय सामान्य तापमान पर सुविधा रहता है ।

2. इस दूध को बिना प्रशीतन सुविधा के कई महीनों तक भंडारित किया जा सकता है ।

3. भारत जैसे गर्म देश में जहां दुग्ध उत्पादन भी मौसम से प्रभावित होता है, UHT प्रसंस्करण बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है क्योंकि Flush Season में जब उत्पादन Lean Season की अपेक्षा 3-4 गुणा होता है तथा दूध को UHT उपचार के बाद बिना कुछ अधिक खर्च किये Lean Season तक संग्रह करके रखा जा सकता है । इससे उत्पादक को सीधा लाभ मिल सकेगा क्योंकि Flush Season में उसके दूध का मूल्य उचित मिलेगा ।

4. प्रशीतन का खर्च एकदम समाप्त किया जा सकता है जो गर्म देशों में बहुत खर्चीला प्रक्रम है । इस दूध को ठण्डा करने की आवश्यकता नहीं होती अतः ऊर्जा तथा धन की बचत होती है ।

5. मानव श्रम खर्च (Man Power Cut) में बंचित होती है ।

6. दूध के खट्टा होने की सम्भावना न्यूनतम रह जाती है ।

7. यह दूध प्रत्येक स्थान पर उपलब्ध कराया जा सकता है ।

8. यह घरों में भी संग्रहित किया जा सकता है । अतः UHT दूध निर्माण के साथ संग्रहण समस्या का समाधान हो जाता है । अतः यूरोपियन देशों में कुछ दुकानदारों ने तो पास्तुरीकृत दूध को हटा कर केवल UHT दूध रखना प्रारम्भ कर दिया है ।

9. UHT दूध उत्पादन से उद्योगों की कार्य दशाओं में सुधार होने की प्रबल सम्भावनाएँ हैं क्योंकि UHT दूध माँग से अधिक भी तैयार किया जा सकता है । अतः संयन्त्र को पूरी क्षमता पर चलाने की सम्भावनाएँ बढ जाती है ।

निर्जमीकृत दूध की हानियाँ (Demerits of Sterilized Milk):

1. इस दूध में पास्तुरीकृत दूध से भिन्न प्रकार की Lactocoremal की उर्पास्थति के कारण Caramelized गन्ध आती है ।

2. अप्रत्यक्ष प्रणाली में प्लेटों के ऊपर ठोस पदार्थों का जमाव होता है । जिन्हें साफ करने का अतिरिक्त खर्च बढ़ जाता है ।

3. पैकिंग (Aseptic Packaging) में अतिरिक्त खर्च आता है ।

4. संग्रह काल में Age Gelation हो सकता है ।

5. कभी-कभी वसा पृथक्कीकरण तथा अविलेय (प्रोटीन) कणों के जमाव (Sedimentation) की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है ।

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