Read this article in Hindi to learn about the relationship between headquarter and area.

लोक प्रशासन में मुख्यालय क्षेत्र शब्दावली प्रयुक्त की जाती है । विशाल निजी संगठनों में भी यह दिखाई देती है । चूंकि सरकारों का काम बढ़ गया है अतः एक केंद्र से कार्य करना असंभव है । इसके लिए दूरस्थ स्थानों पर क्षेत्रीय इकाइयों को स्थापित किया जाता है, जो मुख्यालय के अधीक्षण में कार्य करती है ।

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मुख्यालय से आशय है राजधानी या केंद्र में स्थित मुख्य नीति निर्माण इकाई । क्षेत्र से आशय है मुख्यालय से दूर ऐसी इकाइयाँ जो योजनाओं का क्रियान्वयन करती है । यह जरूरी नहीं कि क्षेत्र, क्षेत्र ही रहे और मुख्यालय, मुख्यालय ।

उदाहरण के लिए, राजधानी स्थित राजस्व विभाग के लिए जिला क्लेक्टर क्षेत्रीय इकाई है लेकिन जिले में एक तहसील (क्षेत्र) के लिए जिला कलेक्टर मुख्यालय हो जाता है ।

मुख्यालय क्षेत्र संबंधों की समस्या का स्वरूप (Nature of Relationship Problem of Headquarter and Area):

मुख्यालय और क्षेत्र के बीच संबंधों का निर्माण एक समस्या है ।

इसमें निम्न अंतर्निहित प्रश्न हैं:

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1. मुख्यालय क्षेत्र पर कितना और किस प्रकार नियंत्रण रखे ।

2. दोनों के मध्य उचित समन्वय, कैसे स्थापित किया जाये ।

3. क्षेत्र में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय इकाइयों के मध्य अच्छा समन्वय कैसे स्थापित हो ।

मुख्यालय और क्षेत्र की संरचना और नियंत्रण (Structure and Control of Headquarter and Area):

मुख्यालय और क्षेत्र की संरचना किस प्रकार निर्धारित की जाए इस प्रश्न के जवाब के आधार पर दोनों के मध्य नियंत्रण के तरीके भी निर्मित हो जाते हैं ।

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विलोबी का सिद्धांत (Willowby’s Theory):

विलोबी ने सर्वप्रथम एकल बनाम बहुल संरचना का सिद्धांत प्रतिपादित किया था ।

i. एकल संरचना (Single Structure):

1. इसमें मुख्यालय और क्षेत्रीय इकाइयों के मध्य एक मध्यस्थ प्रादेशिक या भौगोलिक इकाई भी होती है, जिसके माध्यम से मुख्यालय क्षेत्र पर नियंत्रण रखता है ।

2. ये एक आदेश की रेखा में होता है अतः इसे एकीक या एकल संरचना कहा जाता है । चूंकि एक क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रीय इकाइयां होती है, जिनके विविध कार्य होते है अतः उन पर नियंत्रण रखने वाली एक क्षेत्रीय इकाई या अभिकरण सामान्यज्ञ ही होगा, इसलिए उसका नियंत्रण प्रशासकीय होगा, कृत्यमूलक नहीं ।

3. फ्रांस में प्रीफेक्ट अधिकारी एकल संरचना का श्रेष्ठ उदाहरण है । भारत में जिला अधिकारी भी लगभग उसी भूमिका में है ।

ii. बहुल संरचना (Multi-Structure):

1. इसमें मध्यस्थ इकाई नहीं होती ।

2. मुख्यालय में स्थित प्रत्येक विभाग का अपनी क्षेत्रीय इकाई से सीधा संबंध होता है ।

3. दूसरे शब्दों में क्षेत्र की प्रत्येक इकाई मुख्यालय में अपने कार्यों से संबंधित उच्चतर इकाई के नियंत्रण में होती है ।

4. इससे उनके कार्यों पर तकनीकी नियंत्रण (कृत्यमूलक नियंत्रण) संभव हो जाता है, लेकिन दोनों के मध्य दूरी बहुत बढ़ जाती है ।

लूथर गुलिक के तीन सिद्धांत (Three Theories of Luther Gulik):

गुलिक ने भुजा (प्रादेशिक कार्यालय) और अंगुली (संचार की रेखा) का सहारा लेकर मुख्यालय-क्षेत्र संबंध को समझाने का प्रयास किया था ।

1. सभी अंगुलियां – ये विलोबी की बहुल संरचना के अनुकूल है अर्थात इसमें मध्यस्थ प्रादेशिक इकाई नहीं होती । मुख्यालय का क्षेत्र से सीधा संबंध होता है ।

2. छोटी भुजा, लंबी अंगुलियां – इसमें प्रादेशिक इकाई मध्यस्थ के रूप में होती है लेकिन वह मुख्यालय के निकट (छोटी भुजा) होती है । इससे वह क्षेत्रीय इकाइयों से बहुत दूर हो जाती है, और संचार की रेखायें (अंगुलियां) लम्बी हो जाती है ।

3. लंबी भुजा, छोटी अंगुलियां – जब मध्यस्थ प्रादेशिक इकाई क्षेत्रीय इकाई के निकट रहे तो मुख्यालय से उसकी दूरी बढ़ जाती है (लम्बी भुजा) । लेकिन क्षेत्रीय इकाई के निकट रहने से संचार रेखा छोटी हो जाती है (छोटी अंगुलियां) ।

नोट:

गुलिक के अंतिम दो सिद्धांत मध्यस्थ इकाई को रखते हैं, जिससे वे विलोबी की एकल संरचना के अनुकूल हो जाते हैं । लेकिन इस एकल संरचना को गुलिक दो अलग-अलग रूप प्रदान कर देता है ।

नियंत्रण के तरीके (Methods of Control):

मुख्यालय क्षेत्रों पर इन साधनों से नियंत्रण रखता है:

1. प्रपत्र नियंत्रण ।

2. कार्यों का स्तर तय करके ।

3. बजट के माध्यम से ।

4. जांच द्वारा ।

5. कार्यों का प्रतिवेदन लेकर ।

6. कर्मचारियों की अदला बदली द्वारा ।

मुख्यालय और क्षेत्र में समन्वय (Co-Ordination between Headquarter and Area):

मुख्यालय-क्षेत्र के मध्य उचित समन्वय दोनों के मध्य अच्छे संबंधों के लिए आवश्यक है ।

इस हेतु निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

1. मुख्यालय अपने क्षेत्र को पर्याप्त महत्व तथा स्वतंत्रता प्रदान करे ।

2. दोनों के मध्य कार्मिकों का आदान प्रदान होता रहे ।

3. क्षेत्र की समस्याओं को मुख्यालय सुलझाने में सहायता करे ।

4. क्षेत्र द्वारा भेजे गये प्रस्ताव को महत्व दिया जाये ।

5. मुख्यालय क्षेत्र की योग्यता में विश्वास करे ।

क्षेत्रीय इकाइयों के मध्य समन्वय:

एक क्षेत्र में विभिन्न विभागों की क्षेत्रीय इकाइयां रहती है जो अपने-अपने कार्यों से सरकार के वृहद उद्देश्य में सहायता देती हैं ।

निम्नानुसार इनके मध्य उचित तालमेल स्थापित कर सकते हैं:

(1) एक क्षेत्रीय समन्वयक अधिकारी की नियुक्ति कर दी जाये (जिला कलेक्टर वर्तमान में यह भूमिका निभाता है) ।

(2) उनके कार्यालय निकट या एक ही कैम्पस में स्थापित कर दिये जायें ।

(3) दोनों में प्रयुक्त कार्मिक, स्टेशनरी, फर्नीचर आदि की सामूहिक रूप से भर्ती या उनको क्रय किया जाये ।

(4) इनके मध्य कार्मिकों का स्थानांतरण हो ।