एक पान काटना उद्योग कैसे सेट करें? | Are you planning to set up a betel cutting unit? Read this article in Hindi to learn about how to set up and establish a betel cutting unit.

पान व विभिन्न प्रकार के गुटके आदि की मांग में उत्तरोत्तर वृद्धि के फलस्वरूप सुपारी की मांग में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है । सुपारी कटिंग को सुपारी में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है ।

सुपारी कटिंग को सुपारी के व्यवसाय के साथ या जॉब वर्क के रूप में किया जा सकता है पूर्व में यह कार्य हाथों द्वारा ही किया जाता था परंतु अब ऑटोमेटिक मशीनों के आ जाने से यह कार्य मशीनों द्वारा किया जाने लगा है जिससे इसकी उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है । यह इकाई बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी आसानी से लगाई जा सकती है ।

इसके प्रमुख ग्राहक समस्त पान विक्रेता तथा गुटका निर्माण करने वाली इकाइयाँ हैं । बाजार में लगातार इनकी माँग बढ़ने से इस इकाई की भविष्य में अच्छी संभावनाये हैं ।

सुपारी कटिंग के उत्पादन लक्ष्य (Production Target of a Betel Cutting Unit):

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इकाई में प्रस्तावित मशीन की क्षमता के 50% सुपारी कटिंग उपयोग करके प्रतिदिन 460 कि.ग्रा. अर्थात् वर्ष में कुल 1,38,000 कि.ग्रा. सुपारी काटी जाना प्रस्तावित है । इस प्रकार रु. 2.00 प्रति कि.ग्रा. कटाई की दर से इस इकाई में कुल रु. 276000/- की प्राप्तियाँ होना अनुमानित है ।

सुपारी कटिंग इकाई के वित्तीय पहलू (Financial Aspects of the Betel Cutting Entity):

1. कार्यस्थल की आवश्यकता (Workplace Requirement):

इस इकाई की स्थापना हेतु 500 वर्गफुट निर्मित कार्यस्थल की आवश्यकता होगी जिसका प्रतिमाह 2000 रु. किराया देय होगा ।

3. कच्चा माल (Raw Material):

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इस इकाई में चूंकि जॉब वर्क किया जाता है अर्थात् कच्चा माल लेकर उसकी कटिंग करके पुनः ग्राहकों को दे दिया जायेगा । अतः कच्चा माल खरीदने हेतु पूंजी की आवश्यकता नहीं होगी ।

4. उपयोगिताओं पर व्यय (प्रतिमाह) [Expenditure on Utilities (Per Month)]:

इस इकाई में उपरोक्त दोनों मशीनों हेतु 3.5 एच.पी. विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होगी ।

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उपयोगिताओं पर निम्नानुसार व्यय अनुमानित है:

9. इकाई स्थापना हेतु प्रस्तावित वित्तीय स्त्रोत (Proposed Financial Resources for Unit Installation):

प्रधानमंत्री रोजगार योजनार्न्तगत 5% मार्जिन उद्यमी को लगाना होगा तथा शेष 95% बैंक ऋण के रूप में उपलब्ध होगा ।

इस प्रकार वित्तीय स्त्रोत निम्नानुसार होंगे:

10. वार्षिक उत्पादन लागत (Annual Production Cost):

इकाई में प्रस्तावित मशीनों की क्षमता के 50% उपयोग के आधार पर गणना की गई है ।

इस प्रकार कुल 460 कि.ग्रा. सुपारी प्रतिदिन काटने का लक्ष्य रखा गया है जिससे निम्नानुसार उत्पादन लागत आएगी:

11. वार्षिक जॉब वर्क से आय (Income from Annual Job Work):

50% क्षमता का उपयोग करके कुल 276000 कि.ग्रा. सुपारी की कटिंग के 2.00 रु. प्रति कि.ग्रा. की दर से

क. वार्षिक प्राप्तियाँ = 276000/-

12. इकाई की लाभप्रदता:

क. वार्षिक लाभ = 98088/-

ख. मासिक लाभ = 8174/-

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