4 मुख्य कीड़े की सूची! Here is a list of four main insects in Hindi language.

1. मधुमक्खी (Bees):

मधुमक्खियों, चीटियों व दीमकों को सामाजिक कीट कहा जाता है । एक अर्थ में इनके समूह एक परिवार के रूप में एक हुई कालोनी में रहते हैं । जहां वे सारा कार्य बांटकर करते हैं । जिनमें बच्चों की देखभाल भी शामिल है । मधुमक्खियों के छत्ते, जंगलों में आमतौर पर देखे जा सकते हैं किन्तु उन्हें हम शहरों की ऊंची ईमारतों पर भी देख सकते हैं जब इनमें मधुमक्खियां हों तो इन छत्तों के अन्दर देखना संभव नहीं होता फिर भी इन मक्खियों के समाज की अधिकांश गतिविधियों को कृत्रिम छत्ते के बॉक्स में देखा जा सकता है ।

जहां इनकी चयनित प्रजाति को, जो कम आक्रमक होती है तथा शहद अधिक देती है, पाला जाता है । मधुमक्खियां पालने वाले व्यक्ति की तलाश करें और जब शहद निकालने तथा कालोनियों को बाटने का समय हो तब वहां जाये व इन प्रक्रियाओं को देखें । संभव हो तो आप इन प्रजातियों के जीवन के विभिन्न चरणों के नमूने एकत्र कर सकते हैं ।

2. दीमक तथा उनके टीले  (Termites and their Mounds):

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दीमक जिन्हें सफेद चींटियां भी कहते हैं, सामाजिक कीट होती है जो बहुत अच्छी भवन निर्माता भी होती हैं । दुनिया के कुछ भागों में दीमक के टीले (इनके घरों को इसी नाम से जाना जाता है) बहुत बड़े आकार के होते हैं । मध्यम आकार के टीलों को हम अधिकांश स्थानों पर विशेषत: नम झाडियों वाले क्षेत्रों में देख सकते हैं ।

यह एक रोचक तथ्य है कि दीमक अपने टीलों के उस भाग में नहीं रहती जो जमीन से उठा हुआ होता है । उन्हें ठण्डे नम वातावरण की आवश्यकता होती है जो जमीन के अंदर ही उन्हें मिलता है । ऊपर की उठी हुई संरचना जिसमें कई बाहरी फलक तथा अंदरूनी नलियां होती है, मुख्यत: ठण्डा रखने तथा इन्हें हवादार बनाने के काम आती हैं ।

किसी दीमक के टीले को खोजें तथा उसके विकास को देखते रहें । उन ऋतुओं को नोट करें जब उसमें अधिक विकास होता है, जब उसका विकास थम जाता है… आदि । आपने कभी सफेद चींटियों को उनके टीले के बाहरी सतह पर देखा है ? क्या आपने किसी बढ़ते हुए टीले के सिरों को खुला देखा है ? ये ऊपर की ओर कैसे विकसित होते हैं ?

टीले के किसी बाहरी फलक के किनारे को ऊपर से नीचे की ओर आरी से काटेंगे तो आप उसके अंदर नालियों का जाल देखेंगे । यदि आप लंबे समय तक निरीक्षण करते रहें तो आप बड़ी संख्या में दीमकों को उनकी लार में भीगे छोटे-छोटे सूक्ष्म रेत के कण टूटे हुए किनारों की ओर ले जाते हुए तथा उन्हें वहां रखते हुए

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देखेंगे । कुछ ही समय में वे इन खुली जगहों को सील कर देंगे । यदि आप कुछ दिनों बाद देखेंगे तो नुकसान की भरपाई पूर्ण रूप से हो गई होगी तथा ढीला अपने मूल आकार में आ जायेगा । अपने टीले का ठीक से ध्यान रखें । वह आपको बहुत उत्तेजना प्रदान करेगा ।

3. कीट संबंधी-मकड़ी (Insect-Spider):

कीटों की खोज करते समय मकड़ियों को पाना एक आम बात है । कीटों के इन संबंधियों के जुड़े हुए पैर होते हैं किंतु कीटों के छ: पैरों के स्थान पर मकड़ी के 8 पैर होते हैं । मकड़ी घर के अंदर व बाहर दोनों जगह उपस्थित रहती है । अंदर और बाहर की मकड़ी भिन्न होती है । मकड़ी को आसानी से पकड़ा जा सकता है और इसके लिए कोई विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है । उन्हें लकड़ी अथवा शाखा से किसी बरनी के अंदर आसानी से ले जाया जा सकता है ।

बरनी के मुँह को तथा कुछ समय के लिए अलग रख दें, मकड़ी अपनी जाल तैयार करना प्रारंभ कर देगी एक बार जाल तैयार होने पर वह भागने का प्रयत्न नहीं करेगी कभी-कमी बरनी का आवरण खोल दें तथा उसे ऐसी जगह रखे जहाँ उसमें कुछ कीट गिरें (जैसे किसी लाइट के नीचे अथवा बाहर) इससे मकड़ी की भोजन समस्या हल हो जाएगी ।

हम मकड़ी के साथ-साथ उसके कुछ अंडों के पैकेट भी एकत्र कर सकते हैं । कुछ दिनों में बरनी छोटी-छोटी मकड़ियों से भर जाएगी । उन सभी को जीवित रखना कठिन हो जाएगा । इसलिए सबसे अच्छा यही होगा कि उन्हें उसी स्थान पर छोड़ दिया जाए जहाँ से अंडे एकत्र किए थे । मकड़ियों को अन्य कीटों के साथ कीटगृह में रखा जा सकता है ।

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4. केंचुआ (Earthworm):

केंचुए से हम सभी परिचित हैं । ये लंबा फैलने वाला कृमि होता है और जब हम बगीचे की मिट्टी में काम करते है तब ये दिखाई दे सकते हैं । विस्तार के बाद वे रेंग कर खुले में भी आ जाते हैं । ये मिट्टी में नालियाँ खोदकर तथा मिट्टी में विभिन्न परतों को मिलाकर उसे भुरभुरा रखने में महत्वपूर्ण भूमिका पिछला नाग निभाते हैं । इनके इसी कार्य के कारण इन्हें अकसर प्रकृति का कृषक कहते हैं ।

केंचुओं का शरीर छल्लों अथवा छोटे-छोटे भागों से बना होता है व इनका आकार गोल होता है । वे एनीलिडा समूह के होते हैं । उनके शरीर के विभागों को बाहर से देखा जा सकता है । परिपक्व केंचुए के शरीर का एक पर्याणिका तिहाई तक मोटा भाग होता है । यह मोटा भाग अथवा पीठ आगे चल कर अंडों के लिए आवरण बनाते हैं ।

केंचुओं की हलचल तथा उनके खाने की गतिविधियों को हम एक मॉडल घर में देख सकते हैं । इसे हम बना सकते हैं । यह केंचुओं का घर मिट्‌टी की एक परत होता है जो काँच की अथवा प्लास्टिक की दो पारदर्शी प्लेट के बीच में रखा रहता है ।

इसे बनाने के लिए हमें 15 से.मी. ×15 से.मी. के काँच या प्लास्टिक के दो टुकड़े 2.5 से.मी. मोटे थर्माकोल की चादर तथा चिपकाने वाले पीवीसी टेप की आवश्यकता होगी ।

(1) थर्माकोल का एक 25 से.मी. चौड़ा व 15 से.मी. लंबा टुकड़ा लें तथा उसे एक काँच की प्लेट के तीन तरफ रख दें ।

(2) उस पर दूसरी प्लेट रख दें तथा दोनों प्लेटों को चिपकाने वाले टेप से चिपका दें । बाहर निकले हुए थर्माकोल को काट दें तथा इस उपकरण की खुली सतह ऊपर करके रख दें ।

(3) इसके अंदर के भाग को विभिन्न प्रकार की हल्की मिट्‌टी के परतों से, पत्तियों के कचरे से तथा कंपोस्ट से भर दें । यह नम होनी चाहिए, किन्तु अधिक गीली न हो । कुछ सब्जियों के छिलके ऊपर रख दें तथा उस पर कुछ केंचुएं रख दें । इस पर एक थर्माकोल के टुकड़े को आवरण के रूप में रख दें । इस केंचुआ घर को अंधेरे स्थान में रखें ।

इस केचुएं के घर को समय-समय पर बाहर निकालें तथा बाजू से कोई रास्ते दिखे तो केंचुओं को देखिए यदि मिट्‌टी सुख गई हो तो थर्माकोल के आवरण को हटा कर उसमें कुछ पानी छिड़क दें । कुछ दिनों में एक बार सब्जी के ताजे टुकड़े अंदर रख दें । यदि केंचुए स्वस्थ रहेंगे तो वे मिट्‌टी की परतों को कुछ हफ्तों में मिलाएंगे । यदि आपको कुछ विशेषताएं दिखें तो उन्हें नोट कर लीजिए ।

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