गणतन्त्र दिवस पर निबंध! Here is an essay on ‘Republic Day’ in Hindi language.

26 जनवरी हम देशवासियों के लिए अति शुभ एवं गौरवपूर्ण दिन है । स्वतन्त्रता प्राप्ति के लगभग ढाई वर्ष बाद इसी ऐतिहासिक तिथि 26 जनवरी, 1950 को स्वतन्त्र भारत का संविधान लागू हुआ था ।

इस तिथि को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी और तत्कालीन वायसराय श्री राजगोपालाचारी ने विधिवत् रूप से अपने समस्त अधिकार उन्हें सौंपे थे ।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं उनके सहयोगियों के अथक प्रयास से निर्मित संविधान के जारी होते ही भारत सम्प्रभुता सम्पन्न गणराज्य बन गया । इसी उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है ।

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गणतन्त्र का अर्थ है- ऐसी शासन व्यवस्था, जिसमें सत्ता जनसाधारण में समाहित हो । यूँ तो हमारा देश 15 अगस्त, 1945 को ही अंग्रेजों की दासता से आजाद हो गया था, किन्तु इस स्वतन्त्रता को वास्तविक अर्थ देश को प्रभुत्व सम्पन्न गणतन्त्र राष्ट्र घोषित किए जाने के उपरान्त ही मिला ।

गणतन्त्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है । इस दिन प्रत्येक भारतीय देश की आजादी में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है । गणतन्त्र दिवस की पूर्व सच्चा पर राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम सन्देश देते हैं, जिसका सीधा प्रसारण रेडियो एवं दूरदर्शन पर किया जाता है ।

इण्डिया गेट, विजय पथ, नई दिल्ली में गणतन्त्र दिवस का समारोह विशेष तौर पर आयोजित किया जाता है । देश के अतिथि के रूप में प्रायः किसी देश के ‘राष्ट्राध्यक्ष’ को आमन्त्रित किया जाता है ।

राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद भव्य झाँकी का आयोजन किया जाता है । इण्डिया गेट से लेकर विजय पथ तक इसे देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है ।

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थल सेना, नौ सेना, वायु सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों की परेड इस समारोह की जान होती है । इसके अतिरिक्त, पूरे देश की संस्कृति का आभास कराते हुए प्रायः सभी प्रदेशों की भव्य एवं खूबसूरत झाँकियाँ लोगों का मन मोह लेती हैं ।

इस समारोह में देश के लिए अपनी जान की बाजी लगा देने वाले जवानों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है । देश के कोने-कोने से किसी विशेष मौके पर अपनी सूझ-बूझ एवं वीरता का प्रदर्शन करने वाले बहादुर बच्चों को भी इस दिन राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया जाता है ।

परेड के अन्त में वायु सेना के जहाज आसमान में कलाबाजियाँ प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लेते हैं । प्रजातन्त्र एवं लोकतन्त्र गणतन्त्र के ही समानार्थी शब्द हैं । प्रजातन्त्र शासन प्रणाली के अनेक लाभ हैं । प्रजातन्त्र शासन में राज्य की अपेक्षा व्यक्ति को अधिक महत्व दिया जाता है ।

राज्य व्यक्ति के विकास के लिए पूर्ण अवसर प्रदान कराता है जिस तरह व्यक्ति और समाज को अलग करके दोनों के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती, ठीक उसी प्रकार प्रजातान्त्रिक शासन प्रणाली में प्रजा और सरकार को अलग-अलग नहीं देखा जा सकता ।

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प्रजातन्त्र के कई लाभ हैं, तो इससे कई प्रकार की हानियाँ भी सम्भव हैं । प्रजातन्त्र की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि जनता शिक्षित हो एवं अपना हित समझती हो । जनता को यह समझना होगा कि आजादी हमें आसानी से नहीं मिली है ।

इसके लिए हजारों लोगों ने अपने प्राण त्यागे हैं । आजादी मिलने के बाद देश का गणतन्त्र बनना हमारे लिए दोहरी खुशी है । इस शुभ दिन का सभी को आदर करना चाहिए । गणतन्त्र दिवस आजादी के शहीदों को याद करने एवं उन्हें श्रद्धांजलि देने में मुख्य भूमिका निभाता है ।

इस दिन राष्ट्रपति भवन में अनेक राजकीय समारोह आयोजित किए जाते हैं । विदेशी राजनयिक, वरिष्ठ सम्माननीय जन व पदक विजेता यहाँ एकत्र होते हैं । रात्रि को राष्ट्रपति भवन, सचिवालय, इण्डिया गेट व अन्य राजकीय कार्यालय रंग-बिरंगी रोशनियों से जगमगा उठते हैं ।

लालकिले के प्रांगण में कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है । स्कूलों में देशभक्ति एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है । राष्ट्रीय एकता का यह पर्व सभी धर्मों के लोगों को मिलजुल कर रहने एवं प्रेम-भाईचारे का सन्देश देता है ।

हमें देश की स्वतन्त्रता, अखण्डता एवं सम्प्रभुता बनाए रखनी चाहिए । यह नहीं भूलना चाहिए कि हम आज जिस आजादी की साँस ले रहे हैं, वह वीर-जवानों की देन है । सरहद पर जवान सर्दी-गर्मी, लू के थपेड़े सहते हुए भी हर पल दुश्मनों पर सिर्फ इसलिए नजर रखते हैं कि हमारा गणतन्त्र सुरक्षित रह सके ।

हमें भी अपनी स्वतन्त्रता एवं अखण्डता बनाए रखने का संकल्प लेते हुए, देश के विकास में हर सम्भव योगदान देना चाहिए । महान् सन्त ‘रामतीर्थ’ कहते थे- “राष्ट्र के हित के लिए प्रयत्न करना विश्व की शक्तियों अर्थात् देवताओं की आराधना करना है ।”

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