Read this article in Hindi to learn about the top fifteen rural development programmes adopted in India.

1. सम्पूर्ण अथवा एकीकृत ग्रामीण विकास योजना (Integrated Rural Development Programme):

सम्पूर्ण ग्रामीण विकास योजना भारत में छठी पंचवर्षीय योजना (1980-85) में आरम्भ की गई थी । इसका उद्देश्य गाँव में स्वरोजगार को बढ़ावा देना, गरीबों को सस्ते ब्याज पर ऋण देना ताकि वे उत्पादन करने वाले उपकरण मशीन आदि खरीद कर अपनी आय बढ़ा सकें ।

मुख्य उद्देश्य:

(i) गाँव के गरीबों को स्वयं रोजगार को बढ़ावा देना,

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(ii) गरीबों को सस्ते ब्याज पर धन का प्रबन्ध करना ताकि वे किसी प्रकार की मशीन आदि खरीद कर काम धंधा कर सके;

(iii) छोटे किसानों को सिंचाई के साधन विकसित करने के लिये धन का प्रबन्ध करना;

(iv) छोटे तथा सीमांत किसानों को बैल, गाय, भैंस आदि खरीदने के लिये रुपये का प्रबंध करना तथा;

(v) कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन करना ।

2. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (National Rural Employment Programme MREP):

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राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना अक्टूबर 1980 की काम के बदले आनाज योजना के स्थान पर आरम्भ की गई योजना में केन्द्र एवं राज्य की वित्तीय जिम्मेदारी 50:50 की है । इस योजना को वेतन-रोजगार कार्यक्रम (Wage Employment Programme) के तौर पर आरम्भ किया गया था ।

उद्देश्य (Objectives):

राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के लक्ष्य निम्न प्रकार थे ।

(i) लगभग 300 से 400 मिलियन रोजगार के घंटे ग्रामीण बेरोजगार एवं अर्द्ध-बेरोजगारों को प्रति वर्ष उपलब्ध कराना ।

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(ii) गांव में सामाजिक आर्थिक एवं कल्याणकारी मूलभूत सुविधाएं विकसित करना, जिनमें कुएं, नलकूप, पोखर, तालाब, ग्रामीण सडकें, स्कूल तथा पंचायत घर बनवाना प्रमुख हैं ।

(iii) ग्रामीण लोगों की आय बढ़ाकर उनके जीवन स्तर को ऊँचा उठाना । और गाँव के गरीब लोगों के लिए काम के बदले आनाज का प्रबंध करना ।

3. ग्रामीण खेतिहर मजदूरों के लिये रोजगार गारण्टी कार्यक्रम (Rural Landless Employment Programme):

खेतिहर मजदूरों की रोजगार गारण्टी कार्यक्रम (RLEGP) 15 अगस्त 1983 को आरम्भ किया गया था । इसका मुख्य उद्देश्य खेतिहर मजदूरों के लिये रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराना तथा उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना था । धन की कमी के कारण इस कार्यक्रम में रोजगार की गारण्टी नहीं दी जा सकी थी । इस कार्यक्रम में खेतिहर मजदूरों के साथ-साथ अनूसूचित जनजाति अनुसूचित जाति के लोगों तथा स्त्रियों को प्राथमिकता दी थी ।

4. जवाहर रोजगार योजना (Jawahar Rozgar Yojna):

28 अप्रैल, 1989 को तत्कालीन प्रधानमन्त्री स्व. राजीव गांधी ने जवाहर रोजगार योजना आरम्भ की थी । इस रोजगार योजना के अंतर्गत, सभी ग्रामीण रोजगार योजनाओं को सम्मिलित कर लिया गया था ।

उद्देश्य/विशेषताएं:

जवाहर रोजगार योजना की मुख्य विशेषतायें जवाहर निम्न प्रकार थीं:

(i) यह देश की सभी ग्राम पंचायतों के लिये लागू की जानी थी ।

(ii) इस योजना से देश के 440 लाख परिवारों को लाभ पहुँचाना था ।

(iii) इस योजना की 80 प्रतिशत धन राशि केन्द्रीय सरकार द्वारा तथा शेष 20 प्रतिशत राशि राज्य सरकारों द्वारा वहन की जानी थी ।

(iv) जनसंख्या के अनुपात में सभी राज्यों को धन राशि केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध करानी थी ।

(v) 3000 से 4000 तक की जनसंख्या वाले प्रत्येक गांव को एक लाख रु. की धन राशि प्रदान करने का प्रावधान किया गया था ।

(vi) इस योजना के अंतर्गत स्त्रियों को 30 प्रतिशत भागीदारी दी थी ।

5. राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP- National Social Assistance Programme):

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम का श्री गणेश 15 अगस्त, 1995 को किया गया था ।

इसकी मुख्य विशेषताएं निम्न प्रकार हैं:

(i) वृद्धावस्था पेशन योजना, प्रति व्यक्ति 1000 रुपये ।

(ii) राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना के अंतर्गत प्राकृतिक कारणों से मृत्यु होने पर प्रति परिवार को पाँच हजार तथा दुर्घटना के कारण मृत्यु पर दस हजार रु. की धन राशि का प्रावधान ।

(iii) राष्ट्रीय माता लाभ योजना में गर्भवती स्त्रियों को पहले दो जीवित बच्चों के जन्म पर तीन सौ रु. देने का प्रावधान ।

6. ग्रामीण ग्रुप जीवन बीमा योजना (Rural Group Life Insurance Scheme-RGLIS):

यह योजना 15 अगस्त, 1995 को आरम्भ की गई थी । इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण लोगों को सामूहिक जीवन बीमा के अंतर्गत लाना था तथा जिन लोगों की अकस्मात मृत्यु हो जाये उनके परिवारों को राहत पहुँचाना था ।

7. स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना (SGSY):

ग्रामीण चौमुखी विकास प्रोग्राम (IRDF) तथा नौजवानों के रोजगार स्त्रियों तथा बच्चों के लिये स्वर्ण ग्राम स्वरोजगार योजना आरम्भ की गई थी । अप्रैल 1999 में आरम्भ की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य था गरीबों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाकर उनके जीवन स्तर को बेहतर करना ।

8. जवाहर ग्राम समृद्धि योजना (Jawahar Gram Samradhi Yojna):

जवाहर रोजगार योजना को फिर से समृद्धि प्रदान करने के लिए इस योजना को अप्रैल 1999 में लागू किया गया था । वास्तव में यह एक वेतन-रोजगार कार्यक्रम है । इसका आधारभूत उद्देश्य गाँव में रोजगार के अवसर उत्पन्न करने वाले कार्य करने हैं ।

9. सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (Sampurna Grameen Rozgar Yojna):

सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना सितम्बर 2001 में आरम्भ की गई थी । इस योजना के अंतर्गत रोजगार एवं खाद्य सामग्री प्रदान करना है ।

10. प्रधानमंत्री ग्राम-सड़क योजना (Pradhan Mantri Sadak Yojna):

इस योजना का श्रीगणेश 25 दिसम्बर, 2000 को किया गया था । इस योजना के अंतर्गत सभी ग्रामीण बस्तियों की सड़कों के द्वारा एक-दूसरे से जोड़ना था ।

11. प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना (Pradhan Mantri Gramodaya Yojna):

प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना 2000-01 में आरम्भ की गई थी । इसका मुख्य उद्देश्य गाँव में स्वास्थ्य, प्राथमिक शिक्षा, पीने का पानी, आवास तथा ग्रामीण सड़कों का निर्माण करना है । इन सुविधाओं से गाँव के लोगों का जीवन स्तर बेहतर करने का उद्देश्य था ।

12. काम के बदले खाना (Food for Work Programme):

फरवरी 2001 को काम के बदले भोजन का कार्यक्रम आरम्भ किया गया था । आरम्भ में यह पांच महीने के लिये जिसकी सीमा बाद में बढ़ा दी गई थी । इस कार्यक्रम को छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओड़िशा, राजस्थान तथा उत्तराखण्ड में लागू किया गया था ।

13. अन्नपूर्णा (Annapurna):

अन्नपूर्णा कार्यक्रम 1 अप्रैल, 2000 को आरम्भ किया गया था । यह पूर्ण रूप से केन्द्रीय सरकार की योजना थी और इसकी पूर्ण वित्तीय जिम्मेदारी केन्द्रीय सरकार की है । इसका मुख्य लाभ वरिष्ठ नागरिकों तथा पेंशन प्राप्त करने वाले नागरिकों को होता था । इस योजना के अंतर्गत गेहूँ दो रुपये प्रति किलो तथा चावल तीन रुपये प्रति किलो की दर से दिया जाता है ।

14. राष्ट्रीय काम के बदले भोजन कार्यक्रम (National Food for Work Programme):

केन्द्रीय सरकार की राष्ट्रीय काम के बदले भोजन का कार्यक्रम नवम्बर 2004 में आरम्भ की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण योजनाओं में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना था ।

15. महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi National and Rural Employment Guarantee Scheme):

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना 1 फरवरी, 2006 को आरम्भ की गई थी। पहले योजना को 200 जिलों में लागू किया गया था । वास्तव में रोजगार गारण्टी की भारत में यह पहली योजना है । वर्ष 2007-2008 में इस योजना को 330 जिलों में लागू किया जा चुका था । वर्तमान में इस समय इस योजना का लाभ 640 जिलों तक पहुँच रहा है ।