Read this article in Hindi to learn about the budgetary system of America.

अमेरिकी वित्तीय प्रशासन की शीर्ष संस्था ”प्रबंधन एवं बजट कार्यालय” (O.M.B.) है जो अमेरिका के संघीय बजट का निर्माण करती है । प्रशासनिक आदेश द्वारा 1970 में स्थापित ओएमबी ने ब्यूरो ऑफ बजट का स्थान लिया है जो 1921 में बजट एवं लेखांकन कानून द्वारा स्थापित हुआ था ।

1. प्रबंधन एवं बजट कार्यालय (Office of Management and Budget):

अमेरिकी वित्तीय प्रशासन का केंद्र बिंदू ओ.एम.बी है जो राष्ट्रपति के कार्यालय (ईओपी) का ही एक भाग है । इसके प्रमुख अधिकारी ”निर्देशक” को राष्ट्रपति सीनेट की स्वीकृति से नियुक्त करता है । ओ.एम.बी. सभी विभागों के बजट को एकीकृत कर संघीय बजट को बनाता है । ओ.एम.बी. पर ही बजट की तैयारी तथा उसके निर्माण और प्रबंधन की जिम्मेदारी होती है ।

2. कोषागार विभाग (Department of Treasury):

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अमेरिकी कोषागार विभाग 1978 में स्थापित विभिन्न विभागों में से एक है । इसका प्रमुख केबिनेट मंत्री होता है । ब्रिटिश और भारतीय कोषागार व्यवस्था मात्र सार्वजनिक धन के संरक्षण से संबंधित है । भारत, ब्रिटेन में इन पर सार्वजनिक धन के संरक्षण के साथ बजट-नियंत्रण का भी दायित्व होता है ।

बजट प्रक्रिया:

अमेरिकी वित्तीय वर्ष 1 जुलाई से शुरू होता है और 30 जून को समाप्त होता है । यहाँ सभी विभागों का एक ही बजट होता है (भारत में रेलवे का पृथक बजट होता है ।) ओ.एम.बी. बजट अनुमानों के लिये सभी विभागों को जून-जुलाई से सक्रिय कर देता है ताकि उसे सितंबर के मध्य तक विभागों के अनुमानित कड़े मिल सकें ।

इन्हें वह बजट के रूप में एकीकृत करता है जिसे राष्ट्रपति जनवरी में प्रतिनिधि सभा के समक्ष रखता है । इस समय यहाँ कोई बजट भाषण की परंपरा नहीं है । प्रतिनिधि सभा इसे विनियोजन समिति को विचारार्थ भेज देती है ।

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विनियोजन समिति:

यह प्रतिनिधि सभा के सदस्यों से मिलकर बनती है । अनुमानों की जांच हेतु यह विभागवार उप समितियों में बंटकर जांच करती है । इसकी सिफारिशों को प्रतिनिधि सभा स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है । प्रतिनिधि सभा से पारित विनियोग विधेयक सीनेट के पास जाता है जो अपनी विनियोजन समिति के माध्यम से अनुमानों की जांच पड़ताल करती है । दोनों सदनों में मतभेद दूर करने हेतु सम्मेलन समिति का गठन किया जाता है ।

(i) प्रतिनिधि सभा की ”उपाय एवं साधन समिति” जबकि सीनेट की ”वित्तीय समिति” वित्तीय उपायों पर विचार करती है । इनमें मतभेद के निपटारे हेतु भी सम्मेलन समिति का गठन किया जाता है ।

(ii) उल्लेखनीय है कि अमेरिकी कांग्रेस (संसद) अनुमानों को न सिर्फ स्वीकार कर सकती है या अस्वीकार कर सकती है या घटा सकती है (जैसा भारत-ब्रिटेन में भी है) बल्कि उन्हें बढ़ा भी सकती है (जैसा भारत-ब्रिटेन में नहीं है) ।

3. ‘पार्क बैरल’ और ‘लॉग रोलिंग’ (Park Barrel and Log Rolling):

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अपने संसदीय क्षेत्र के लिये अधिक आवंटन के प्रयास में सांसद (चाहे किसी भी दल का हो) परस्पर जो सहयोग-समर्थन की रणनीति अपनाते है उसे ”पार्क बैरल” (सरकारी माल) और ”लॉग रोलिंग” (परस्पर हाथ बटाना) कहा जाता है । इस विलक्षण विशेषता के कारण कभी-कभी बजट अनुमान गड़बड़ा जाते हैं ।

सीनेट और कांग्रेस के वित्तीय अधिकार:

भारत और ब्रिटेन के विपरीत (जहां वित्त मामलों में प्रतिनिधि सदन अधिक ताकतवर है) अमेरिका में दोनों सदनों का समान वित्तीय अधिकार है । यद्यपि वित्तीय विधेयक सर्वप्रथम प्रतिनिधि सभा में ही प्रस्तुत होता है लेकिन उसका सीनेट से भी पारित होना जरूरी होता है । सीनेट को भी उसे स्वीकृत, अस्वीकृत करने, घटाने या बढाने के अधिकार हैं । दोनों सदनों में मतभेद होने पर सम्मेलन समिति का उपाय है ।

विनियोग और वित्त विधोयकों की बारंबारता:

जहां भारत, ब्रिटेन में एक ही वित्त और एक ही विनियोग विधेयक प्रस्तुत होते हैं, अमेरिका में एक से अधिक ऐसे विधेयक प्रस्तुत और पारित किये जाते हैं । इस प्रकार अमेरिका में बजट-अनुमानों पर मतदान-प्रक्रिया तुलनात्मक रूप से विकेंद्रीत है ।

राष्ट्रपति की स्वीकृति:

कांग्रेस से पारित बजट राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है । जो सामान्यता उस पर हस्ताक्षर कर देता है ।

4. केंद्रीय लेखांकन कार्यालय (Central Accounting Office-CAO):

बजट और लेखांकन अधिनियम, 1921 द्वारा एक स्वायत्त एजेन्सी के रूप में ”केंद्रीय लेखांकन कार्यालय” की स्थापना की गयी । इसका प्रमुख कार्य है सरकारी व्यय पर नियंत्रण और उनका लेखा-परीक्षरण । इसके सर्वोच्च अधिकारी ”महालेखा नियंत्रक” की नियुक्ति सीनेट की स्वीकृति से राष्ट्रपति करता है । इसका कार्यकाल 15 वर्ष या 70 वर्ष की आयु (जो पहले हो) तक होता है । उस महाभियोग जैसी प्रक्रिया या कांग्रेस के एक संयुक्त प्रस्ताव द्वारा हटाया जा सकता है । वह अपने पद पर एक ही बार रह सकता है ।

इस प्रकार उस पद की पर्याप्त स्वतंत्रता हासिल है और वह प्रशासनिक नियंत्रण से लगभग मुक्त है । महालेखा नियंत्रक कांग्रेस के मित्र या सहायक की भूमिका में होता है । उसे विभागों के खर्चों को अस्वीकृत करने तक का अधिकार है ।