क्रीम कैसे बनाये जाते है | Are you planning to manufacture creams? Read this article in Hindi to learn about:- 1. How to Manufacture Cold Cream? 2. How to Manufacture Vanishing Cream? 3. How to Manufacture Hand Cream? 4. How to Manufacture Cleansing Cream?

कोल्ड क्रीम  को उत्पादन  करना (How to Manufacture Cold Cream?):

वर्तमान युग में कोल्ड क्रीम बहुत ही प्रचलित एवं लोकप्रिय सौंदर्य प्रसाधन है । इसका प्रयोग स्त्री पुरुष दोनों ही करते हैं । लेकिन स्त्रियों के लिए यह विशेष आकर्षण की चीज है । इसे चेहरे पर अच्छी, तरह से मालिश कर लेने से त्वचा मुलायम होती है और लोच आती है तथा रूखापन मिट जाता है ।

इसे चेहरे पर लगाने से हल्का ठंडा महसूस होता है । इसका कारण यह है कि इसमें पानी की मात्रा मौजूद होती है जो धीरे-धीरे वाष्पीकृत होती है जिससे चेहरा ठंडा रहता है ।

बनाने की विधि (Manufacturing Process):

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कोल्ड क्रीम के उत्पादन के लिए एक वाटर जैकेटेड मिक्सिंग मशीन में मोम को पहले डाल दिया जाता है । मशीन को फरनेस कि या उसमें लगे हीटर के सहारे गर्म किया जाता है । इससे जैकेट के अन्दर रखा पानी गर्म होता है जिससे बर्तन में रखा मोम गर्म होकर पिघल जाता है ।

अब इसमें द्रव पैराफिन मिलाकर 80° सें॰ग्रे॰ तक गर्म किया जाता है । स्टैनलेस स्टील के दूसरे बर्तन में पानी डालकर गर्म करते हैं तथा इसमें सुहागा अथवा अन्य एमलशन बनाने में सहायक केमिकल जैसे कॉस्टिक पोटाश या ट्राईइथानोलएमाइन आदि मिला देते हैं ।

इस मिश्रण को भी 80°C तक गर्म करते हैं । इस मिश्रण को मोम वाले मिश्रण में मिलाकर मशीन को चला दिया जाता है, जिससे उसमें लगे ब्लेड के तेजी से घूमने से उसमें रखे पदार्थ अच्छी तरह मिश्रित हो जाते हैं । जब क्रीम तैयार हो जाती है तो उसे ठंडा करके उसमें सुगन्धि मिलाकर धीरे-धीरे मशीन को चलाकर मिलाया जाता है ।

इसके बाद तैयार क्रीम को मशीन को झुकाकर दूसरे बर्तन में निकाल लिया जाता है । इसे बाजार के उपभोक्ता माँग के अनुसार आकर्षक पैकिंग किया जाता है । इसके बाद यह बिक्री के लिए तैयार हो जाता है ।

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कोल्ड क्रीम उत्पादन के आधुनिक फार्मूले (Modern Formula of Cold Cream Production):

कच्चा माल (Raw Materials):

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1. मक्खी मोम बोरेक्स

2. मिनरल ऑयल

3. स्रावित जल

4. बोरेक्स

5. पैराफिन मोम

6. सेरेसिन

7. स्पर्मासेटी

8. सुगंधि

मशीन और उपकरण (Machines & Equipment):

1. मेल्टिंग टैंक

2. टिल्टिग टाइप मिक्सिंग मशीन

3. भट्टी

4. स्टोरेज बैंक, स्टेनलेस स्टील का

 

वैनिशिंग क्रीम (स्नो) को उत्पादन  करना (How to Manufacture Vanishing Cream?):

भारत में सबसे अधिक बिक्री इन्हीं क्रीमों की होती है । इनके लगाने से चेहरे पर चिकनाई नहीं आती, क्योंकि चेहरे पर मलते ही यह त्वचा में प्रविष्ट हो जाती है । त्वचा चिकनी एवं तेल से चुपड़ी हुई मालूम पड़ने के बजाय ताजा और स्वस्थ दिखाई देती है । दूसरी बात हय है कि इसे लगाने के बाद चेहरे पर पाउडर लगाया जाय तो अच्छी तरह जम जाता है । बहरहाल जो भी हो भारत में वैनिशिंग क्रीम ही ज्यादा चलती है ।

वैनिशिंग (स्नो) का मुख्य रचक स्टियरिक एसिड है, सफेद रंग का ठोस पदार्थ होता है और स्नो बनाने के लिए इसकी सबसे ऊंची क्वालिटी प्रयोग की जाती है जिसे ट्रिपल प्रैस्ड कहते हैं ।

एक अच्छी स्नो में उसके वजन का 20 प्रतिशत तक स्टियरिक एसिड ही होता है । स्टीयरिक एसिड को किसी क्षार (अल्कली) द्वारा न्यूट्रल किया जाता है, परन्तु क्षार इतनी मात्रा में मिलाया जाता है कि स्टीयरिक एसिड की पूरी मात्रा हल न हों बल्कि इसका 30 प्रतिशत भाग न्यूट्रल हो सके । अगर हम सारे स्टियरिक क एसिड को न्यूट्रल कर देंगे तो बजाय क्रीम के साबुन बन जाता है ।

क्रीम के गाढेपन पर स्टियरिक एसिड अनुपात का ही प्रभाव पड़ता है, बल्कि उस क्षार की प्रकृति का भी प्रभाव पड़ता है जो इसके बनाने में प्रयोग किया जाता है । उदाहरण के लिए जो स्नो सोडा कॉस्टिक से बनाई जाती है, वह उस स्नो के मुकाबले में ज्यादा गाढ़ी होती है, जो पोटाश कॉस्टिक से बनाई जाती है ।

कच्चा माल (Raw Materials):

1. स्टियरिक एसिड

2. पोटेशियम कार्बोनेट

3. कॉस्टिक पोटाश

4. सोडा कॉस्टिक

5. सोडा पेश

6. बोरैक्स

7. अमोनिया लिकर

8. ट्राईइथेनॉल एमीन

9. सुगन्धि

10. ग्लिसरीन

11. स्रावित जल

12. चन्दन का तेल

स्नो बनाने के फार्मूले:

उत्पादन विधि (Manufacturing Process):

वैनिशिंग क्रीम बनाने की विधि वही है जो कोल्ड क्रीम की है अर्थात् वाटर जैकेटेड मिक्सिंग मशीन में (या वाटर बाथ पर) स्टियरिक एसिड को पिघलाकर 80-85° C पर लाया जाये । एक दूसरे के बर्तन में पानी में ग्लिसरीन (कारबीटोल) को घोलकर इसे उक्त तापक्रम तक गर्म करके क्षार मिलया दिया जाये ।

इस क्षार मिले गर्म पानी को उपरोक्त पिघले हुए स्टियरिक एसिड में धीरे-धीरे डालते हुए मशीन को चलाया जाता है ताकि सब मिलकर एक जैसा हो जायें । अब गर्म करना बद करके स्नो को उस समय तक चलाते रहे जब तक क्रीम गाड़ी न हो जाय ।

इसके बाद प्रत्येक 4-4 घंटे बाद कुछ मिनटों तक स्नो को चलाकर छोड़ दिया जाता है । यह क्रिया 24 घटे तक की जाती है । इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इतने समय में क्रीम का तापक्रम 20°C से नीचे न गिरने पाये । इसके बाद सुगंधि कम्पाउण्ड मिलाकर क्रीम को पैक कर लिया जाता है ।

स्नो बनाने के बहुत से फार्मूले सीधे-साधे और सस्ते हैं तथा कुछ जटिल हैं, जो थोड़े महंगे से लेकर बहुत अधिक महंगे तक हो सकते हैं । फार्मूले का चुनाव मार्केट में चलने वाले माल की क्वालिटी को देखकर करना चाहिए । ताकि माल इतना महंगा न पड़े कि उपभोक्ता उसे खरीद न सकें ।

स्नो बनाने के फार्मूले (Snow Formula):

 

स्नो में मोती जैसी चमक (Glow like Pearls in Snow):

अगर स्टियरिक एसिड अच्छी क्वालिटी का हो और स्नो बनाने में बजाय कॉस्टिक क्षारों के ट्राई ईथानोलाएमाइन क्षार का प्रयोग किया जाय तो मोती जैसी चमक स्वयं ही आ जाती है बशर्ते कि स्नो कुछ दिन रखी रहे ।

पाउडर खोजों से यह ज्ञात हुआ कि स्नो में चमक पैदा करने के लिए ओलेइन अल्कोहल (Oleyl Alcohol) बड़ा सहायक सिद्ध होता है । यह अल्कोहल औलिक ऐसिड से तैयार किया जाता है ।

स्नो में मोती जैसी चमक (Glow like Pearls in Snow):

विधि नं 1 वाले रचकों को वाटर जैकेटेड मिक्सिंग मशीन में डालकर 80° सैन्टी तक पिघलाया जाता है । एक दूसरे बर्तन में नं 2 वाले रुचकों को इसी तापक्रम तक पिघला कर नं 1 में मिलाकर मशीन को चला दिया जाता है । ठंडा होने पर सुगन्धि मिला दें ।

स्नो में जिंक ऑक्साइड (Zinc Oxide in Snow):

यूरोपियन व अमेरिकनों का रंग स्वयं गोरा होता है । अतः वे लोग ऐसी स्नो व क्रीमें ही प्रयोग करते हैं जिनमे चेहरे के रंग को ढक्कर सफेद दिखाने वाली कोई चीज न हो । भारत में इसके विपरीत होता है । यहाँ के अधिकांश व्यक्ति स्नो से यह अपेक्षा करते है कि इसको लगाने के बाद चेहरे पर सफेदी की झलक आवे और रंग गोरा मालूम हो ।

इस काम के लिए स्नो में थोड़ा जिक ऑक्साइड मिलाया जाता है । आमतौर पर 125 भाग क्रीम में 1 भाग जिंक ऑक्साइड मिलाया जाता है । इसको पहले थोड़ी सी ग्लिसरीन में अच्छी तरह मिला लेते हैं और तैयार करते समय उस समय मिलाते हैं जब वह कुछ बडी होने लगती हो । जिंक ऑक्साइड की जगह टिटैनियम डाई आक्साइड प्रयोग किया जा सकता है । यह वजन में हल्का होने के कारण तली में बैठता नहीं है और जिंक ऑक्साइड से ज्यादा सफेद होता है ।

 

मशीन ओर उपकरण (Machines & Equipments):

1. जैकेटेड मैल्टिंग पात्र

2. मिक्सिंग मशीन

3. हीटिंग टैंक

4. स्टोरेज टैंक

5. बॉयलर

 

 

हैंड क्रीम को उत्पादन  करना (How to Manufacture Hand Cream?):

भूमिका (Role):

हैंडक्रीम एक बहुउद्देशीय उपयोग की चीज है । यह सौंदर्य प्रसाधन के जैसी सुन्दरता निखारने के लिए उपयोग किया जाता है । इसके साथ ही चर्म रक्षक दवा की तरह भी काम करता है । इन दोनों गुणों के कारण क्रीम का महत्व काफी बढ़ जाता है ।

बहुत से रासायनिक पदार्थ ऐसे हैं जो चर्म के स्पर्श में आने पर वे उस पर बुरा असर डालते हैं । वैसे पदार्थ के साथ काम करने के साथ हैंड क्रीम को चर्म के ऊपर मालिश कर लिया जाता है । यह ऐसे संतापक (Irritating) पदार्थ को चर्म के संपर्क में बिल्कुल आने नहीं देता ।

उपयोग (Uses):

हड क्रीम को मुख्यतः रासायनिक उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों के हाथ में रक्षक सतह के समान मालिश करने के लिए उपयोग किया जाता है । यह चर्म रक्षक जेली को तीखे पदार्थ जैसे ग्रीज, पेंट, तेल रोशनाई या गैलोसीन इत्यादि से हाथों पर होने वाले दुष्प्रभाव को रोकने के लिए हाथों पर लगाया जाता है । खास करके स्त्रियों के हाथों पर मालिश करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है ।

मार्केट सर्वेक्षण (Market Survey):

वर्तमान समय में हैंड क्रीम की खपत है । भविष्य में इसकी मांग बढ़ने की काफी सम्भावना है, क्योकि एक से बढ्‌कर एक सॉफिस्टिकेटेड रासायनिक उद्योगों की स्थापना हो रही है । रासायनिक पदा थीं को खुले हाथों से प्रयोग करना हानिकारक होता है । अतः हैंड क्रीम का मार्केट बहुत ही अच्छा है ।

हैंड क्रीम उत्पादन का फार्मूला (Hand Cream Formula Formula):

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उत्पादन विधि (Manufacturing Process):

स्टियरिक एसिट और लैक्थिन को एक साथ मिलाया जाता है । गर्म करके इसका तापमान 165° फा. कर दिया जाता है । ट्राई-इथेनॉल एमाइन को पानी में डालकर इसमें ग्लिसरीन मिला दिया जाता है । इसे गर्म करके तापक्रम 165° फा. तक कर दिया जाता है, तथा इसमें स्टियरिक एसिड मिश्रण को मिला दिया जाता है ।

कुल मिश्रण को मिलाने की क्रिया को तब तक जारी रखा जाता है जब तक कि एमलशन समरूप न बन जाये । मिश्रण का तापमान 105° फा तक लाकर उसमें अल्कोहल में घोल गये परफ्यूम तथा प्रिजरवेटिव को मिला दिया जाता है । मिश्रण को मिलाने की क्रिया तब तक जारी रखी जाती है जब तक कि क्रीम चिकना न बन जाये । तैयार माल को उचित ढंग से पैक कर लिया जाता है ।

हैंड क्रीम उत्पादन का अन्य फार्मूला (Other Formula for Hand Cream Production):

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कच्चा माल (Raw Materials):

1. स्टियरिक एसिड

2. मक्खी का मोम

3. ग्लिसरीन

4. पेट्रोलियम जैली

5. अल्कोहल

6. स्रावित जल

7. ट्राइइथेनॉल एमाइन

8. मैग्नेशियम स्टियरेट

9. सुगंधि

10. प्रिजरवेटिव

मशीन और उपकरण (Machinery & Equipments):

1. मिक्सिंग मशीन

2. हीटिंग फरनेस

3. स्टोरेज टैंक

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क्लीनसिंग क्रीम को उत्पादन  करना  (How to Manufacture Cleansing Cream?):

ग्लिसरीन, सुहागा तथा डिस्टिल्ड वाटर को तामचीनी के बर्तन में डालकर एक जगह मिला लें और 90 डिग्री सैंटीग्रेड तक गर्म करें । इसी प्रकार एक अन्य बर्तन में स्टियरिक एसिड तथा लानोलीन डालकर धीमी आंच या वाटर-बाथ पर पिघला लिया जाता है । इन्हें पिघलाकर आपस में अच्छी तरह मिल जाने के बाद मिश्रण को 90 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान तक गर्म होने दिया जाता है इसके पश्चात् स्टियरिक एसिड तथा लानोलीन के इस गम मिश्रण में, पहले बर्तन में तैयार रखा घोल मिलाकर अच्छी तरह चलाया जाता है, ताकि यह सम्पूण मिश्रण एक समान हो जाय ।

जब तक यह सम्पूर्ण मिश्रण ठंडा होकर शहद की तरह गाढ़ा न हो जाये, इसे चालाया जाता है और फिर सुगंध मिलाकर आवश्यकतानुसार शीशियों में पैक कर लिया जाता है ।

 

चेहरा साफ करने वाली ‘क्लीनसिंग क्रीम’ (Face Cleansing ‘Cleansing Cream’):

 

बनाने की विधि (Manufacturing Process):

मोम तथा लीक्विड पैराफिन को तामचीनी के बर्तन में डालकर धीमी आंच या ‘वाटर बाथ’ पर पिघला लिया जाता है । एक अन्य बर्तन में सुहागे को डिस्टिल्ड वाटर में घाकलकर थोड़ा गर्म कर लिया जाता है और इस घोल को भी पहले र्तन में पड़े मोम व लीक्विड पैराफिन के मिश्रण में डालकर तथा अच्छी तरह हिला-चलाकर ‘एमल्शन’ के समान बना लिया जाता है ।

फिर इस बर्तन को गर्म करना बद करके ठंडा होने तक चलाया जाता है । अतः में ‘रोज वाटर परफ्यूम’ या आवश्यकतानुसार कोई अन्य सुगन्ध मिलाकर, शीशियों में पैक कर लिया जाता है ।

नोट:

‘क्लीनजिंग क्रीम का प्रयोग ‘मेक अप’ से पहले, चेहरे की त्वचा को साफ करने के लिए या ‘मेक अप’ उतारने के बाद चेहरे साफ करने के लिए किया जाता है ।

मशीन एवं उपकरण (Machinery & Equipments):

1. मेल्टिंग पात्र

2. हीटिंग टैंक

3. एमलशन टैंक एजीटेटर के साथ ।

4. भट्टी