Read this article in Hindi to learn about the natural and synthetic adhesives used in industries.

अधेसिव प्रायः निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं:

1. प्राकृतिक अधेसिव्स (Natural Adhesives):

इन्हें पशुओं, सब्जियों और खनिजों से बनाया जाता है । एनिमल अधेसिव्स लीक्विड या सॉलिड जैली के रूप में पाए जाते हैं और इनका प्रयोग प्रायः लकड़ी के फर्निचर चमड़े, पेपर और टेक्सटाइल में किया जाता है । इनके द्वारा बनाया गया जोड नमी और ताप को सहन नहीं कर पाता ।

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वेजिटेबल अधेसिव्स पाउडर के रूप में पाए जाते हैं जिन्हें पानी या केमिकल्स के साथ मिक्स किया जाता है । इनका प्रयोग प्रायः बोतल लेबलिंग, स्टेशनरी, अंदरूनी सजावट आदि के लिए किया जाता है । इनके द्वारा बनाया गया जोड़ पानी, गर्मी व ठंड को अच्छी तरह से सह नहीं पाता ।

मिनरल अधेसिव्स पेस्ट व लीक्विड के रूप में पाए जाते हैं । प्रायः सोडियम सिलिकेट का प्रयोग अधिकतर किया जाता है । पेस्ट के रूप में इसका प्रयोग थर्मल इंसूलेशन वाली इंटों को जोड़ने के लिए किया जाता है तथा लीक्विड के रूप में इसका प्रयोग लकड़ी को जोड़ने, फरनेस के दरवाजों के साथ इंसूलेटिंग मेटीरियल्स को जोड़ने आदि के लिए किया जाता है ।

2. सिंथेटिक अधेसिव्स (Synthetic Adhesives):

इस प्रकार के अधेसिव्स को निम्नलिखित दो वर्गों में बांटा जा सकता है:

(क) थर्मोप्लास्टिक अधेसिव्स:

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ये अधेसिव्स पोलियामाइड्‌स, एक्रिलिक पोलिमर्स, विनायल आदि से बनाए जाते हैं । इस प्रकार के अधेसिव्स अधिक फ्लेक्सीबल होते हैं और ऐसे मेटीरियल्स को जोड़ने के लिए उपयुक्त होते हैं जो कि सुदृढ़ नहीं होते । ये थर्मोसेटिंग प्लास्टिक्स की अपेक्षा का स्ट्रांग होते हैं ।

इन अधेसिव्स को निम्नलिखित में विभाजित किया जा सकता है:

(a) थर्मोप्लास्टिक रेजिंस

(b) थर्मोप्लास्टिक रबर

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(a) थर्मोप्लास्टिक रेजिंस लीक्विड और सालिज्ड रूप में पाए जाते हैं जिनका प्रयोग केवल लोड वाली असेम्बलियों के लिए किया जाता है ।

(b) थर्मोप्लास्टिक रबड़ प्राय: घोलक के रूप में पाया जाता है जो कि पानी, नमक, लुब्रिकेंट्‌स, केमिकल्स और कमजोर तेजाबों का अच्छा प्रतिरोधी होती है । इस प्रकार का अधेसिव आजकल अधिकतर प्रयोग में लाया जाता है ।

उपयोग:

थर्मोंप्लास्टिक मेटीरियल्स गर्म करने पर साफ हो जाते हैं तथा ठंडा होने पर फिर से हार्ड हो जाते हैं ।

ज्वाइंट पर इनको निम्नलिखित तीन तरह से प्रयोग में लाया जाता है:

i. घोलक सक्रियता द्वारा:

इसमें अधेसिव को उपयुक्त घोलक के द्वारा साफ्ट किया जाता है और बाण्ड को घोलक के वाष्पीकरण के द्वारा प्राप्त किया जाता है । घोलक केवल ज्वाइंट लाइन के साथ-साथ भाप के रूप बदलते हैं । प्रकार वाष्पीकरण के कारण सुदृढ़ बाण्ड केवल ज्वाइंट लाइन के साथ-साथ संभव होता है ।

ii. ताप सक्रियता द्वारा:

इसमें अधेसिव को तब तक गर्म करके साफ्ट किया जाता है जब तक कि वह इतना पिघल जाए कि वह ज्वाइंट पर स्वतंत्रतापूर्वक फैल सके और जोड़े जाने वाले मेटीरियल्स पर चिपक सके । कमरे के तापमान पर ठंडा करने से बाण्ड को प्राप्त किया जा सकता है ।

iii. प्रभाव सक्रियता द्वारा:

ये घोलक सक्रियता वाले अधेसिव्स है जिन्हें दो ज्वाइंट फेसों पर अलग-अलग फैलाया जाता है और तब वाष्पीकरण के द्वारा उन्हें सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है । सूखने के बाद दोनों फेसों को परस्पर मिलाया जाता है जहां पर इंटरमोलिक्यूलर आकर्षण के द्वारा बाण्ड प्राप्त किया जा सकता है ।

(ख) अर्मोसेटिंग अधेसिव्स:

इन अधेसिव्स को जब ताप की क्रिया के अंतर्गत स्थापित किया जाता है तो इनमें रासायनिक परिवर्तन आ जाते हैं । ये लीक्विड, सॉलिड और पेस्ट के रूप में पाए जाते हैं । अन्य अधेसिव्स की अपेक्षा ये अधेसिव्स अधिक स्ट्रांग जोड प्रदान करते हैं । ये प्रायः बनावट संबंधी कार्यों के उपयोगी होते हैं ।

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