आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य पदार्थों के उदाहरण | Here is a list of top seven examples of genetically modified foods:- 1. पपीता (Papaya) 2. आलू (Potato) 3. जुचिनी (Zucchini) 4. सेब (Apple) 5. मक्का या भुट्टा (Corn) 6. सोयाबीन (Soyabean) 7. स्टार्च (Starch).

सन् 2013 से ही कई ऐसे जननिकीय परिवर्तित खाद्य है जो भोजन के स्त्रोत भी हैं । कई परिस्थितियों में खाद्य-पादप को सीधे तौर पर प्रयोग भोजन के रूप में किया जाता है । लेकिन ज्यादातर पौधों को आनुवांशिक रूप से परिवर्तित करने के बाद ही उन्हें भोज्य पदार्थों के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है ।

Example # 1. पपीता (Papaya):

रिग्स्पॉट-विषाणु की रोकथाम हेतु पपीते को आनुवांशिक रूप से परिवर्तित किया गया था । ‘सनप’ लाल-रंग का जननिकीय रूप से परिवर्तित फल है । रेनबो पीले रंग का है । न्यूयार्क टाइम्स ने 1990 के दौरान प्रकाशित किया था कि पपीते के सिस्पॉट विषाणु की वजह से पपीता-उद्योग समस्या ग्रस्त है ।

इसके सिंगल स्ट्रेन्ड को बनाया गया जो विषाणु प्रतिरोधक था । इसके बिना पपीता उद्योग में समस्या उत्पन्न हो सकती थी । आज 80% पपीते को आनुवांशिक रूप से परिवर्तित किया जाता है ।

Example # 2. आलू (Potato):

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फास्ट-कुछ मार्केट हेतु नये पत्ते के आलू को 1990 में मोटी द्वारा लाया गया । लेकिन 2001 में इसे मार्केट से हटा लिया गया । लेकिन आज मानव के उपयोग हेतु आनुवांशिक रूप से परिवर्तित आलू उपलब्ध नहीं है । अक्टूबर 2011 में BASF तथा EFSA में फोरटूना-पोटेटो की आवश्यकता थी । मई 2013 में जे. आर. सिप्लाट कम्पनी को उनके ”इनेट-पोटेटो” हेतु Approval चाहिए थी इनमें 10 आनुवांशिक रूप से परिवर्तित नस्ल थीं ।

Example # 3. जुचिनी (Zucchini):

2005 तक, अमेरिका में उगाई जाने वाली 13% जुचिनी को परिवर्तित किया गया, जिससे तीन-विषाणुओं को प्रतिरोधित किया जा सके । जुचिनी को कनाडा में उगाया जाता है ।

Example # 4. सेब (Apple):

2012 में सेब को भी आनुवांशिक रूप से संशोधित किया गया था । जिससे वे भूरे रंग के न हो सकें । इन्हें नॉन-ब्राउनिंग आर्कटिक एप्पल कहा गया जिसे ओकेनेगन स्पेशियालिटी फ्रूट्स द्वारा बनाया गया । इस फल के एक जीन को परिवर्तित किया गया जिससे इसमें पॉलीफेनाल ऑक्सीडेज कम मात्रा में बने, यही रसायन सेब में ब्राउनिंग को बढाता है ।

Example # 5. मक्का या भुट्टा (Corn):

कॉर्न या भुट्टे को भी परिवर्तित किया गया है । इसके लिए बेसिलस थूरिजेनेसिस के एक प्रोटीन का भी उपयोग किया गया है । अमेरिका में 90% कॉर्न को आनुवांशिक रूप से परिवर्तित किया गया है । कॉर्न को आटे के रूप में भी उपयोग में लाया जा सकता है ।

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ग्रेट कॉर्न का ही परिवर्तित रूप है जिन्हें नाश्ते में खाया जा सकता है । शराब को बनाने की प्रक्रिया में भी बूवर्स-ग्रिट का उपयोग किया जाता है । कर्ज मील का उपयोग मफिन या पैनकेक में किया जाता है । बारीक किस्म की कॉर्न-मील का उपयोग मफिन या पिज्जा में भी किया जाता है ।

कॉर्न- मील को एक पैकेज उत्पाद के रूप में बेचा भी जा सकता है । आमतौर पर कॉर्न के आटे या कॉर्नफ्लोर का उपयोग मिलिंग की प्रक्रिया में किया जाता है । कॉर्नफ्लोर के उपयोग वाले कुछ उत्पाद है – पैनकेक, डोनट, मफिन, बेबी-फूड, अनाज किण्वित किए हुए भोजन आदि ।

Example # 6. सोयाबीन (Soyabean):

फूड-भेड़ के सोया प्रोटीन सबसे पहले 2 अक्टूबर 1959 से मिले । 227-228 सोया प्रोटीन बेहतरीन सोया प्रोटीन है, जिसमें 90% प्रोटीन है । यह सोयाबीन मील से बनता है । जिनके नॉन-प्रोटीन, वसा तथा कार्बोहाइड्रेट तत्वा को हटा दिया गया है । सोया के ऐक्ट्रेक्ट को अधिकतर प्रोसेस्ट मीट या माँस की गुणवत्ता के बढाने हेतु किया जाता है ।

सोया-प्रोटीन कंस्ट्रेट लगभग 70% सोया प्रोटीन है । यह मूल रूप से सोयाबीन मील ही है जिसमें जल में घुलनशील कर्बोहाइड्रेट नहीं होते है । सोया प्रोटीन कंस्ट्रेट मूल सोयाबीन के फाइबर को बचाये रखता है । सोया फ्लोर को बनाने के लिए सोयाबीन को महीन पाउडर में परिवर्तित किया जाता है ।

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यह तीन स्वरूप में मिल सकता है प्राकृतिक वसा या वसा-विहीन तथा जल में घुलनशील किनाकों एक ऐसा सोया फ्लोर है जो जापान में बहुतायत उपयोग किया जाता है । टेक्सचर सोया प्रोटीन को बनाने हेतु सोयाबीन मील तथा पानी से आटा बनाया जाता है । ये बिना गर्म किये भी किया जा सकता है तथा भाँप के साथ या भाँप के बिना भी किया जा सकता है । इस आटे को अलग-अलग आकृतियों का बनाकर इसे ओवन में सुखा दिया जाता है ।

एक्स्ट्रजन तकनीक की सहायता से सोया प्रोटीन की संरचना में बदलाव आ जाता है । T.S.P. कम दाम वाला एक ऐसा उत्पाद है जिसे गोश्त या मीट के स्थान पर उपयोग में लाया जा सकता है । कॉर्न का तेल या सोया तेल लेसीथिन के मुख्य स्त्रोत है । अमेरिका में अधिकतर वनस्पति तेल फसलों से भी बनाये जाते है, वनस्पति तेल को उपभोक्तओं हेतु बाजार में उपयोग में लाया जाता है ।

Example # 7. स्टार्च (Starch):

स्टार्च या अमाइलम एक ऐसा कर्बोहाइड्रेट है जिसमें ग्लूकोज के अनेक अणु ग्लाइकोसाइडींक बॉन्ड द्वारा जुडे रहते है । यह एक ऐसा पॉलीसेकेराइड है जिसे हरे पौधे बनाते हैं इसमें ऊर्जा का संचय होता है । शुद्ध स्टार्च सफल रंग का गंधहीन तथा स्वादहीन उत्पाद है ।

यह ठण्डे पानी या एल्कोंहॉल में घुलनशील नहीं होता । इसमें दो प्रकार के अणु होते हैं- लीनियर-हेलिकल अमाइलोज तथा ब्राच अमाइलोपेक्टिन । पौधे के आधार पर स्टार्च में अधिकतर 20-25% अमाइलोज होता है तथा 75 से 80% अमाइलोपेक्टिन होता है ।

डेक्स्ट्रोज एक ऐसा व्यावसायिक ग्लुकोज है जिसे स्टार्च कई हाइड्रोलाइसिस प्रक्रिया की मदद से बनाया जाता है । यूनाइटेड स्टेट्‌स में उपयोग कई जाने वाली 10% शुगर को अन्य देशों से लाया जाता है । 90% शुगर को शुगर-बीट तथा गन्ने से बनया जाता है । इसमें भी गन्ने से आधार शुगर बनाया जाता है ।

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