किण्वित दूध उत्पादों की सूची | Here is a list of fermented milk products in Hindi language: 1.  चक्का (Chakka) तथा शरीखंड (Shri Khand) 2. लस्सी (Lassi) 3. मट्ठा (Butter Milk).

1.  चक्का (Chakka) तथा शरीखंड (Shri Khand):

यह भारत के पश्चिमी भाग में बनने वाला प्रमुख दुग्ध उत्पाद है । चक्का, दही से श्रीखंड निर्माण में यह मध्य पदार्थ (Intermediate Product) के रूप में बनता है । चक्का सफेद रंग का सघन प्लास्टिकी पदार्थ (Close Knit Plastic Mass) है । इसमें Diacetyle तथा अम्ल की विशिष्ट गन्ध आती है ।

उत्पादन विधि (Method of Preparation):

सप्रेटा दूध को 95°C ताप पर 5 मिनट तक गर्म करके 30°C पर ठण्डा करते है तथा उसमें 1-1.5% जामन मिला कर 10-12 घन्टे के लिए 30°C ताप पर pH 4.5-4.6 या 0.85 से 0.90% अनुमापनीय अम्लता प्राप्त होने तक रखते हैं । दही बनने पर उसे छान कर या सेन्ट्रीफ्यूज द्वारा व्हे निकालते हैं ।

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चक्का में 22-23% T.S. होने पर उसमें 5-6% वसा करने के लिए 80% बसा युक्त क्रीम, अन्तिम उत्पाद का 40% अथवा चक्का का लगभग 80% शर्करा तथा एक ग्राम प्रति कि.ग्रा. की दर से इलायची (Cardamom) मिलाते हैं ।

अच्छी प्रकार से मिश्रित करने के उपरान्त प्राप्त पदार्थ को श्रीखंड नाम से जाना जाता है । इसका पैकिंग 100 ग्राम से 1 कि.ग्रा. तक के पोलीथीन पैक में किया जाता है । इसे 8°C ताप पर 35-40 दिन तक तथा 30°C ताप पर 2-3 दिन तक संग्रह किया जा सकता है ।

पदार्थ में 0.2% पोटेशियम सोर्बेट मिलाने पर उसमें यीस्ट तथा मोल्ड नहीं बनते हैं । पदार्थ को 70°C ताप पर 2 मिनट तक गर्म करने से भी संग्रह आयु में वृद्धि होती है ।

2. लस्सी (Lassi):

यह भारत के उत्तरी एवं पश्चिमी प्रदेशों का प्रमुख पेय है । परम्परागत रूप से दही को मथकर व चीनी मिलाकर यह पेय तैयार किया जाता है । परोसते समय लस्सी के गिलास में एक चम्मच मलाई तथा सुगन्ध सतह पर डाली जाती है । लस्सी में चीनी न मिला कर नमक, मसाले जैसे- अदरक, सोंठ (Ginger), धनिया (Coriander) तथा पोदिना (Mint) भी डाला जाता है ।

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लस्सी की उत्पादन विधि (Production Method):

दूध को 4% वसा पर मानकीकृत करके 90°C ताप पर 10 मिनट तक गर्म करते हैं । पास्तुरीकृत दूध में 1% जामन डाल कर 25°C ताप पर 12-16 घंटे तक रखा जाता है । दही में चीनी का शर्बत या मसाले व नमक डाल कर मथकर कर्ड तोड़ते हैं ।

मिश्रण को समांगीकृत करके सुगन्ध मिलाकर उचित आकार के पैकिंग में बन्द कर लिया जाता है । लस्सी में 3% वसा, 6-7% वसा रहित ठोस, तथा 10-11% चीनी होती है । इसकी अम्लता 0.6 से 0.7% तक होती है । इसे 4-5°C ताप पर 2-3 सप्ताह तक संग्रह किया जा सकता है ।

लस्सी का 60°C ताप पर 5 मिनट के लिए उष्मीकरण (Thermization) करने से इसकी संग्रह आयु में वृद्धि हो जाती है तथा इसे 4-5°C ताप पर 35 दिन तक रखा जा सकता है । भारत में कुछ संयन्त्र UHT Lassi भी बना रहे हैं । यद्यपि UHT उपचार से लस्सी की संग्रह आयु में वृद्धि हो जाती है । परन्तु इसके संवेदी गुणो में कमी आ जाता है । UHS Lassi के संग्रहण में Whey Separation का अवगुण आ जाता है ।

3. मट्ठा (Butter Milk):

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देशी घी/मक्खन उत्पादन के उपोत्पाद (By Product) के रूप में बने इस पदार्थ को पूरे देश में जाना जाता है । यह असंगठित क्षेत्र का प्रमुख पेय उत्पाद है । मक्खन बनाने के उपरान्त शेष तरल पदार्थ को मट्ठा कहते हैं । मट्ठा निर्माण के लिए अलग से विशेष तकनीकी का प्रयोग नहीं किया जाता है । मट्ठा सफेद, पतला, तरल, उच्च सुगन्धि युक्त तथा मध्य से उच्च अम्लता युक्त उत्पाद है ।

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