Read this article in Hindi to learn about clamps and its types.

क्लेम्प जिग या फिक्स्चर का वह पाई है जो कि जॉब को क्लेम्प करता है या पकड़ता है । इसका मुख्य कार्य मशीनिंग कार्यक्रिया के दौरान जॉब को सही पोजीशन में पकडे रखना है । इसका प्रयोग करते समय इसे जॉब के उस स्थान पर संपर्क में लाना चाहिए जहां पर जॉब अधिक सुदृढ़ हो । क्लेम्पिंग करते समय यदि दबाव के कारण जॉब के मुड़ने की संभावना हो तो उस स्थान पर आश्रय लगा देनी चाहिए ।

टूल फोर्स:

यह वह फोर्स है जो कि कटिंग ऐक्शन द्वारा उत्पन्न होता है । इस प्रकार के फोर्स प्रायः कार्य द्वारा कटिंग या शियरिंग का विरोध करने के कारण बनते हैं । अधिकतर टूल फोर्स टूल के बेस से डाउनवर्ड दिशा की ओर होते हैं ।

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क्लेम्पिंग फोर्स:

यह वह फोर्स है जिनके कारण मशीनिंग आपरेशन के दौरान पार्ट को जिग्स या फिक्स्चर्स से फिसलने या शिफ्ट होने से बचाया जा सकता है ।

विभिन्न प्रकार के क्लेम्प्स:

कार्य के अनुसार प्रायः निम्नलिखित प्रकार के क्लेम्प्स प्रयोग में लाए जाते हैं:

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i. स्ट्रैप क्लेम्प्स:

ये साधारण प्रकार के क्लेम्पस होते हैं जिन्हें लीवर ऐक्शन के अनुसार निम्नलिखित तीन वर्गों में बांटा जा सकता है:

(क) पहले वर्ग के अंतर्गत जो क्लेम्प्स आते हैं उनका आलम्ब कार्य और बल के बीच में होता है ।

(ख) दूसरे वर्ग के अंतर्गत जो क्लेम्प्स आते हैं उनमें कार्य को आलम्ब और बल के बीच में पकड़ा जाता है ।

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(ग) तीसरे वर्ग के अंतर्गत जो क्लेम्प्स आते हैं उनमें बल कार्य और आलम्ब के बीच होता है ।

स्ट्रैप क्लेम्प्स के प्रकार:

स्ट्रैप क्लेम्पस प्रायः निम्नलिखित तीन प्रकार के प्रयोग में लाए जाते हैं:

(क) हिंज क्लेम्प

(ख) स्लाइडिंग क्लेम्प

(ग) लैच क्लेम्प

स्ट्रैप क्लेम्प्स को मेन्युअली या पॉवर ड्रिविन डिवाइसों के द्वारा आपरेट किया जाता है । मेन्यूअली डिवाइसों के अंतर्गत हैंड नोब्स, केम्स, हेंक्सागनल नट्स आदि तथा पॉवर डिवाइसों के अंतर्गत न्यूमेटिक या हाईड़ोलिक सिस्टम आते हैं ।

ii. स्क्रू कलेम्प्स:

जिग्स व फिक्लर्स के साथ इन क्लेम्प्स का प्रयोग अधिकतर करते हैं । इनमें पार्ट को क्लेम्प करने के लिए स्क्रू थ्रेड्‌स का प्रयोग करते हैं । इनसे क्लेम्पिंग करते समय आपरेटिंग स्पीड अपेक्षाकृत कम होती है जिससे समय अधिक लगता है । कार्य के अनुसार कई प्रकार के स्क्रू क्लेम्प्स प्रयोग में लाए जाते हैं जैसे हुक क्लेम्प्स, स्विंग क्लेम्प्स, क्विक ऐक्टिंग नोब्स इत्यादि ।

iii. केम ऐक्शन क्लेम्प्स:

इस प्रकार के क्लेम्प्स के द्वारा जॉब को आसानी व शीध्रता से क्लेम्प्स किया जा सकता है तथा क्लेम्पिंग भी सुदृढ़ता में होती है । बनावट व बेसिक आपरेटिंग सिद्धांत के कारण इनका प्रयोग केवल कुछ सीमित कार्यों के लिए ही किया जाता है । क्लेम्पिंग करते समय प्रायः तीन प्रकार के क्लेम्प्स का प्रयोग किया जाता है- (a) फ्लैट इक्सेंट्रिक क्लेम्प्स, (b) स्पायरल क्लेस्थ्य, (c) सिलण्ड्रिकल क्लेम्स्प ।

iv. वैज टाइप क्लेप्म्स:

इस प्रकार के क्लेस्थ्य तिरछे प्लेन के सिद्धांत पर कार्य करते हैं जो कि प्रायः दो आकारों में पाए जाते हैं- (i) फ्लैट वैज टाइप (ii) कोनिकल वैज टाइप । फ्लैट वैज टाइप में प्रायः फ्लैट जॉब तथा कोनिकल वैज टाइप में उन जॉबों को पकड़ा जाता है जिनमें सुराख हों जिसके लिए प्रायः विभिन्न प्रकार की सॉलिड व एक्सपेंशन मंड़ल प्रयोग की जाती हैं । फ्लैट वैज टाइप क्लेम्प द्वारा किसी अतिरिक्त अटैचमेंट के प्रयोग किए बिना जॉब को क्लेम्प किया जाता है जिसमें वैज को प्रायः 1° से 4° के कोण में बनाया जाता है जिसे सेल्फ होल्डिंग वैज कहते हैं ।

बड़े कोण वाली वैज का प्रयोग वहां पर करते हैं जहां पर मूवमेंट की आवश्यकता होती है जिसे रिलीजिंग वैज कहते हैं तथा इनका प्रयोग करने के लिए स्क्रू या केम के द्वारा जॉब को सही पोजीशन में पकड़ने की आवश्यकता होती हैं ।

v. टोगल ऐक्शन क्लेम्प:

इनका प्रयोग करने से जॉब को आसानी से बदला जा सकता है । इन क्लेम्प्स के प्रायः चार बेसिक क्लेम्पिंग ऐक्शन प्रयोग किए जाते हैं जैसे- (a) होल्ड डाउन ऐक्शन (b) पुल ऐक्शन (c) सक्वीज ऐक्शन तथा (d) स्ट्रेट लाइन ऐक्शन । ये क्लेस्थ्य लीवर और तीन पिवॉट प्वाइंटों के सिस्टम पर कार्य करते ।

vi. पॉवर क्लेम्पिंग:

इस प्रकार की क्लेम्पिंग प्रायः हाईड्रोलिक, न्यूमेटिक पॉवर के अंतर्गत या ऐअर-टू-हाइड्रोलिक बूस्टर के साथ कार्य करती है । पॉवर सप्लाई के लिए प्रायः ऐअर- टू-हाइड्रोलिक को वरीयता दी जाती है जिसे नियमित शाप लाइन प्रैशर से आपरेट किया जा सकता है ।

इस प्रकार की क्लेम्पिंग के कई लाभ होते हैं जैसे:

(a) क्लेम्पिंग प्रैशर का अच्छा कंट्रोल संभव होता है,

(b) क्लेम्प के मूविंग पार्टस पर घिसावट कम होती है,

(c) आपरेटिंग साइकिल तेज होता है ।

vii. नान-मकेनिकल क्लेम्पिंग:

इन क्लेम्प्स का प्रयोग प्रायः उन पार्ट्स को क्लेम्प करने के लिए करते हैं जिन्हें आकार, साइज या डिस्टार्शन की संभावना के कारण व्यवहारिक रूप से अन्य साधनों द्वारा क्लेम्प करना संभव न हो ।

प्रायः निम्नलिखित नान-मकेनिकल क्लेम्प्स प्रयोग किए जाते हैं:

(क) मेग्नेटिक चॅक

(ख) वेक्यूम चॅक

मेग्नेटिक चॅक का प्रयोग केवल फेरस धातुओं की क्लेम्पिंग के लिए सीमित होता है । वेक्यूम चॅक में प्रायः नान फेरस धातुओं के जॉब यूनिफार्म क्लेम्प किए जा सकते हैं ।

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