Here is a list of cutting tools used in a factory in Hindi language.

1. चीजल (Chisel):

चीजल एक प्रकार का कटिंग टूल है जिसका प्रयोग प्रायः ऐसी अनावश्यक धातु को काटने के लिये किया जाता है जिसे रेती या हेक्सॉ के द्वारा आसानी से नहीं काटा जा सकता है । इसका प्रयोग पतली चद्दरों को दो या दो से अधिक भागों में काटने के लिये भी किया जाता है ।

इसके द्वारा कटा हुआ भाग अधिक शुद्ध नहीं होता । विशेषकर, इसका प्रयोग कार्य को जल्दी करने के लिए किया जाता है । कार्य के अनुसार यह कई आकारों व साइजों में पाई जाती है ।

मेटीरियल:

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चीजल प्रायः हाई कार्बन स्टील से बनाई जाती है । इसकी बॉडी प्रायः षट्‌भुज आकार की होती है । इसके कटिंग ऐज से लगभग 25 से 35 मिमी. तक भाग को हार्ड व टेम्पर कर दिया जाता है ।

वर्गीकरण:

चीजल का वर्गीकरण इसकी लंबाई, फेस की चौड़ाई और कटिंग प्याइंट के आकार के अनुसार किया जाता है जैसे फ्लैट चीजल 200 × 25 मिमी. ।

2. हेक्सॉ (Hacksaw):

हेक्सॉ एक मुख्य औजार है जिसका प्रयोग वर्कशाप में धातु को काटने के लिए किया जाता है । हेक्सॉ से धातु को काटने की क्रिया को हेक्साँइग कहते है ।

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इसके निम्नलिखित दो मुख्य भाग होते हैं:

i. फ्रेम

ii. ब्लेड

हेक्सॉ फ्रेम:

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हेक्सों फ्रेम अंग्रेजी के अक्षर ‘U’ के आकार का होता है जिसको प्रायः माइल्ड स्टील से बना कर केस हार्ड कर दिया जाता है । इसका मुख्य प्रयोग हेक्सॉ ब्लेड को सही पोजीशन में बांधने के लिए किया जाता है ।

बनावट:

हेक्सॉ फ्रेम की बनावट में प्रायः निम्नलिखित मुख्य-मुख्य पार्ट्स होते हैं:

(1) फ्रेम

(2) शीथ

(3) हैंडल

(4) ब्लेड होल्डर्स

(5) रिटेनिंग पिनें

(6) विंग नट

प्रकार:

हेक्सॉ फ्रेम प्रायः निम्नलिखित प्रकार के प्रयोग में लाये जाते हैं:

I. फिक्सड हेक्सॉ फ्रेम:

इस प्रकार के हेक्सॉ फ्रेम को एक ही धातु के टुकड़े से दो सिरों से 90 के कोण में मोड़ कर बनाया जाता है । इसमें एक ही साइज का हेक्सॉ ब्लेड फिट किया जा सकता है । इस प्रकार का हेक्सॉ फ्रेम दूसरे प्रकार के हेक्सॉ फ्रेम से अधिक मजबूत होता है ।

II. एडजस्टेबल हेक्सॉ फ्रेम:

इस प्रकार का हेक्सॉ फ्रेम धातु के दो टुकड़ों में बना होता है जिसको समायोजित किया जा सकता है । इसलिए इस प्रकार के हेक्सॉ फ्रेम में भिन्न-भिन्न लंबाइयों के हेक्सॉ ब्लेड बांधे जा सकते हैं ।

III. डीप कटिंग हेक्साँ फ्रेम:

इस प्रकार का हेक्सॉ फ्रेम फिक्सड हेक्सॉ फ्रेम की तरह के होते हैं । परंतु इसके दोनों सिरे अधिक लंबाई में मुड़े होते हैं । इस प्रकार इस हेक्सॉ फ्रेम की सहायता से अधिक गहराई में कटिंग की जा सकती हैं ।

भारतीय स्टैण्डर्ड के अनुसार वर्णन:

भारतीय स्टैण्डर्ड (B.I.S) के अनुसार पांच प्रकार के हेक्सॉ फ्रेम प्रयोग में लाये जाते हैं जिनकी क्षमता 25 से 30 मि.मी. तक लंबाई के ब्लेड को पकड़ने की होती है ।

इन पांचों हेक्सॉ फ्रेमों का विवरण निम्नलिखित है:

टाइप ‘A’ – ओपन ग्रिप एडजस्टेबल हेक्सॉ फ्रेम

टाइप ‘B’ – क्लोज्ड ग्रिप एडजस्टेबल हेक्सॉ फ्रेम

टाइप ‘C’ – स्ट्रेट ग्रिप एडजस्टेबल हेक्सॉ फ्रेम

टाइप ‘D’ – स्टेट ग्रिप नान एडजस्टेबल हेक्सॉ फ्रेम

टाइप ‘E’ – डीप थ्रोट नान-एडजस्टेबल हेक्सॉ फ्रेम

विवरण:

भारतीय स्टैण्डर्ड के अनुसार हेक्सॉ फ्रेम को उसके प्रकार और डायमेंशन के अनुसार निर्दिष्ट किया जाता है जैसे हेक्सॉ फ्रेम AB 250 । इसमें A= एडजस्टेबल हेक्सॉ फ्रेम, B= प्रकार अर्थात् क्लोज्ड ग्रिप हेक्सॉ फ्रेम और 250 मि. मी. हेक्सॉ फ्रेम की क्षमता है ।

3. पॉवर सॉ (Power Saw):

पॉवर सॉ एक रेसिप्रोकेटिंग टाइप मशीन है जिसका अधिकतर प्रयोग लघु उद्योगों में वर्कपीसों को काटने के लिए किया जाता है । जॉब को सही लंबाई में काटने के लिए इसमें एक वर्कस्टॉप लगी होती है तथा जॉब और ब्लेड को ठंडा करने के लिए इस पर कुलेंट की व्यवस्था भी होती है । लंबे जॉब को सहारा देने के लिए इसके साथ एक फ्लोर स्टैण्ड भी आता है ।

पॉवर सॉ ब्लेड:

पॉवर सों ब्लेड प्रायः हाई स्पीड स्टील से बना कर पूर्ण रूप से हार्ड कर दिया जाता है । इनका साइज इसकी लंबाई (दोनों सुराखों के सेंटर से सेंटर के बीच की दूरी) चौड़ाई, मोटाई और दातों के पिच के अनुसार निर्दिष्ट की जाती हैं । प्रायः 400 × 32 × 1.6 × 4 मि.मी. सामान्य साइज वाले ब्लेड का प्रयोग किया जाता है ।

अन्य साइज जैसे 300 × 25 × 1.25 × 2.5 मि.मी वाले ब्लेड भी पाए जाते हैं । ब्लेड को फिक्स करते समय ध्यान रखना चाहिए कि दांतों की दिशा कटिंग स्ट्रोक की दिशा में रहे ।

सावधानियां:

I. जॉब की कटिंग करते समय कोई माप लेते समय मशीन को रोक देना चाहिए ।

II. जॉब के ऊभरे हुए सिरों को संरक्षित कर देना चाहिए ।

III. पॉवर सॉइंग करते समय हमेशा कटिंग फ्लूइड का प्रयोग करना चाहिए ।

IV. अत्यधिक कटिंग प्रैशर नहीं लगना चाहिए ।

V. यदि एक ही साइज के वर्कपीसों को काटना हो तो स्टॉप गेज का प्रयोग करना चाहिए ।

VI. छोटे-वर्कपीस को मशीन वाइस में पकड़ते समय मशीन वाइस के विपरीत सिरे पर वर्कपीस की समान थिकनैस का एक छोटा पीस लगा देना चाहिए । ऐसा करने से छोटे वर्कपीस को टाइट करते समय वाइस को दविस्ट होने से रोका जा सकता है ।

4. फाइल-रेती (File):

फाइल एक प्रकार की कटिंग टूल है जिसका प्रयोग जॉब से अनावश्यक धातु को हटाने के लिये किया जाता हैं । इसके द्वारा बहुत कम धातु काटी जा सकती है और धातु छोटे-छोटे कणों के रूप में कटती है । फाइल का प्रयोग करने के लिये इसे प्रायः जॉब की सरफेस पर आगे-पीछे चला कर लड़ना पड़ता है ।

जिस क्रिया के द्वारा फाइल से धातु को रगड़ा जाता है उसे फाइलिंग कहते हैं । फाइल का मुख्य प्रयोग जॉब को शुद्ध माप में बनाने के लिये, किसी जॉब की मोटाई कम करने के लिये, हेक्सॉइग, चिपिंग इत्यादि आपरेशन के बाद जॉब की सरफेस को समतल करने के लिये और जॉब को अच्छी तरह से फिनिश व पालिश इत्यादि करने के लिये किया जाता है ।

फाइलिंग प्रायः फ्लैट एवं गोलाई की सरफेस, स्लॉट, विभिन्न आकार के सुरखों और एंगुलर सरफेस पर की जाती है । फाइलिंग के लिये एलाउंस भी कम रखा जाता है । प्रायः 0.025 मिमी. से 0.5 मिमी. तक फाइलिंग एलाउंस रखा जाता है ।

फाइलिंग कार्यक्रिया के द्वारा कार्य को 0.05 मिमी. से 0.2 मिमी. तक परिशुद्धता में बनाया जा सकता है । कुछ विशेष परिस्थितियों में फाइलिंग करके कार्य को कभी-कभी 0.02 मिमी. या 0.01 मिमी. की परिशुद्धता में भी बनाया जाता है ।

5. ड्रिल (Drill):

ड्रिल एक प्रकार का कटिंग टूल है जिसका प्रयोग गोल आकार के सुराख बनाने के लिये किया जाता है । इसका प्रयोग ड्रिल मशीन की सहायता से किया जाता है । जिस क्रिया के द्वारा ड्रिल मशीन से गोल सुराख किया जाता है उसे ”ड्रिलिंग” कहते हैं ।

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