Read this article in Hindi to learn about:- 1. साइन बार की बनावट (Construction of Sine Bar) 2. साइन बार को सेट करना (Setting of Sine Bar) 3. प्रयोग की विधि (Method of Use) 4. सावधानियां (Precautions).

साइन बार की बनावट (Construction of Sine Bar):

किसी जॉब के कोण या टेपर को वर्नियर बेवल प्रोट्रैक्टर से 5′ (5 मिनट) की सूक्ष्मता में मापा व चैक किया जाता है । परंतु जब और अधिक सूक्ष्मता में किसी जॉब के कोण या टेपर को चैक करने की आवश्यकता पडती है तो साइन बार का प्रयोग किया जाता है ।

साइन बार टूल स्टील की बनी हुई एक आयताकार बार होती है जिसके दोनों सिरों पर स्टेप बने होते हैं । इसके दोनों सिरों पर प्रत्येक स्टेप में दो रोलरों को स्क्रू से फिट कर देते हैं । इसके प्रत्येक फेस को अच्छी तरह से फिनिश कर दिया जाता है । इसकी साइड पर 3 या 4 सुराख बने होते हैं जिससे आवश्यकता पड़ने पर कार्य को क्लेम्प किया जाता है ।

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साइज:

साइन बार का साइज इसके दोनों रोलरों के सेंटरों के सेंटरों के बीच की दूरी से लिया जाता है । भारतीय स्टैंडर्ड के अनुसार प्राय: 100, 200, 250 और 500 मि.मी. साइज के साइरन बार पाये जाते हैं ।

सिद्धांत:

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साइन बार को समकोण त्रिभुज के आधार पर बनाया गया जिसमें साइन कोण का मान निकाला जाता है ।

साइन बार को सेट करना (Setting of Sine Bar):

मान लिया 100 मि.मी. वाले साइन बार को 32°-20′ के कोण में सेट करना है ।

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तो निम्नलिखित विधि अपनाएंगे:

साइन बार की दिये कोण में सेट करने के समकोण ऊंचाई (लम्ब) निकालनी पडती है जिसको निम्न सूत्र से ज्ञात कर सकते हैं-

या स्लिप गेजों की ऊंचाई = साइन कोण का मान × साइन बार का साइज साइन तालिका देखने पर पता लगता है कि 32° – 20′ का .5348 मान है ।

∴ स्लिप गेजों की ऊंचाई = .5348 × 100 = 53.46 मि.मी.

इस प्रकार 100 मि.मी. वाले साइन बार को सेट करने के लिए 53.48 मि.मी. साइज के स्लिप गेजों को आपस जोड़कर साइन बार के एक रोलर के नीचे और सरफेस प्लेट के ऊपर रखकर सेट किया जाता है ।

साइन बार के प्रयोग की विधि (Method of Use of Sine Bar):

साइन बार से किसी जॉब के कोण या टेपर को मापने या चैक करने के लिए स्लिप गेज सेट, सरफेस प्लेट और डायल टेस्ट इंडिकेटर की आवश्यकता पड़ती है । समकोण ऊंचाई अर्थात् स्लिप गेजों की ऊंचाई निकालने के बाद स्लिप गेजों को जोड़ कर सरफेस प्लेट पर साइन बार के एक रोलर के नीचे रखकर साइन बार को सेट कर दिया जाता है और जिस जॉब को चैक करना हो उसे साइन बार के ऊपर रखकर डायल टेस्ट इंडिकेटर से चैक कर लिया जाता है कि जॉब की ऊपरी सतह समतल है कि नहीं । इस प्रकार जॉब के कोण या टेपर को आसानी से सूक्ष्मता में चैक किया जाता ।

प्रकार:

I. साइन सेंटर्स टाइप:

इस प्रकार के साइन बार दो एडजस्टेबल सेंटर्स होते हैं जिनमें कोनिकल आकार के जॉब को पकड़कर चैकिंग की जाती है ।

II. साइन टेबल टाइप:

इस प्रकार के साइन बार टेबल के आकार के होते हैं जिनका प्रयोग बड़े साइज के जब के लिए किया जाता है । ये दो प्रकार के पाये जाते हैं- (a) सिम्पल टाइप, (b) यूनिवर्सल टाइप ।

साइन बार के  सावधानियां (Precautions of Sine Bar):

1. कार्य करने से पहले साइन बार को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए ।

2. इसको गिरने से बचाना चाहिए ।

3. इसको कटिंग टूल्स के साथ मिलाकर नहीं रखना चाहिए ।

4. सेटिंग करते समय इसका प्रयोग बड़ी सावधानी से करना चाहिए ।

5. कार्य समाप्त के बाद इसको अच्छी तरह से साफ करके ग्रीस लगाकर रखना चाहिए ।

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