विश्व व्यापार संगठन की भूमिका | Read this article in Hindi to learn about the four main roles of world trade organisation. The roles are:- 1. WTO और व्यापार विकास (WTO and Trade Development) 2. WTO तथा विवाद निपटारा यन्त्रवाद (WTO and Dispute Settlement) 3. विश्व व्यापार संगठन और सामान्य लाभ (WTO and General Benefits) 4. विश्व व्यापार संगठन और सामान्य लाभ (WTO and General Benefits).

आशा की जाती है कि विश्व व्यापार संगठन नये वैश्विक व्यापार नियमों को लागू करने के लिये निम्न अनुसार महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा:

Role # 1. WTO और व्यापार विकास (WTO and Trade Development):

(i) WTO विभिन्न परिषदों तथा समितियों द्वारा प्रशासन चलाता है, उरुग्वे दौर के अन्तिम एक्ट में 28 समझौते शामिल हैं, जमा अनेक बहुपक्षीय समझौते जिसमें एक सरकारी प्रमाण भी सम्मिलित है ।

(ii) WTO महत्व टैरिफ कटौतियों के निष्पादन का भी ध्यान रखता है (औसत 40 प्रतिशत) और व्यापार समझौते में स्वीकृत गैर-टैरिफ उपायों को कम करने पर भी ध्यान देता है ।

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(iii) WTO अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का रखवाला है तथा नियमित रूप में व्यक्तिगत सदस्यों के व्यापार व्यवहारों का परीक्षण करता है । इसकी विभिन्न संस्थाओं में, सदस्य प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं अथवा ऐसे उपायों हैं जिनसे व्यापार संघर्ष उत्पन्न होते हैं । सदस्यों से यह भी आशा की जाती है की वे विस्तृत रूप में भिन्न व्यापार उपायों और आंकडों की सूचना देंगे जो WTO द्वारा सम्भाले जाते हैं ।

(iv) सदस्य देशों के बीच उत्पन्न होने वाले संघर्षों के सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिये WTO अनेक उपाय उपलब्ध करता है ।

(v) कोई भी व्यापार विवाद जो द्विपक्षीय वार्ता द्वारा सुलझाया नहीं जा सकता उसका फैसला WTO विवाद निपटारा अदालत द्वारा सुनाया जाता है । WTO नियमों के प्रकाश में विवादों के परीक्षण और निर्णय लेने के लिये स्वतन्त्र विशेषज्ञों के पैनलों की स्थापना की जाती है । यह व्यवस्थित विधि सभी व्यापारिक भागीदारों के लिये समान व्यवहार सुनिश्चित करती है । इस प्रकार सभी सदस्यों को अपने दायित्वों सहित जीने के लिये प्रोत्साहित करती है ।

(vi) विश्व व्यापार के लिये एक प्रबन्ध परामर्शदाता है । इसके अर्थशास्त्री विश्व की अर्थव्यवस्था का निकटतापूर्वक ध्यान रखते हैं तथा वर्तमान की मुख्य व्यापार समस्याओं पर अध्ययन उपलब्ध करते हैं । सचिवालय, उरग्वे दौर के परिणामों को एक नये स्थापित विकास विभाग द्वारा लागू करने में विकासशील देशों की सहायता करता है और तकनीकी सहयोग एवं प्रशिक्षण विभाग को दृढ़ करता है ।

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(vii) यह ऐसा मच है जहां देश निरन्तर बातचीत द्वारा, विश्व भर की व्यापार बाधाओं का विनिमय करते हैं ।

Role # 2. WTO तथा विवाद निपटारा यन्त्रवाद (WTO and Dispute Settlement):

सदस्यों के बीच बाजार प्राप्त करने हेतु प्रतियोगिता से उत्पन्न होने वाले झगड़ों के समाधान के लिये आप अत्यधिक शक्तिशाली यन्त्रवाद उपलब्ध करती है । हाल ही में WTO की एक रिपोर्ट से यह ठीक ही देखा गया है कि विकासशील देश विकसित देशों की तुलना में बहुपक्षीय विवाद निपटारा यन्त्रवाद के अधिक सक्रिय उपभोक्ता के रूप में सामने आ रहे हैं ।

मार्च 5, 1996 को विवाद निपटारा संस्था (DSB) ने फिलीपीन और कोस्टा रीका की प्रार्थना पर दो पैनलों की स्थापना की । विवाद निपटारा संस्था के निर्णय ने WTO में सक्रिय पैनलों की संख्या 4 तक बढ़ा दी, इनमें से तीन विकासशील देशों से सम्बन्धित थे ।

तथापि, पहला WTO विवाद, जिसका निपटारा द्विपक्षीय रूप में किया गया उसमें दो विकासशील देश सिंगापुर और मलेशिया सम्मिलित थे । इसलिये, WTO के विवाद निपटारा उपायों के GATT से बेहतर होने से, सभी सदस्यों के लिये औपचारिक शिकायत दर्ज करना सरल हो गया है ।

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इन सुधारों में सम्मिलित हैं:

(क) पैनलों की लगभग स्वचालित स्थापना और उनकी रिपोर्टो का लागू होना

(ख) पैनल प्रक्रिया के प्रत्येक पग की सुस्पष्ट अन्तिम तिथि ।

संक्षेप में, WTO विवादास्पद मुख्य समस्याओं जैसे व्यापार कार्य सूची पर सामाजिक शर्त को सम्मिलित करना आदि पर सर्वसमिति बनाने के लिये पूर्ण प्रयत्न कर रहा है । जनीवा आधारित WTO के महानिर्देशक रेनाटो रगीरो (Renato Ruggiero) ने बताया कि व्यापार और श्रम मानकों के विषय पर एक सर्व सहमति बनाने की तुरन्त चुनौती है ताकि इसे फूट डालने वाली समस्या बनने से रोका जा सके । नया WTO समझौता अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिये खुली सरकारी प्राप्ति की राशि को पहले समझौते की तुलना में 10 गुणा बढ़ाता है ।

Role # 3. विश्व व्यापार संगठन-अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक सम्बन्धों का तीसरा स्तम्भ (WTO – Third Pillar in International Economic Relations):

विश्व बैंक और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अतिरिक्त विश्व व्यापार संगठन को युद्ध-पश्चात् अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक सम्बन्धों का तीसरा स्तम्भ स्वीकार किया जाता है विश्व व्यापार के तीन मुख्य वैधानिक उपकरण है- द जनरल एग्रीमैन्ट ऑन टेरिफस एण्ड ट्रेड (GATT) इसके साथ सम्बन्धित समझौते और न्याय शास्त्र; द जनरल एग्रीमैन्ट ऑन ट्रेड इन सर्विसिज (GATS) और ट्रेड-रीलेटिड इनटैक्च्युल प्रापर्टी राइटस (TRIPS) ।

विश्व व्यापार संगठन का एक महत्वपूर्ण लक्षण है ‘मिनिस्ट्रीयिल कान्फ्रैंस’ (Ministerial Conference) जोकि इसकी उच्चतम निर्णय निर्माता है तथा WTO के अधीन किसी समझौते पर निर्णय लेने का अधिकार इस संस्था को होगा । ‘मिनिस्ट्रीयल कान्फ्रैंस’ की बैठकों में अन्तराल के दौरान, ‘जनरल कौंसिल’ इसके कार्य करेगी, जिसमें ‘विवाद निपटारा संस्था’ के रूप में इसकी भूमिका भी सम्मिलित है ।

WTO की स्थापना और ‘अन्तिम एक्ट’ के अनुसमर्थन पर प्रतिक्रिया के रूप में व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाओं में महत्वपूर्ण कमी अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार वातावरण को नयी गतिशीलता एवं शक्ति प्रदान करेगी ।

Role # 4. विश्व व्यापार संगठन और सामान्य लाभ (WTO and General Benefits):

विश्व व्यापार संगठन के सामान्य लाभों पर नीचे चर्चा की गई है:

(i) सबसे पहले WTO के लाभों के सम्बन्ध में, देखा गया है कि बढ़ती हुई बाजार पहुंच के अवसर और अविकृत प्रतियोगिता के लिये कुशल नियम विकासशील देशों की आर्थिक नीतियों के उदारीकरण में सहायता करेंगे ।

(ii) दूसरे, WTO के पूर्ववर्ती GATT सचिवालय ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2005 तक विश्व व्यापार की मात्रा 9 से 24 प्रतिशत तक उस स्तर से ऊपर होगी जो स्तर उरग्वे दौर की अनुपस्थिति में होता । वस्तुओं के व्यापार में उदारीकरण से विश्व आय में वार्षिक वृद्धि $ 110 बिलियन से $ 510 बिलियन हो सकती है ।

(iii) तीसरे WTO सदस्य देशों के बीच व्यापार सम्बन्धों के लिये संस्थागत ढांचे को दृढ़ करेगी । तदानुसार, WTO की स्थापना से एक नये व्यापार के उत्पन्न होने की सम्भावना थी । एक OECD अध्ययन ने संकेत दिया है कि GATT का अन्तिम एक्ट विकासशील देशों की आय को वर्ष 2002 तक 70 बिलियन डॉलर तक बढ़ा सकता है ।

(iv) चौथे, अन्तिम अनुभव अनुसार विश्व व्यापार संगठन के सामने चुनौती किसी प्रकार से सरल नहीं है । प्रारम्भिक लघु काल में WTO को अनेक विवादों का सामना करना पड़ सकता है । अब यह विश्व व्यापार के अभिलेखन (Recording) और पुन: संसाधन और अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक सम्बन्धों को वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार के मुक्त प्रवाह के मार्ग की ओर ले जाने वाली प्रभावी संस्था के रूप में दृढतापूर्वक स्थापित हो रहा है ।

(v) अन्त में WTO रिपोर्ट अनुसार ”International Trade-Trends and Statistics” ने अवलोकन किया कि माल वस्तुओं के विश्व व्यापार की मात्रा वर्ष 1995 में आठ प्रतिशत तक बढ़ने की सम्भावना है रिपोर्ट आगे दर्शाती है कि व्यापार वृद्धि की औसत पिछले दशक से ऊपर रहेगी ।

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