Read this article in Hindi to learn about the meaning and types of audit.

लेखा परीक्षण या अंकेक्षण का अर्थ (Meaning of Audit):

वित्तीय प्रशासन पर बाहरी नियन्त्रण का एक संसदीय साधन है- लेखा परीक्षण । जेम्स ए, चार्ल्सवुड के शब्दों में- ”लेखा परीक्षा यह सुनिश्चित करने की प्रक्रिया है कि प्रशासन ने अपनी धनराशियों का प्रयोग विधायी प्रपत्र की उन शर्तों के अनुसार किया है, अथवा कर रहा है । जिससे धन का विनियोग किया है ।”

वस्तुत: लेखा परीक्षण के अध्ययन से ही यह सुनिश्चित हो जाता है कि प्रशासन की वित्तीय गतिविधियों नियमानुसार और संसदीय स्वीकृतिनुसार है या नहीं । यह विधायिका के प्रति प्रशासनिक जवाबदेही (वित्तीय सन्दर्भ) को लागू करता है ।

प्रो. टेनरी ने लेखाँकन के विषय में कहा है कि लेखाँकन रचनात्मक होता है और लेखा परीक्षण विश्लेषणात्मक । अतएव लेखाँकन की परिभाषा इस प्रकार की गई हैं- ”पूर्णतया अथवा आंशिक रूप से वित्तीय प्रकृति के लेन देनो अथवा सौदों का द्रव्य के आधार पर विवरण रखना, वर्गीकरण करना और संक्षेपीकरण करना तथा उनके परिणामों की व्याख्या करना ही लेखाँकन हैं ।”

लेखा परीक्षण के प्रकार (Types of Audit):

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लेखा परीक्षण या अंकेक्षण के प्रकृति अनुसार विभिन्न प्रकार हो सकते हैं ।

अवधि के आधार पर परीक्षण लेख दो प्रकार हैं:

(1) पूर्व अंकेक्षण (Pre-Audit):

जब अंकेक्षण का उद्देश्य यह पता करना हो कि:

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(क) प्रस्तुत कार्य के लिये धन उपलब्ध है या नहीं या/और

(ख) प्रस्तुत व्यय विधिनुसार है या नहीं ।

तब उसे पूर्व अंकेक्षण कहा जाता है । स्पष्ट है कि धन व्यय होने के पूर्व किया गया अंकेक्षण पूर्व अंकेक्षण कहलाता है ।

(2) उत्तर अंकेक्षण (Post Audit):

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धन खर्च होने के बाद उसकी वैधता की जाँच उत्तर अंकेक्षण कहलाता है ।

उद्देश्य के आधार पर:

1. नियामीकीय अंकेक्षण (Regulatory Audit):

इसे विधिक अंकेक्षण भी कहते हैं । इसका सम्बन्ध प्रशासनिक व्यय के वैधानिक और तकनीकी पक्षों के परीक्षण से है । इसके द्वारा यह पता लगाया जाता है कि किया गया व्यय विधि नियम, विनियम अनुसार है या नही और व्यय के लिये जरूरी वाउचर्स मौजूद हैं या नहीं ।

2. औचित्य अंकेक्षण (Propriety Audit):

यह पता करता है कि व्यय करते समय बुद्धिमता, मितव्ययिता और औचित्यता का ध्यान रखा गया या नहीं । इसमें अंकेक्षक को अपने विवेक का इस्तेमाल करना होता है ।

3. निष्पादन अंकेक्षण (Performance Audit):

इसमें व्यय के सापेक्ष प्राप्त उपलब्धियों पर विचार किया जाता है । इस ”दक्षता अंकेक्षण” भी कहते हैं ।

4. वित्तीय अंकेक्षण (Financial Audit):

यह व्यापक अंकेक्षण है जिसमें आय, व्यय उनके दक्षता और औचित्यपूर्ण प्रबन्ध आदि सभी का परीक्षण किया जाता है । भारत में सरकारी अंकेक्षण वित्तीय अंकेक्षण ही होता है ।