Read this article in Hindi to learn about the seven types of gauges used in workshop. The types are:- 1. रेडियस और फिलेट गेज (Radius and Fillet Gauge) 2. फीलर गेज (Feeler Gauge) 3. स्क्रू पिच गेज (Screw Pitch Gauge) and a Few Others.

मुख्यत: निम्नलिखित प्रकार की गेजें वर्कशाप में प्रयोग में लाई जाती हैं:

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Type # 1. रेडियस और फिलेट गेज (Radius and Fillet Gauge):

किसी जॉब की अंदरूनी या बाहरी रेडियस को चैक करने के लिए जिस गेज को प्रयोग में लाया जाता है उसे रेडियस और फिलेट गेज कहते हैं । ये सेट में पायी जातीं हैं जिनमें रेडियस के अनुसार कई ब्लेड होते हैं । इन ब्लेडों को नट और स्क्रू की सहायता से एक होल्डर में फिट की दिया जाता है ।

भारतीय स्टैंडर्ड के अनुसार यह 0.6 से 25 मि.मी. तक साइज की पाई जाती है जिसके निम्नलिखित तीन सेट होते हैं:

Type # 2. फीलर गेज (Feeler Gauge):

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इसको थिकनैस या क्लीयरेंस गेज भी कहते हैं । इसका मुख्य प्रयोग फिट किये हुए पार्टस के बीच में क्लीयरेंस मापने के लिए कार्य या मशीनों को अलाइनमेंट में सेट करने के लिए और ऑटोमोबाइल में पिस्टन और सिलंडर के बीच में क्लीयरेंस को मापने के लिए किया जाता है । यह सेट में पायी जाती है जिसमें कई ब्लेड होते हैं । प्रत्येक ब्लेड पर ब्लेड की मोटाई का साइज लिखा होता है । इन ब्लेडों को एक होल्डर में नट और स्क्रू की सहायता से फिट करते हैं ।

भारतीय स्टैंडर्ड के अनुसार 7 सेट पाये जाते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:

Type # 3. स्क्रू पिच गेज (Screw Pitch Gauge):

जब लेथ मशीन पर सिंगल प्वाइंट कटिंग टूल से चूड़ियां बनाई जाती हैं तो उनके कोण, गहराई, पिच आदि को चैक करने के लिए जिस गेज का प्रयोग किया जाता है उसे स्क्रू पिच गेज कहते हैं । इसमें स्क्रू थ्रेड के पिच और कोण के अनुसार कई ब्लेड होते हैं जिनको एक होल्डर में स्क्रू और नट की सहायता से फिट करते हैं ।

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प्रायः निम्नलिखित साइज वाले स्क्रू पिच गेज प्रयोग में लाए जाते हैं:

(a) 55° कोण वाली स्क्रू थ्रेड के लिए ।

(b) 60 कोण वाली स्क्रू थ्रेड के लिए ।

(c) 47 1/2° कोण वाली स्क्रू थ्रेड के लिए ।

(d) I.S.O. मीट्रिक स्क्रू थ्रेड के लिए ।

भारतीय स्टैंडर्ड के अनुसार I.S.O. मीट्रिक चूड़ियों के लिए स्क्रू पिच गेज में 0.25 से 6 मि.मी. पिच के लिए 24 ब्लेड होते हैं । सही परिणाम प्राप्त करने के लिए थ्रेड पर इसके ब्लेड की पूरी लंबाई का प्रयोग करना चाहिए ।

Type # 4. वायर गेज (Wire Gauge):

यह प्रायः स्टील की 3 मि.मी. मोटी गोल प्लेट होती है जिस पर भिन्न-भिन्न साइज के खाचे बने होते है इस गेज का प्रयोग शीट की मोटाई और तार का व्यास मापने के लिए किया जाता है । भारतीय स्टैंडर्ड (815) के अनुसार इस गेज में 0.125 से 8 मि.मी तक रेंज में शीट की मोटाई और तार का व्यास चैक कर सकते हैं । कुछ वायर गेजों के खांचों पर नंबर लिखा रहता हैं ।

Type # 5. बेवल गेज (Bevel Gauge):

इस गेज का अधिकतर प्रयोग जॉब पर बने कोणों को चैक करने और कोणों को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है । इसका प्रयोग मार्किंग करते समय भी किया जाता है ।

ये प्रायः निम्नलिखित दो प्रकार के पाए जाते हैं:

(I) यूनिवर्सल बेवल गेज:

इसकी बनावट में एक स्टॉक होता है और दूसरा ब्लेड । इन दोनों को स्क्रू और नट द्वारा क्लेम्प किया जाता है । इसके ब्लेड की लंबाई प्रायः 75 ओर 150 मि.मी. होती है और स्टॉक की लंबाई 75 और 85 मि.मी. होती है ।

(II) कंबीनेशन बेवल गेज:

इस गेज में ब्लेड और स्टॉक के साथ एक उप-ब्लेड भी होता है जिसको मूल ब्लेड के साथ स्क्रू और नट से क्लेम्प करते हैं । इस गेज से किसी भी कोण को चैक और ट्रांसफर किया जाता है । इसके ब्लेड और स्टॉक प्रत्येक की लंबाई प्रायः 100 मि.मी. होती है ।

Type # 6. ड्रिल ऐंगल गेज (Drill Angle Gauge):

ड्रिल को ग्राइंड करते समय उसके कटिंग ऐज के कोणों को चैक करने के लिए जिस गेज का प्रयोग किया जाता है उसे ड्रिल ऐंगल गेज कहते हैं । इसका प्रयोग हिल के कटिंग ऐज का कोण और लिप्त की लंबाई आदि को चैक करने के किया जाता है ।

Type # 7. सेंटर गेज (Centre Gauge):

यह गेज स्टील की प्लेट से बनायी जाती है जिस पर स्क्रू थ्रेड के स्टैंडर्ड के अनुसार अलग-अलग कोणों में ‘V’ ग्रुव बने होते हैं, जैसे 55°, 60°, 471/2° आदि । इसका प्रयोग लेथ पर विभिन्न प्रकार की चूडिया काटने वाले कटिंग टूल्स के प्वाइंटों को चैक करने के लिए और चूडियां काटने से पहले टूल को जॉब के समकोण में सेट करने के लिए किया जाता है ।

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