Here is a list of nine important work holding devices in Hindi language.

जब ड्रिलिंग मशीन पर कोई आपरेशन करना होता है तो मशीन के साथ जॉब को अच्छी तरह से बांधने या क्लेम्प करने की आवश्यकता होती है । यदि कार्य करते समय जॉब को ड्रिल मशीन के टेबल के साथ अच्छी तरह नहीं बांधा जाता है तो जॉब कंपन करेगा जिससे जॉब खराब हो सकता है, ड्रिल टूटने की संभावना रहती है और दुर्घटना भी हो सकती है । जिन साधनों के द्वारा जॉब को मशीन के टेबल के साथ बांधते हैं उन्हें कार्य पकड़ने के साधन कहते हैं ।

ये प्रायः निम्नलिखित होते हैं:

1. मशीन वाइस (Machine Vice):

मशीन वाइस को पहले ‘T’ बोल्ट की सहायता से टेबल के साथ अच्छी तरह से बांध देते हैं । इसके बाद जॉब को मशीन वाइस में बांध कर कोई भी आपरेशन आसानी से किया जा सकता है ।

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कार्य के अनुसार निम्नलिखित मशीन बाइसें अधिकतर प्रयोग में लायी जाती है:

(i) प्लेन मशीन वाइस:

यह साधारण प्रकार की मशीन वाइस होती है जिसका प्रयोग साधारण प्रकार के जॉब को पकड़ने के लिए किया जाता है ।

(ii) स्विवल बेस मशीन:

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वाइस यह प्लेन मशीन वाइस की तरह होती है जिसको एक गोलाकार बेस पर फिट किया जाता है । इसलिए इसको गोलाकार बेस पर टेबल के समानान्तर चारों ओर किसी भी कोण में घुमा कर कसा जा सकता है । जॉब पर ड्रिलिंग करनी हो तो उसको इस वाइस में बांध कर कार्य किया जा सकता है ।

(iii) यूनिवर्सल मशीन वाइस:

इस प्रकार की मशीन वाइस टेबल के समानान्तर गोलाकार बेस के चारों ओर घूम सकती है और मशीन के टेबल के साथ किसी भी कोण में इसको झुकाया भी जा सकता है इस वाइस में जॉब को बांध कर ऐंगल में ड्रिलिंग की जा कसती है ।

2. क्लेम्प्स (Clamps):

ड्रिलिंग मशीन के टेबल के साथ जॉब को मशीन वाइस के अतिरिक्त स्ट्रैप क्लेम्प से भी बांध सकते हैं जो कि विभिन्न प्रकार के प्रयोग में लाये जाते हैं । इनमें प्रायः बोल्ट के लिये सुराख या स्लॉट बने होते हैं । वर्कशाप में प्रायः प्लेन क्लेम्प, एडजस्टेबल क्लेम्प, क्लेम्प, गुसनेक क्लेम्प और फिंगर क्लेम्प प्रयोग में लाये जाते हैं ।

3. स्टेप ब्लॉक (Step Block):

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यह एक प्रकार का स्टील का ब्लॉक होता है जिस पर दो से अधिक स्टेप बने होते हैं । इसका प्रयोग प्रायः वहां पर किया जाता है जहां पर भिन्न-भिन्न ऊंचाइयों के जॉबों को स्ट्रैप क्तेम्पों की सहायता से बांधना होता है । स्ट्रैप क्लेम्प के दूसरे छोर को सहारा देने के लिए स्ट्रैप ब्लॉक का प्रयोग किया जाता है ।

4. ‘वी’ ब्लॉक (‘V’ Block):

‘वी’ ब्लॉक प्रायः जोड़े में पाये जाते हैं । इनका प्रयोग प्रायः वहां पर किया जाता है जहां पर किसी गोल आकार के जॉब परड्रिलिंग करनी होती है । गोल आकार के जॉब पर शिलिंग आपरेशन करते समय उसे ‘वी’ ब्लॉक से सहारा देकर बांधा जाता है ।

5. ऐंगल प्लेट (Angle Plate):

यह अंग्रेजी के अक्षर ‘L’ के आकार में बनी होती है इसके दो चौड़े फेस होते हैं जिनको 90 के कोण में बना कर फिनिश कर दिया जाता है । इसके प्रत्येक फेस पर स्लॉट या सुराख बने होते हैं । इसका प्रयोग ड्रिलिंग करते समय ऐसे जॉब को पकडने के लिये किया जाता है जिनको मशीन वाइस या स्ट्रैप क्लेम्पों से नहीं बांधा जा सकता है ।

6. पेरेलल्स (Parallels):

ये आयताकार आकार में स्टील से बनी होती है जिनकी प्रत्येक साइड को बडी शुद्धता में फिनिश किया जाता है कार्य के अनुसार ये भिन्न-भिन्न लंबाइयों और मोटाइयों में पाई जाती है । इनका प्रयोग जॉब को मशीन के टेबल के समानान्तर लेवल में सेट करने के लिये किया जाता है ।

7. ‘सी’ क्लेम्प (C Clamp):

यह अंग्रेजी के अक्षर ‘C’ के आकार का क्लेम्प होता है जिसका प्रयोग ड्रिलिंग करते समय दो या दो से अधिक जॉबों को पकड़ने के लिए किया जाता है ।

8. टूल मेकर्स क्लेम्प (Tool Maker’s Clamp):

इस क्लेम्प में दो जॉस् होते हैं, और उनको दो स्क्रूस् के द्वारा जोड़ा जाता है । इनका प्रयोग ड्रिलिंग करते समय दो या दो से अधिक पार्ट्स को आपस में पकड़ने के लिए किया जाता है ।

9. ‘टी’ बोल्ट (‘T’ Bolt):

यह अंग्रेजी के अक्षर ‘T’ के आकार के बोल्ट होते हैं जिनकी सहायता से मशीन वाइस या स्ट्रैप क्लेम्प आदि को मशीन के टेबल के साथ अच्छी तरह से बांधते हैं ।