Read this article in Hindi to learn about the classification of departments in an organisation. The classification are:- 1. आकार के आधार पर (On the Basis of Size) 2. संरचना के आधार पर (On the Basis of Structure) 3. प्रकृति के आधार पर (On the Basis of Nature) 4. आन्तरिक सम्बन्धों के आधार पर (On the Basis of Internal Relations) 5. नेतृत्व के आधार पर (On the Basis of Leadership).

भारत में अनेक विभाग बड़े हैं, तो कुछ बेहद छोटे हैं । आकार के साथ ही उनके कार्यों का प्रकृति में पूर्णतः समान नहीं है । कुछ ऐसे विभाग भी हो जिनकी कोई क्षेत्रिय एजेन्सी नहीं है । भारत सरकार के विभागों को उक्त आधार पर निम्नलिखित समूहों में रखा जा सकता हैं ।

1. आकार के आधार पर (On the Basis of Size):

i. बड़े विभाग (Large Department):

ADVERTISEMENTS:

आकार के आधार यह इस आशय से बड़े हैं, कि इनका संगठन विशाल है । वस्तुतः इनका नेटवर्क राज्यों तक विस्तृत है, जहां इनके समरूप राज्यों की कोई अपनी सेवा नहीं हैं । रेलवे डाक-तार, सूचना और प्रसारण ऐसे ही केन्द्रीय विभाग हैं ।

ii. छोटे विभाग (Small Department):

केन्द्र सरकार ने समवर्ती सूची के कुछ उन विषयों पर भी विभाग खड़े कर रखे हैं, जिनका मुख्य दायित्व तो राज्यों को ही निभाना हैं । शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि विभाग जैसे विभागों बौने होने का यही कारण है । यद्यपि अनुसंधान अन्वेषण सें संबंधित कुछ छोटे विभाग इस कारण के अपवाद हैं । जैसे अनुशक्ति विभाग, प्रौद्योगिकी विभाग ।

iii. केन्द्र सरकार के प्रमुख विभाग (Central Government Headquarters):

ADVERTISEMENTS:

भारत सरकार राजधानी नई दिल्ली के जिन कार्यालयों में बिरजती है, वे दिशा के आधार पर नार्थ ब्लाक और साउथ ब्लाक कहलाते हैं । इन दोनों में ही केन्द्र सरकार के मंत्रालय अवस्थित हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से केन्द्रीय सचिवालय कहा जाता है । यह सूत्र अभिकरण जो मुख्य कार्यपालिका के अधीन एक ही रेखा पर अवस्थित है । प्रत्येक मंत्रालय के आवंटित हैं ।

प्रत्येक मंत्रालय एक या अधिक विभागों में विभक्त है । 1994 में कुल 74 मंत्रालय थे । मंत्रालयों को निर्मित, विखण्डित संयुक्त या समाप्त करने की शक्ति कार्यपालिका में हैं । 1995 में ग्रामीण क्षेत्र मंत्रालय बनाया गया था । संचार और सूचना-प्रसारण को दो अलग मंत्रालयों में बांट दिया गया ।

केंन्द्र सरकार के सर्वप्रमुख विभाग गृह, वित्त, विदेश और रक्षा मंत्रालय से हैं ।

2. संरचना के आधार पर (On the Basis of Structure):

i. एक कार्य या विशिष्ट कार्य विभाग:

ADVERTISEMENTS:

किसी एक वृहद लक्ष्य की पूर्ति में लगे विभाग इसके अंतर्गत रखे जा सकते हैं, जैसे शिक्षा, रक्षा, श्रम आदि । इनकी एकात्म संरचना होती है, क्योंकि इन्हें एक ही प्रकृति के कार्य करना होते हैं ।

ii. बहुकार्य विभाग:

इनके द्वारा अनेक विविध कार्य किये जाते है । अतः ऐसे विभागों में अनेक उप विभाग सृजित हो जाते है । गृह मंत्रालय इसका सर्वोत्तम उदाहरण हैं ।

3. प्रकृति के आधार पर (On the Basis of Nature):

i. संचालयीन प्रकृति के विभाग:

ये विभाग मात्र प्रबंधकीय कार्य नहीं करते, अपितु इनकी प्रमुख पहचान इनके क्रियाओं से बनती हैं । इनके द्वारा कतिपय क्रियाओं का संचालन किया जाता है । रेलवे, डाकतार, सूचना-प्रसारण ऐसे ही विभाग है ।

ii. गैर संचालनीय प्रकृति के विभाग:

ये मात्र प्रबंधकीय दायित्वों का निर्वाह करते हैं, कतिपय क्षेत्रों में । केन्द्रीय शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि विभाग, राज्यों का स्थानीय शासन विभाग इसी श्रेणी के हैं ।

4. आन्तरिक सम्बन्धों के आधार पर (On the Basis of Internal Relations):

i. मुख्यालय आधारित विभाग – इन्हें क्षेत्र, एजेन्सीयों की आवश्यकता नहीं पड़ती और मुख्यालय से ही काम चलता है ।

ii. क्षेत्र आधारित विभाग – इनका वास्तविक कार्य सम्पादन क्षेत्रों में ही होता है ।

5. नेतृत्व के आधार पर (On the Basis of Leadership):

i. ब्यूरो प्रणाली विभाग – जिसका अध्यक्ष एक ही व्यक्ति होता है । अमेरिका, भारत, ब्रिटेन में यही पद्धति हैं ।

ii. आयोग प्रणाली वाले विभाग – इनका अध्यक्ष व्यक्तियों का एक समूह होता है । यह अप्रचलित पद्धति हैं ।

iii. सामान्य बनाम विशेषज्ञ नेतृत्व – विभाग का प्रशासनीय भारत, ब्रिटेन में अध्यक्ष सामान्य योग्यता धारी होता है, जिसे विभाग का तकनीकी ज्ञान नहीं होता है । अमेरिका में विभाग का अध्यक्ष विशेषज्ञ होता है ।

जिस प्रकार विभागीय संगठन के चार आधारों में से कोई अपने में पूर्ण नहीं हैं, तथा प्रत्येक विभाग एक से अधिक आधारों को समाहित किये हैं, उसी प्रकार विभागीय प्रकार भी वस्तुनिष्ठ नहीं हैं ।