Read this article in Hindi to learn about the accountability of administrators.

जबावदेही और नियंत्रण एक ही सिक्के के दो पहलू हैं । सरकार का कोई भी स्वरूप हो, प्रशासन की जबाबदेही तय करना और इसको सुनिश्चित करने हेतु नियंत्रण आरोपित करना अनिवार्य होता है । लेकिन लोकतंत्र में जवाबदेयता और नियंत्रण की जरूरत अत्यधिक होती है ताकि लोक प्रशासन अपने विस्तृत कार्यों और उसके लिये प्राप्त अधिकारों का विधि सम्मत उपयोग कर सके ।

जवाबदेही और नियंत्रण का पूरा तंत्र लोक प्रशासन में पाया जाता है । जवाबदेही कार्मिक का अपने कार्यों के लिये उच्च सत्ता के प्रति दायित्व है । नियंत्रण इस जवाबदेही को सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण साधन है । इस अर्थ में जवाबदेयता साध्य है और नियंत्रण उसकी प्राप्ति का साधन । लार्ड एक्टन के अनुसार- ”सत्ता भ्रष्ट करती है” और इसीलिए एल.डी. व्हाइट कहते हैं कि लोकतंत्र में सस्ता पर नियंत्रण जरूरी है ।

लोक कल्याणकारी अवधारणा ने प्रशासन को विस्तृत कार्य दायित्वों से लैस कर दिया है । इनकी पूर्ति के लिये उसे पर्याप्त सत्ता भी सौंपी गयी है । लेकिन लोकतंत्र का आवश्यक तत्व है, ”लोक उत्तरदायित्व” । अतः सत्ता और कार्यों की लेकर प्रशासन को उत्तरदायी भी बनाया गया है । लेकिन उत्तरदायित्व तभी सुनिश्चित हो सकता है, जब प्रभावी नियंत्रण की अवधारणा लोक जवाबदेही को सुनिश्चित करने से संबंधित हो ।

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यहां उत्तरदायित्व से आशय है- ”कार्मिक का अपने कार्यों को लेकर उच्च सला (जन संप्रभुता) के प्रति जवाबदेह होना ।” वहीं नियंत्रण से आशय है, विचलन का पता लगाना और उसे समय रहते दूर कर लेना । लेकिन प्रशासनिक नियंत्रण वस्तुतः जवाबदेयता को तय करने के रूप में प्रयुक्त व्यापक अवधारणा है ।

इसके अंतर्गत वे सब संस्थाएं और उनके कार्य आते हैं जिनके माध्यम से प्रशासन को गहरी निगरानी और नियंत्रण में रखने के प्रयास किये जाते हैं । प्रशासन पर यह नियंत्रण बाहरी रुप से विधायिका कार्यपालिका, न्यायपालिका द्वारा रखा है में भी आन्तरिक नियंत्रण के तरीके विद्यमान रहते हैं ।