नागरिक बोध और हम | Essay on Civic Sense in Hindi!

1. प्रस्तावना ।

2. प्रत्येक नागरिक के कर्तव्य ।

3. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

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हम सब भारत के निवासी हैं । इस नाते हम सब इसके नागरिक हैं । नागरिक जीवन को सुखी एवं सम्पन्न बनाने के लिए हम सब नागरिकों का कर्तव्य है कि हम अपने तथा देश से सम्बन्धित सभी कार्यों में सहयोग दें तथा अपने नागरिक बोध का परिचय दें ।

नागरिक बोध का अर्थ है: अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी जानें । जिस प्रकार पानी, बिजली पर हमारा अधिकार है, तो उसका बिल अदा करना हमारा कर्तव्य है । हम सड़क पर केले के छिलके, कागज आदि न फेंकेके और दूसरों को भी न फेंकने दें, यही हमारा नागरिक बोध है ।

2. प्रत्येक नागरिक के कर्तव्य:

1. हमारे संविधान में प्रत्येक नागरिक को मूलभूत (मौलिक) अधिकार दिये गये हैं, इसके साथ ही कुछ कर्तव्यों का प्रावधान रखा गया है, जिसमें प्रमुख हैं: संविधान के प्रति निष्ठा, राष्ट्रीयगान एवं राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान तथा राष्ट्रीय प्रेरकों, आदर्शों के प्रति सम्मान, भारत की प्रभुता, एकता और अखण्डता की रक्षा, राष्ट्र की सेवा, समस्त भारतीयों में भाईचारा एवं स्नेह को बढ़ावा देना, महिलाओं की गरिमा की रक्षा, संस्कृति को संरक्षण व सम्मान देना, प्राकृतिक पर्यावरण, वन तथा झीलों के प्रति संरक्षण का भाव, वैज्ञानिक सोच, मानवता, ज्ञानार्जन व चेतना रहा विकास तथा व्यक्तिगत व सामूहिक गतिविधियों में उत्कृष्टता लाना ।

वर्तमान समय में हमारा नागरिक कर्तव्य बोध पर्यावरण व उसकी स्वच्छता के प्रति जागरूक रहना है । प्राय: देखा जाता है कि लोग अपने घरों का कूड़ा-करकट, गन्दगी अपने घरों के आसपास ही डाल देते हैं । मल-मूत्र विसर्जन निर्धारित स्थान पर न करके कहीं पर भी कर देते हैं ।

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पर्यावरण की स्वच्छता के प्रति हमारा कर्तव्य है कि हम निश्चित स्थान पर पान, तम्बाकू का प्रयोग कर पीकदान में ही भूकें । नाक इत्यादि साफ करते समय स्थान का ध्यान रखें । सिगरेट, बीड़ी तथा शराब का सेवन सार्वजनिक स्थानों पर न करें ।

2. प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह मताधिकार का प्रयोग अवश्य ही करे । मत योग्य, कुशल तथा ईमानदार को ही दें ।

3. कानूनों एवं नियमों का पालन-सामाजिक जीवन में नियमों का बहुत महत्त्व है । ये नियम हमारी भलाई के लिए ही बनाये गये हैं । हमें सड़क पर चलते समय यातायात के नियमों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए । बस स्टॉप, टिकट घर, राशन की दुकान, बिल पटाते समय कतार का प्रयोग करें । अपने वाहनों को निश्चित स्थान पर खड़ा करें । अपने शहर की कानून व्यवस्था तथा शान्ति बनाये रखने में सहयोग दें ।

4. प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह समय पर करों की अदायगी पूरी ईमानदारी से करे । आयकर, सम्पत्ति कर या किसी भी प्रकार के सरकारी कर की अदायगी करे ।

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5. नागरिकों को चाहिए कि वह अपनी निजी सम्पत्ति की तरह सार्वजनिक सम्पत्ति, जैसे-सड़क, बस, रेल, पानी, बिजली, स्कूल, मन्दिर, ऐतिहासिक इमारतें, राष्ट्रीय महत्त्व की’ चीजों की हिफाजत करें । किसी भी स्थिति में सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान न पहुंचायें । रेल, बस निश्चित स्थान पर रोकें ।

6. अनुशासन व सहयोग: प्रत्येक नागरिक को चाहिए कि वह स्थानीय संस्थाओं पर विश्वास रखे । अनुशासन का पालन कर सच्चे नागरिक बोध का आदर्श अपनाये ।

7. हमारा यह नागरिक कर्तव्य है कि सड़क पर या किसी दुर्घटना स्थल पर पड़े घायल, असहाय व्यक्ति की तत्काल सहायता व उसका उपचार करें, ताकि उसकी प्राणरक्षा हो सके । घायल को देखकर सभी यह सोचने लगें कि इस बेवजह के झंझट में क्यों पड़े, तो हम अपने नागरिक बोध तथा कर्तव्य को भूल बैठते हैं ।

3. उपसंहार:

किसी भी देश के नागरिकों में अपने देश व समाज के प्रति तथा उसके जीवन में काम आने वाली संस्था के प्रति नागरिक बोध अवश्य होना चाहिए । वर्तमान समय में विसंगति यह है कि लोग अपने अधिकारों की बात तो करते हैं, किन्तु कर्तव्य की बात भूल जाते हैं । अमर सेनानी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने सच ही कहा था: ”स्वतन्त्र होने के बाद मेरा प्रथम कार्य राष्ट्र के लोगों को राष्ट्रभक्ति, अनुशासन व कर्त्तव्य पालन की सीख या उसका बोध कराना होगा ।”

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