Read this article in Hindi to learn about:- 1. परियोजना मूल्यांकन का अर्थ (Meaning of Project Evaluation) 2. परियोजना मूल्यांकन की अवस्थाएं (Stages of Project Evaluation) 3. आवश्यकता (Need).

परियोजना मूल्यांकन का अर्थ (Meaning of Project Evaluation):

परियोजना मूल्यांकन एक व्यष्टि आयोजन तकनीक है जिसका प्रयोग सार्वजनिक व्यय के मूल्यांकन में किसी परियोजना की सामाजिक वांछनीयता का अनुमान लगाने के लिये किया जाता है । यह किसी योजना में सम्मिलित होने वाले प्रत्येक निवेश प्रस्ताव की लागत और लाभ का मूल्यांकन है ।

इसका अभिप्राय है किसी परियोजना की प्रचालन दक्षता का तकनीकी, आर्थिक, वित्तीय और प्रबन्धात्मक दृष्टि से मूल्यांकन । यह विकास कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग है ।

“परियोजना मूल्यांकन योजनाबद्ध सामाजिक क्रिया के परिणामों के बारे में तथ्य निर्धारण की विधियों से सम्बन्ध रखता है जो कि आयोजन के उत्चक्र को ऊपर की ओर बढ़ाता जाता है । यह विवेकशील कार्य का उचित विधिवत उपकरण है ।” –हाइमन

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यह अति विशेषीकृत आयोजन प्रक्रिया है जिस में व्यक्तिगत वस्तुओं और परियोजनाओं के विकास कार्यक्रमों का व्यवस्थित ध्येयपूर्ण तथा व्यापक मूल्यांकन शामिल है ।

अत: यह परियोजना के प्रतिफल की दर, इसकी सामाजिक लाभप्रदता, जनसंख्या की वृद्धि दर, रोजगार और निवेश की दर पर इसके पार्श्व प्रभावों का मूल्यांकन करता है । परियोजना मूल्यांकन तकनीक विकसित एवं अल्पविकसित दोनों प्रकार के देशों के लिये लाभप्रद है परन्तु अल्पविकसित देशों के लिये यह अधिक लाभकारी है ।

लिटल और मिरलैस ने इसके निम्नलिखित कारण दिये हैं:

1. अल्पविकसित देशों में, वास्तविक बाजार कीमतें, उन्नत देशों की तुलना में, यथार्थ सामाजिक लागतों और लाभों की बदत्तर प्रदर्शनकर्त्ता हैं ।

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निम्नलिखित कारणों से, कीमत विकृतियां अल्पविकसित देशों का एक सामान्य लक्षण हैं:

(i) अल्पविकसित देशों में मुद्रा स्फीति;

(ii) अल्पविकसित देशों में करेन्सी का अधिक मूल्यन;

(iii) अल्पविकसित देशों में अपूर्ण पूँजी बाजार;

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(iv) अल्पविकसित देशों में मजदूरी सीमान्त उत्पादकता के बराबर नहीं होती;

(v) अल्पविकसित देशों में निर्यातों के लिये मांग की लोचहीनता;

(vi) अल्पविकसित देशों की संरक्षणात्मक नीतियां;

(vii) अल्पविकसित देशों में बाजार अर्थव्यवस्था का अभाव ।

2. सभी अल्प विकसित देश मानवीय एवं भौतिक साधनों की दुर्लभता की समस्या का सामना करते हैं । तीव्र आर्थिक विकास के लिये आवश्यक है कि इन साधनों का प्रयोग इष्टतम तथा विवेकपूर्ण ढंग से किया जाये ।

3. इन देशों में किसी परियोजना का सामाजिक लागत लाभ विश्लेषण अधिक आवश्यक है ।

परियोजना मूल्यांकन की अवस्थाएं (Stages of Project Evaluation):

परियोजना मूल्यांकन एक बहुस्तरीय प्रक्रिया है तथा प्राय: इसमें चार अवस्थाएँ होती हैं:

1. प्रत्येक परियोजना के तकनीकी एवं आर्थिक लक्षणों का वर्णन ।

2. निर्माण और प्राचलन दोनों ही अवस्थाओं के दौरान अर्थव्यवस्था पर परियोजना के प्रभावों का अनुमान ।

3. परियोजना के प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष परिणामों का मूल्यांकन ।

4. परियोजना के लिये मानदण्ड का निर्माण ।

परियोजना मूल्यांकन की आवश्यकता (Need for Project Evaluation):

परियोजना मूल्यांकन एक धुरा है जिसके इर्द गिर्द आर्थिक विकास घूमता है । एक सुदृढ़ विकास योजना के लिये वर्तमान एवं सम्भावित परियोजनाओं से सम्बन्धित बहुत से ज्ञान की आवश्यकता होती है । निवेश एवं वृद्धि दर के बीच सम्बन्ध का उचित अनुमान वास्तविक और सम्भावित निवेश परियोजनाओं के उचित ज्ञान के बिना नहीं लगाया जा सकता ।

”अल्पविकसित देशों में निवेश आयोजन के सार में परियोजनाओं को उनके लाभ लागत अनुपात के अनुसार स्थान देना सम्मिलित है तथा उनको अवरोही क्रम में आरम्भ किया जाये जब तक कि निवेश के लिये उपलब्ध बचतें समाप्त नहीं हो जाती ।” –हारबर्गर

विभिन्न क्षेत्रों के बीच निवेश आबंटित करने के पश्चात, योजनाकर्ता को उन क्षेत्रों के भीतर परियोजनाओं का चयन करना होगा जिनकी ओर निवेश निर्दिष्ट है । यदि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के बीच निवेश के विभाजन को विवेकपूर्ण होना है तो आवश्यक है तो प्रत्येक क्षेत्र में विभिन्न परियोजना की लागतों और लाभों का तुलनात्मक आधार पर मूल्यांकन किया जाये ।

विकास की होड़ में अनेक परियोजनाएं सदैव तैयार रहती हैं जबकि निवेश के लिए साधन सीमित होते हैं । इसलिये योजना प्राधिकरण को इन परियोजना के बीच चयन करना पड़ता है तथा यह चयन परियोजना मूल्यांकन पर निर्भर करता है । 

निवेश आबंटन इस प्रकार से करना आवश्यक है जिससे शुद्ध लाभों को अधिकतम बनाया जा सके । अत: निवेश आयोजन साधनों के अति दक्षतापूर्ण निर्धारण को ध्यान में रखते हुये किया जाये । एक स्वतन्त्र बाजार की अर्थव्यवस्था में, परियोजनाओं का चुनाव शुद्ध लाभप्रदता के आधार पर होना चाहिये ।

परन्तु एक आयोजित अर्थव्यवस्था में, किसी परियोजना अथवा योजना के चयन अथवा निष्कासन के लिये सामाजिक लागतों और लाभों पर विचार किया जाता है । अधिकतम सामाजिक लाभ की प्राप्ति के लिये निवेश को उन क्षेत्रों तथा उन परियोजनाओं की ओर निर्दिष्ट करना पड़ता है जहां वे अर्थव्यवस्था के लिये सबसे अधिक लाभकारी होती हैं ।

संक्षेप में, पर्याप्त परियोजना आयोजन की अनुपस्थिति में यथार्थवादी योजनाओं का निर्माण नहीं किया जा सकता । किसी भी परियोजना को योजना में सम्मिलित करने से पूर्व उसका मूल्यांकन परीक्षण आवश्यक है । इसमें परियोजना के लाभों का इसकी लागतों के अनुपात में अनुमान लगाना आवश्यक है ।

लाभ लागत गणना के पश्चात उन सभी परियोजनाओं को जो तकनीकी रूप में सम्भाव्य है, अवरोही क्रम में व्यवस्थित किया जाता है । केवल ऊपर की कुछ योजनाएं जिनका लाभ लागत अनुपात उच्चतम होता है तथा जिनकी कुल पूंजी लागत योजना के कुल आकार तक जुड़ती है, को शामिल किया जाता है और शेष को बाहर रखा जाता हे ।

जब परियोजना मूल्यांकन की ऐसी प्रक्रिया के पश्चात् परियोजनाओं को योजना में सम्मिलित किया जाता है तो योजना इष्टतम होगी अत: परियोजना मूल्यांकन इष्टतमीकरण की एक तकनीक है ।