मिस्र पर निबंध | Essay on Egypt in Hindi.

यह विशाल सहारा मरूभूमि का उद्यान है । विश्व की सबसे लम्बी नदी नील इसी भाग से गुजरती है । यह देश एशिया महाद्वीप में भी थोड़ा प्रवेश करता है । एशिया का सिनाई प्रायद्वीप अफ्रीका और एशिया को जोड़ता है । नील नदी के दोनों ओर उपजाऊ जलोढ़ मिट्‌टी की एक सँकरी पट्‌टी है । इस पट्‌टी की अधिकतम चौड़ाई 26 किमी. है ।

काहिरा के पास नील नदी कई जलधाराओं में बँटकर अपना सारा जल भूमध्यसागर में गिराती है । इन धाराओं को वितरिकाएँ भी कहते हैं । इन वितरिकाओं से त्रिभुजाकार (Δ) डेल्टा का निर्माण हुआ है । अस्वान बाँध नील नदी का सबसे ऊँचा बाँध है, जिससे सिंचाई की नहरें निकाली गई हैं तथा जलविद्युत उत्पन्न की जाती है । सिनाई प्रायद्वीप और लाल सागर के तटीय भाग में मिस्र के तेल क्षेत्र हैं ।

मिस्र के दक्षिणी भाग से कर्क वृत्त गुजरता है । यहाँ वर्षा का नितांत अभाव है । पूरे वर्ष यह गर्म और शुष्क रहता है । केवल उत्तरी तट पर भूमध्यसागर के प्रभाव से गर्मी कुछ कम पड़ती है ।

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अप्रैल व मई में दक्षिण की ओर से धूलभरी शुष्क हवा चलती है, जिसे ‘खमसिन’ कहा जाता है । जाड़े में भूमध्यसागरीय तट पर कुछ वर्षा होती है । मिस्र की कुल भूमि के मात्र 3% भाग पर ही खेती होती है ।

परंतु इस देश के तीन चौथाई लोग कृषि-कार्य में लगे हैं । यहाँ के किसान ‘फेल्लाह’ कहलाते हैं । मरूद्यानों में खजूर की अच्छी खेती होती है । कपास मिस्र की मुख्य नकदी फसल है । यहाँ की कपास को उपयुक्त गर्मी, शुष्कता और साफ मौसम मिलता है । यह अपनी उत्तमता के लिए विश्व प्रसिद्ध है ।

काहिरा और सिकंदरिया सूती वस्त्र-उद्योग के प्रमुख केन्द्र हैं । सिकंदरिया नील नदी के डेल्टा क्षेत्र में स्थित मिस्र का प्रमुख बंदरगाह है । ‘काहिरा’ (अलकैरो) इस देश की राजधानी है तथा समस्त अफ्रीका का सबसे बड़ा नगर है । यह यातायात मार्गों का केन्द्र और प्रसिद्ध हवाई अड्‌डा है । अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य मार्ग के रूप में स्वेज नहर मार्ग प्रसिद्ध है ।

इसका निर्माण 1869 ई. में सिनाई प्रायद्वीप के स्वेज स्थलसंधि को काटकर किया गया । यह भूमध्यसागर को लाल सागर से जोड़ता है । यह नहर 162 किमी. लम्बी है । इसके निर्माण में मुम्बई से लंदन तक के मार्ग में 7,000 किमी. से अधिक की दूरी कम हो गई है । इसे पार करने में 10-12 घंटे लगते हैं ।

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स्वेज नहर के दोनों छोर पर पोर्ट स्वेज (दक्षिण) और पोर्ट सईद (उत्तर) पत्तन हैं । 6 अगस्त, 2015 को मिस्र के इस्लामिया शहर के बंदरगाह से 72 किमी. लम्बी नई स्वेज नहर (स्वेज कैनल एक्सिस) की शुरूआत हुई, जो लाल सागर एवं भूमध्यसागर को जोड़ती है ।

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