शोर प्रदूषण पर निबंध: कारण और नियंत्रण | Essay on Noise Pollution: Causes and Control in Hindi!

शोर प्रदूषण पर निबंध | Essay on Noise Pollution


Essay Contents:

  1. ध्वनि प्रदूषण का अर्थ और कारण (Meaning and Causes of Noise Pollution)
  2. ध्वनि प्रदूषण का समाज पर प्रभाव (Impact of Noise Pollution on Society)
  3. परिवेशी धवनि स्तर निगरानी (Ambient Noise Level Monitoring)
  4. ध्वनि प्रदूषण के चरण (Stages of Noise Pollution)
  5. ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण (Control of Noise Pollution)

Essay # 1.

ध्वनि प्रदूषण का अर्थ और कारण (Meaning and Causes of Noise Pollution):

यदि ध्वनि के द्वारा शोर-शराबा अत्यधिक हो और उससे बेचैनी उत्पन्न हो या स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव पड़े तो उसको ध्वनि प्रदूषण कहते हैं । जैसे-जैसे औद्योगीकरण एवं नगरीकरण बढ़ रहा है, ध्वनि प्रदूषण की समस्या भी बढ़ती जा रही है ।

ADVERTISEMENTS:

भारत में ध्वनि प्रदूषण के मुख्य कारण निम्न प्रकार हैं:

1. सामाजिक सभाएँ (Social Gathering):

भारत जैसे विकासशील देशों में सामाजिक सभाएँ प्रदूषण का मुख्य कारण हैं ।

2. धार्मिक स्थल अथवा उपासना स्थल (Places of Worship):

ADVERTISEMENTS:

धार्मिक एवं उपासना के स्थलों पर लाउड स्पीकर का इस्तेमाल करने से ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि होती है ।

3. वाणिज्य प्रक्रियाएँ (Commercial Activities):

सड़कों पर खड़े होकर माल बेचना साप्ताहिक बाजार एवं पेंठ बाजार से भी ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि होती है ।

4. तीज त्योहार (Festivals):

ADVERTISEMENTS:

विश्व भर में त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाये जाते हैं । भारत में तो त्योहार ढोल-ढमाकों के साथ मनाये जाते हैं जिससे भारी मात्रा में ध्वनि प्रदूषण बढ़ जाता है ।

5. औद्योगिक प्रक्रियाएँ (Industrial Activities):

कारखानों की मशीनों की गड़गड़ाहट से भी ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है ।

6. वाहन तथा परिवहन तंत्र (Automobiles and Transport System):

वाहनों में यदि उत्तम प्रकार के खशामक/साइलंसर न लगे हो तो उनसे भी भारी मात्रा में ध्वनि प्रदूषण होता है । रेलों तथा हवाई जहाजों से भी वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है । निर्माण उपकरण तथा विनिर्माण प्रक्रियाएँ भी ध्वनि प्रदूषण का स्रोत हैं ।

7. ऊर्जा उत्पादन (Energy Generation):

ताप बिजली तथा पन बिजली उत्पादन से भी ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है ।

8. कृषि यंत्रों के द्वारा (Agricultural Equipment’s):

कृषि में काम आने वाली मशीनें; जैस-ट्रैक्टर, हार्वेस्टर इत्यादि से भी ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि होती है ।

9. घरेलू यंत्रों के द्वारा (Household Appliances):

घरेलू बिजली के उपकरण जैसे ग्राइंडर तथा मकानों का निर्माण करने वाली मशीनों से भारी ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है ।


Essay # 2.

ध्वनि प्रदूषण का समाज पर प्रभाव (Impact of Noise Pollution on Society):

ध्वनि प्रदूषण का समाज पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पडता है ।

ध्वनि का समाज पर निम्न प्रकार से प्रभाव पडता है:

(i) सामान्य प्रभाव (General Impact):

ध्वनि प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है । ध्वनि का सुनने और बोलने पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । विद्यार्थियों, शिक्षकों और वैज्ञानिकों की सेहत पर भी खराब असर पडता है ।

(ii) मनोवैज्ञानिक प्रभाव (Psychological Impact):

मनोवैज्ञानिकों का कथन है कि ध्वनि प्रदूषण का मानव व्यवहार तथा पशु-पक्षियों के व्यवहार पर भी प्रभाव पडता है ।

(iii) शारीरिक प्रभाव (Physiological Effect):

ध्वनि प्रदूषण से सुनने की शक्ति समाप्त होकर आदमी बहरा हो सकता है, ब्लड प्रेशर, पुनरूत्पादक, प्रजनन तथा गर्भपात जैसी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है ।

(iv) तंत्रिका तंत्र (Nervous System):

इसमें दर्द, कानों में घंटी की ध्वनि तथा थकान होती है जिससे मानव शरीर की कार्य प्रणाली बुरी तरह प्रभावित होती है ।


Essay # 3.

परिवेशी धवनि स्तर निगरानी (Ambient Noise Level Monitoring):

ध्वनि प्रदूषण (नियंत्रण व व्यवस्थापन) नियम 2000 विभिन्न क्षेत्रों हेतु परिवेशी ध्वनि निर्धारण निम्नानुसार करता है:

मार्च 2011 को भारत सरकार ने एक वास्तविक समय परिवेशी ध्वनि निगरानी तंत्र की शुरुआत की ।


Essay # 4.

ध्वनि प्रदूषण के चरण (Stages of Noise Pollution):

इस तंत्र के अन्तर्गत निम्नलिखित तीन चरण शुरू किए गए:

चरण-I:

इस चरण में सात नगरों में विभिन्न ध्वनि क्षेत्रों में पाँच सुदूर ध्वनि मानिटरिंग टर्मिनल्स लगाए गए ।

ये नगर हैं:

(i) बंगलुरु

(ii) चेन्नई

(iii) दिल्ली

(iv) हैदराबाद

(v) कोलकाता

(vi) लखनऊ

(vii) मुम्बई ।

चरण-II:

इस चरण में उपरोक्त सात नगरों में अन्य 35 निगरानी क्षेत्र स्थापित किए गए ।

चरण-III:

चरण III में अन्य 18 नगरों को शामिल किया गया है जिसमें 90 स्टेशन स्थापित किए जाएंगे ।

इन 18 नगरों में शामिल हैं:

(1) अहमदाबाद

(2) अमृतसर

(3) भोपाल

(4) भुवनेश्वर

(5) देहरादून

(6) गाँधीनगर

(7) गुवाहाटी

(8) इन्दौर

(9) जयपुर

(10) कानपुर

(11) लुधियाना

(12) नागपुर

(13) पटना

(14) पुणे

(15) रायपुर

(16) राँची

(17) सूरत

(18) तिरुअनंतपुरम ।


Essay # 5.

ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण (Control of Noise Pollution):

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रदूषण की सभी समस्याओं में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करना आसान होता है ।

निम्न उपायों के द्वारा ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है:

(i) ध्वनि प्रदूषण के बारे में जनता में जागरूकता उत्पन्न करना ।

(ii) ऐसे उपकरणों का आविष्कार करना जिनसे कम शोर उत्पन्न हो ।

(iii) कानों को ध्वनि प्रदूषण से बचाने के लिये कनटोप का प्रयोग करना ।

(iv) शिक्षा संस्थानों को हस्पतालों से दूर स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए ।

(v) सड़कों के पास भारी मात्रा में वृक्षारोपण से ध्वनि प्रदूषण का प्रभाव कम हो जाता है ।

(vi) इमारतों के डिजाइन में सुधार करना और उनको ध्वनि प्रूफ बनाना ।

(vii) ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिये कड़े कानून बनाना ।

भारत सरकार ने भारतीय दंड विधान तिहरा की धारा 133 के अनुसार, 1986 में लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर पाबन्दी लगाई गई । हस्पतालों, शिक्षा संस्थाओं एवं अदालतों के पास लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया ।


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