अस्पताल अपशिष्ट प्रबंधन पर निबंध | Essay on Hospital Waste Management in Hindi!

Essay # 1. अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन का परिचय (Introduction to Hospital Waste Management):

अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में अस्पताल के विभिन्न श्रेणियों के कार्मिकों में जागरूकता की कमी और जागरूकता के निम्न स्तर देखते हुए एक प्रभावी संचार कार्यनीति आवश्यक है ।

अस्पताल में निर्धारित किए गए विभिन्न लक्षित समूहों के लिए खासकर व्यवहारिक और प्रभावी शिक्षा कार्यक्रम बनाना महत्वपूर्ण है । इसमें अस्पताल कचरे का पुनः उपयोग, अपशिष्ट उत्पत्ति को कम करना और अपशिष्ट से पुनः उपयोग योग्य वस्तुएँ बनाने सहित अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन हेतु शिक्षण कार्यक्रम और विषय-सामग्री का विकास अनिवार्यतः शामिल होते हैं । अस्पताली  अपशिष्ट प्रबंधन के विषय में कार्यशालाएँ, संगोष्ठियाँ, दृश्य-श्रव्य कार्यक्रम, प्रचार माध्यमों और प्रदर्शनों के जरिए भी सूचना का विस्तार किया जा सकता है ।

शिक्षा और सतत् शिक्षा के लिए निर्धारित लक्षित समूह इस प्रकार हैं:

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1. चिकित्सक

2. उपचर्या (नर्सिंग) कार्मिक

3. वार्ड ब्याय/वार्ड परिचर, आया

4. सफाई कर्मचारी

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5. भस्मकों/काट-छांट करने वाले यंत्रों के ऑपरेटर

6. केंटीन के कर्मचारी

7. रोगी परिचर ।

शिक्षा कार्यक्रम के उद्देश्य:

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i. व्यावसायिक स्वास्थ्य खतरे सहित अस्पताली कचरे को छांटे बिना निपटान करने के कारण होने वाले स्वास्थ्य खतरे के विषय में जागरूकता उत्पन्न करना ।

ii. अपशिष्ट के उठाने-धरने, पृथकीकरण, ढुलाई, विसंक्रमण, लेबल लगाने, भण्डारण और निपटान के पहलुओं को प्रकट करना ।

iii. अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन के प्रभावी साधनों के लिए बेहतर कार्यकलाप शुरू करना । अस्पताल में सफाई कर्मचारी ऐसे व्यक्ति हैं जो कचरे से उत्पन्न खतरों के नजदीकी संपर्क में रहते है क्योंकि वे झाडू लगाते हैं, अपशिष्ट एकत्र करते हैं और इसकी ढुलाई करते हैं ।

उन्हें गहन एवं सतत् शिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से व्यावसायिक स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता है उन्हें खासकर ऐसे संक्रमण और रोगों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए जो उन्हें अस्पताली अपशिष्ट उठाते-धरते समय हो सकते हैं ।

अपशिष्ट को अंधाधुंध फेंक देने के कारण दुर्घटनावश नुकीली वस्तुएँ चुभने और उनसे कटने के खतरों के बाबत् एवं सुइयों एवं तेज धार वस्तुओं को उठाने-धरने के विषय में सफाई कार्मिकों को शिक्षित किया जाना चाहिए ।

कचरे को उठाते-धरते और उसकी ढुलाई करते समय सुरक्षात्मक उपकरणों के प्रयोग सहित सुरक्षित तरीकों का प्रदर्शन शिक्षण कार्यक्रम का महत्वपूर्ण भाग होना चाहिए । चिकित्सा एवं पराचिकित्सा कार्मिकों को अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली पूरी तरह समझनी चाहिए । उन्हें पर्यवेक्षण एवं निगरानी पर भी ध्यान देना चाहिए ।

Essay # 2. अस्पताल अपशिष्ट प्रबंधन के उद्देश्य (Aims of Hospital Waste Management):

1. एक रोगी से दूसरे रोगी को, रोगी से स्वास्थ्य-कर्मी को तथा स्वास्थ्य-कर्मी से रोगी को रोग लगने की रोकथाम

2. इस जैव-चिकित्सीय कचरे का काम करते हुए स्वास्थ्य परिचर्या कर्मियों और सहायक सेवाओं के कार्यकर्ताओं को चोट से बचाना, और

3. जहाँ तक हो सके, कोशिका-विषी (साइटोटॉक्सिक), जीनोटॉक्सिक तथा रासायनिक जैव-चिकित्सीय कचरे से आमतौर पर हो जाने वाले नुकसानदेह प्रभावों की रोकथाम ।

इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, स्वास्थ्य परिचर्या कर्मी के पास जब भी आवश्यकता पडे, व्यक्तिगत बचाव की अनेक विधियाँ उपलब्ध होनी चाहिए और उसे इन्हें इस्तेमाल करने के लिए तैयार होना चाहिए और उसे अनेक दूसरी सावधानियाँ भी बरतनी चाहिए यदि एक बार ऐसी आदत बना ली जाए तो ऐसा करना मुश्किल नहीं होगा ।

Essay # 3. अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन के शिक्षण सामग्री का विन्यास एवं विकास (Formulation and Development of Educational Material Used in Hospital Waste Management):

अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन की बेहतर समझ के लिए समुचित शैक्षिक सामग्री विकसित करने की आवश्यकता है ।

(क) प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपयोगी शिक्षण एवं प्रशिक्षण सहायक सामग्री इस प्रकार है:

(i) मुद्रित सामग्री-हैंडबिल, फ्लिप चार्ट, पोस्टर, पुस्तकें, मैनुअल, बुकलेट आदि ।

(ii) दृश्य-श्रव्य कार्यक्रम-स्लाइड शो, ओ एच पी (ओवर हैड प्रोजेक्टर), वीडियों फिल्में आदि ।

(ख) प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए पद्धतियाँ:

(i) सामूहिक चर्चाएं-जो कर्मचारियों के विभिन्न वर्गों से हो सकती है ।

(ii) व्याख्यान

(iii) मोड्यूलर प्रशिक्षण

(iv) स्थितिगत विलेषण और समस्याओं के निवारण का सत्र

(v) क्षेत्र-दौरे

स्वाध्ययन सहित सभी उपरोक्त पद्धतियों को सत्र में शामिल किया जाना चाहिए । अस्पताल के विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों की प्रशिक्षण संबंधी आवश्यकताओं का मूल्यांकन करने के बाद उसी के अनुसार समुचित जागरूकता एवं शिक्षण कार्यनीतियां बनाई जानी चाहिए ।

इन कार्यनीतियों के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन से बेहतर अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन के नजरिए में परिवर्तन पर जोर देना चाहिए । शिक्षण कार्यक्रमों की प्रभावकारिता की जांच करने के लिए आवधिक मूल्यांकन भी किए जा सकते हैं । मूल्यांकन रिपोर्टों के निश्कर्शों के आधार पर भविष्य के कार्यक्रमों को संशोधित किया जा सकता है ।

Essay # 4. अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन के शिक्षण के लिए प्रशिक्षण (Trainer for Hospital Waste Management):

प्रशिक्षक अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन में विशेषज्ञ होना चाहिए:

1. वह एक अच्छा प्रवक्ता होना चाहिए जिसे स्थानीय भाषा का अच्छा ज्ञान हो ।

2. प्रशिक्षक को अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन और इसके प्रभावी कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्न मसलों की पहचान और उनका समाधान करने में सक्षम होना चाहिए ।

3. प्रशिक्षक को अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन संबंधी नई बातों, नए तौर-तरीकों (पद्धतियों) और तकनीकों के विषय में जानकारी होनी चाहिए ।

4. उसे प्रलेखन और अनुसंधान कार्य में भी भाग लेना चाहिए ।

5. उसे विभिन्न लक्षित समूहों के लिए शिक्षण कार्यक्रमों का समन्वय करने में सक्षम होना चाहिए ।

6. उसे शिक्षण कार्यक्रमों में लगे कर्मिकों से नियमित रूप से सूचना (फीडबैक) प्राप्त करते रहना चाहिए ।

अस्पताली अपशिष्ट के उचित प्रबंधन के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण एक पहलू है । इसके माध्यम से अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन के विभिन्न से पर लगे कर्मचारी, प्रणाली की व्यवहारिकताओं को जानते हैं ।

शिक्षा और प्रशिक्षण, अस्पताली अपशिष्ट के समुचित प्रबंधन को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण पहलू बनाता है । इसके जरिए अस्पताली अपशिष्ट प्रबंधन में लगे विभिन्न स्तरों के कर्मचारी इस पद्धति की व्यवहारिकता को जान पाते हैं ।

शिक्षण कार्यक्रम अधोलिखित शर्तें पूरी करता हो:

i. वह मौजूदा समस्याओं को पहचानने और उनसे निपटने में सक्षम हो ।

ii. लक्षित समूह को समय-समय पर नियमित जानकारी देने में सक्षम हो ।

iii. यदि जरूरत पडे तो परिवर्तन किए जाने की गुंजाइश होनी चाहिए ।

iv. विभिन्न लक्षित समूहों को समस्या-समाधान और सुझावों आदि के लिए आपसी कार्यवाही हेतु इकट्ठा किया जाना चाहिए ।