Read this article in Hindi to learn about:- 1. फ्रांसीसी राष्ट्रपति की निर्वाचन विधि (Election Procedure for French President) 2. फ्रांसीसी राष्ट्रपति का कार्यकाल और पदच्युति (Tenure and Dismissal of French President) 3. कार्य एवं शक्तियाँ (Functions and Powers).

फ्रांसीसी राष्ट्रपति की निर्वाचन विधि (Election Procedure for French President):

मूल रूप से संविधान द्वारा राष्ट्रपति के अप्रत्यक्ष चुनाव की विधि उपलब्ध करायी गयी है । राष्ट्रपति का चुनाव एक ऐसे निर्वाचक मण्डल द्वारा किया जाता था जिसमें तीन प्रकार के सदस्य शामिल होते थे । (i) राष्ट्रीय प्रतिनिधि (संसद के दोनों सदनों के सदस्य), (ii) स्थानीय सत्ताओं के प्रतिनिधि, (iii) विदेशी प्रादेशिक इकाइयों के प्रतिनिधि ।

किन्तु 1962 में एक जनमत संग्रह के द्वारा संविधान को संशोधित कर दिया गया । अब राष्ट्रपति का चुनाव सार्वभौमिक मताधिकार के द्वारा किया जाता है । राष्ट्रपति के चुनाव में जीतने के लिए एक उम्मीदवार को डाले गए वोटों का पूर्ण बहुमत प्राप्त करने की आवश्यकता होती है ।

यदि कोई उम्मीदवार पहले मतदान में आवश्यक बहुमत प्राप्त नहीं कर पाता है तो दूसरा मतदान आयोजित किया जाता है । दूसरे मतदान में केवल वे दो प्रत्याशी ही भाग ले सकते हैं जिन्होंने पहले चरण में अधिकतम मत प्राप्त किए थे ।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति का कार्यकाल और पदच्युति (Tenure and Dismissal of French President):

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राष्ट्रपति का कार्यकाल 7 वर्ष का होता है । वह चाहे जितनी बार पुनर्निवाचन के लिए पात्र होता है । फिर भी संविधान में राष्ट्रपति पद के लिए कोई भी पात्रता (न्यूनतम आयु सीमा सहित) निर्दिष्ट नहीं की गयी है ।

यदि राष्ट्रपति का पद रिक्त हो जाता है तो राष्ट्रपति के कार्य अस्थाई रूप से सीनेट के अध्यक्ष द्वारा सम्पन्न किए जाते हैं । किन्तु सीनेट का अध्यक्ष एक विधेयक को जनमत संग्रह के अधीन ले जाने तथा राष्ट्रीय असेम्बली को विघटित करने की शक्ति नहीं रखता है ।

सीनेट के अध्यक्ष द्वारा राष्ट्रपति के कार्यों, दायित्वों को पूरा न कर पाने की स्थिति में ये कार्य सरकार द्वारा निष्पादित किए जाते हैं । राष्ट्रपति को राजद्रोह के लिए चलाये गये महाभियोग द्वारा कार्यकाल से पहले ही पद से हटाया जा सकता है ।

महाभियोग प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों द्वारा पूर्ण बहुमत से पारित किया जाना चाहिए । संसद के इस प्रस्ताव के बाद न्याय की उच्च अदालत के द्वारा महाभियोग चलाया जाता है ।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति का कार्य एवं शक्तियाँ (Functions and Powers of French President): 

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राष्ट्रपति संविधान की धुरी है और सरकार की प्रणाली में एक प्रभावी स्थिति धारण करता है । वह राज्य का वास्तविक प्रधान होता है और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक माना जाता है ।

इसकी शक्तियाँ और कार्य निम्नलिखित हैं:

1. वह प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है और उसका त्याग-पत्र स्वीकार करता है ।

2. वह प्रधानमंत्री की सलाह पर सरकार के अन्य सदस्यों या मंत्रिपरिषद की नियुक्ति करता है और उन्हें कार्यमुक्त करता है ।

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3. वह मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता करता है जिसके फलस्वरूप उसे सरकार की नीतियों को प्रभावित करने, निर्देशित करने और नियंत्रित करने का प्रत्यक्ष अवसर प्राप्त होता है ।

4. वह राज्य के नागरिक एवं सैनिक पदों पर नियुक्तियाँ करता है ।

5. वह देश की सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च प्रमुख होता है ।

6. वह वार्ताएँ करता है और सन्धियों को अनुमोदित करता है तथा राजनयिकों को भेजता और प्राप्त करता है ।

7. वह उन सभी वार्ताओं के बारे में सूचित रखा जाता है जो कि एक अन्तर्राष्ट्रीय समझौते के निष्कर्ष की ओर ले जाती हैं और जो अनुमोदन का विषय नहीं होती हैं ।

8. वह उच्च परिषदों और राष्ट्रीय रक्षा समितियों की अध्यक्षता करता है ।

9. वह फ्रांसीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व एवं अध्यक्षता करता है ।

10. वह संवैधानिक परिषद के अध्यक्ष और तीन सदस्यों की नियुक्ति करता है ।

11. वह कानूनों को प्रख्यापित करता है जोकि संसद द्वारा 15 दिनों के भीतर अन्तिम रूप से अंगीकृत किए जाते हैं और सरकार को पारेषित किए जाते हैं । फिर भी इस अवधि से पहले वह संसद को किसी कानून पर पुनर्विचार करने के लिए कह सकता है । इस पुनर्विचारण को संसद द्वारा अस्वीकृत नहीं किया जा सकता ।

12. वह संसद को संदेश भेज सकता है और इसके विशेष सत्रों को बुला सकता है ।

13. वह संसदीय सत्रों के दौरान या संसद के दोनों सदनों के संयुक्त प्रस्ताव पर सरकार के प्रस्ताव पर किसी भी सरकारी विधेयक को जनमत संग्रह के लिए प्रस्तुत कर सकता है । यदि यह विधेयक जनमत संग्रह में मंजूर कर लिया जाता है तो राष्ट्रपति को 15 दिनों के भीतर इसे प्रख्यापित करना चाहिए ।

14. वह उन आज्ञप्तियों और अध्यादेशों पर हस्ताक्षर करता है जिन पर मंत्रिपरिषद विचार-विमर्श कर चुकी होती है ।

15. उसे क्षमादान का अधिकार प्राप्त है ।

16. वह न्यायपालिका की उच्चतर परिषद की अध्यक्षता करता है और इसके नौ सदस्यों को नियुक्त भी करता है ।

17. न्यायिक सत्ता की स्वतंत्रता का संरक्षक होता है ।

18. उसे आपातकाल में विशेष शक्तियाँ प्राप्त होती हैं । आपातकाल के दौरान वह प्रधानमंत्री, संसद के दोनों सदनों के अध्यक्षों तथा संवैधानिक परिषद के अध्यक्ष से परामर्श करने के बाद आवश्यक निर्णय ले सकता है ।

19. वह प्रधानमंत्री तथा संसद के दोनों सदनों के अध्यक्षों की सलाह के बाद नेशनल असेम्बली को विघटित कर सकता है । फिर भी संविधान द्वारा इस पर दो निर्बधन लगाये गए हैं । (i) वह नेशनल असेम्बली को बारह महीनों में एक बार से अधिक बार विघटित नहीं कर सकता । (ii) नेशनल असेम्बली को आपातकाल के दौरान विघटित नहीं किया जा सकता ।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति के लिए प्रधानमंत्री और दोनों सदनों के अध्यक्षों की सलाह को मानना आवश्यक नहीं है । इसके अलावा राष्ट्रपति प्रधानमंत्री द्वारा कहे जाने पर विघटन से मना भी कर सकता है ।