Read this article in Hindi to learn about how to control pests of pointed gourd.

1. लाल कीड़ा:

परवल का यह सबसे खतरनाक शत्रु है । इसके वयस्क कीट पौधों की कोमल पत्तियों को खाकर मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर महीने में बहुत नुकसान पहुँचाते हैं । नियंत्रण के लिए सेविन 50 डब्लू.पी. का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें एवं दूसरा छिड़काव आवश्यकतानुसार करते हैं ।

2. माइट:

माइट पत्तियों का रस चूस कर उन्हें हानि पहुंचाता है और क्लोरोफिल (हरियाली) को समाप्त कर देते हैं । इसका प्रभाव अप्रैल से जून तक रहता है । इसके नियंत्रण के लिए ड्राइकोफाल को 1 मिली. प्रतिलीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें ।

3. फल की मक्खी:

फल मक्खी मार्च से अक्टूबर माह तक कोमल फलों में डंक मारकर अंडे देती है, जिससे सूडियां निकलकर फलों को सड़ा देती है । ग्रसित फल पीला हो जाते है । ऐसे प्रभावित फलों को किसी कीटनाशी मिले गड्‌ढे में डाल देते हैं ।

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साथ में मिथाइल यूजिनाल (सेक्स फेरोमोन) नामक रसायन को 1.5 मिली. एवं मैलाथियान 2 मिली-लीटर पानी में डालकर चौड़ी मुँह वाली बोतलों में आधा-आधा लीटर मात्रा भरकर प्रति हैक्टेयर 5-10 स्थानों पर रख देते हैं । इस घोल में नर मक्खियाँ आकर्षित होकर गिरकर मर जाती हैं ।

4. तना छेदक:

इसका प्रकोप अगस्त से अक्टूबर तब लताओं की गाँठो में छेद करके हानि पहुँचाता है । घाव वाले जगह पर भूरे रंग का गोद जैसा पदार्थ निकलता है प्रभावित गाठ के ऊपर की शाखा सूख जाती है । इसके रोकथाम के लिए मैलाथियान का 20 मिली/ली. पानी में घोलकर छिड़काव करने से नियंत्रण होता है । समतल विधि से खेती करने पर इसका प्रकोप कम होता है । पौध लगाते समय तना छेदक लताओं को निकाल देना चाहिए ।

5. सूत्रकृमि:

नेमाटोड परवल की जडों को ग्रसित करके जड़े मोटी हो जाती हैं । रोकथाम के लिए कार्बोफ्यूरान 3 ग्राम प्रति पौधे की दर से जड़ों के पास मिट्‌टी में अगस्त-सितम्बर माह में प्रयोग करना चाहिए । 200 ग्राम प्रति पौध की दर से नीम की खली को उर्वरकों एवं गोबर की सड़ी खाद के साथ मिलाकर जनवरी-फरवरी माह में नियंत्रण के लिए लाभदायक होता है ।

6. पाउडरी मिल्डम:

रोकथाम के लिए सल्फेक्स 80-डब्लू.पी. को 3 ग्राम/ली. पानी में घोल बना कर 10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें । इस बीमार का प्रकोप अप्रैल माह में अधिक होता है ।

7. डाउनी मिल्ड्यू:

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यह बीमारी फसल की सुसुप्तावस्था में दिसंबर माह में लगती है । इसके नियंत्रण के लिए 2.5 ग्राम रिडोमिल एम. जेड.-72 प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें । दूसरा छिड़काव आवश्यकता पड़ने पर 15 दिनों के अंतराल पर करना चाहिए ।

आय-व्यय परवल की खेती से:

परवल लाभदायी सब्जी है अन्य कद्‌दूवर्गीय सब्जियों की अपेक्षा कीट एवं व्याधियाँ कम लगती है, परंतु इसके प्रति पौधे पर रख-रखाव एवं विभिन्न प्रकार की शस्य क्रियाओं पर अधिक व्यय होता है । इसके बावजूद 7 से 8 महीने तक यह फलतः देती है एवं आकर्षक मूल्य पर बिकने से अच्छा लाभ प्राप्त किया जा सकता है ।

इसमें लागत प्रति हैक्टेयर 20,000-30,000 रुपये तक होती है । परवल की उन्नत प्रजातियों, उत्तम शस्य क्रियाओं एवं प्रभावी फसल सुरक्षा अपना करके 1.5 लाख से ज्यादा शुद्ध लाभ अर्जित कर सकते है अतः यह फसल छोटे जोत वाले किसानों के लाभकारी एवं विश्वसयनीय सब्जी है ।