कीड़े को कैसे सुरक्षित रखें? Read this article in Hindi to learn about how to protect insects.

कीटों के शरीर कड़क, पपड़ीदार बाहरी कंकाल (एक्सो-स्केलटिन) से आच्छादित रहते हैं । इस कारण मृत कीट उसी आकार में रहते हैं, यद्यपि उनके अंदर के मांसल भाग सूख जाते हैं । कीटों को किसी विशिष्ट स्थिति में प्रदर्शित करने के लिये उन्हें उस स्थिति में संरक्षित करना पड़ता है जब उन्हें मरे हुए अधिक काल नहीं बीता हो ।

यदि नमूना पाने से पूर्व ही सूख गया हो तब उसे किसी हवा बंद बर्तन में गरम पानी में रखकर नरम किया जा सकता है । एक बार जब वह नरम हो जाता है तो उसे वांछित स्थिति में कार्क की शीट पर रखकर फैलाया जा सकता है । फिर उसे उसी स्थिति में पिनों या टेप की सहायता से रखकर सूखने के लिये रखा जा सकता है ।

स्थाई रूप से चिपकाने के लिए बड़े कीटों के सीने में से एक लंबी सुई डालनी होगी जब उनका शरीर नरम हो । इस कार्य हेतु स्टनेलेस स्टील की विशिष्ट सुइयां उपलब्ध हैं किन्तु थोड़े समय के कार्य हेतु हम सस्ती आलापिनों का उपयोग कर सकते हैं ।

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बड़े भृंगों को चिपकाने के लिए पिन को पंखों में चुभाना होगा । छोटे भृंगों को उनके पैरों में सरेस लगाकर छोटे कार्डों पर चिपकाया जा सकता है । मक्खियों तथा ततैया जैसे छोटे कीटों को उनके पेट के सिरे पर सरेस लगाकर कार्डों पर चिपकाया जा सकता है । इससे हमें उनके अंदर के अंग भी दिख सकते हैं ।

कीटों को कॉर्क लगे बॉक्स में एक कार्ड के साथ, जिस पर उनके संबंध में विस्तृत जानकारी लिखी हो तथा जो पिन के साथ चिपका हो उसे रखना चाहिए । दीर्घ काल तक रखने के लिए नमूनों को अन्य कीटों से सुरक्षित रखना चाहिए । इसके लिए कीटों के बॉक्स के अंदर क्रिओसीट (होम्योपैथी दवाओं की दुकान पर सस्ता मिलता है) में रूई के फाए को डुबोकर रखना चाहिए ।

नरम शरीर वाले प्राणियों को सुरक्षित रखना:

नरम व मांसल शरीर वाले प्राणियों जैसे मछली, मेंढक, चूहे इत्यादि को 4% फार्मलिन (फॉरमल्डीहाइड़ के घोल) में डुबाकर सुरक्षित रखा जा सकता है । फार्मलीन प्राय: 40% घोल में ही बेचा जाता है । अत: इसकी मात्रा के नौ गुना पानी के साथ इसे तनुकृत करना होगा ।

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किसी मृत प्राणी को कांच की एक पट्टी पर फैलाकर रखें तथा उसे वांछित स्थिति में रखने हेतु सफेद धागे से बांध दें । वैकल्पिक रूप में उसे कर्क की पट्टी पर पिन करके रखें । उस प्राणी को कर्क अथवा कांच की पट्टी के साथ फार्मलीन में डुबाए । यदि यह प्राणी बहुत बड़ा है तो उसके पेट में एक चीरा लगा दें जिससे फार्मलीन उसके शरीर के अंदर जा सके ।

प्राणी के आकार के मान से उसे पूर्णत: स्थिर-होने में दो से चार सप्ताह लग सकते हैं । इसके बाद थामने हेतु लगाई गई पिनों, धागों तथा कार्क आदि की यदि आवश्यकता न हो तो हटाया जा सकता है । फिक्स किए गए नमूनों को तब नए फार्मलीन घोल (4%) के साथ एक बोतल में रखकर उसका ढक्कन कसकर लगाना चाहिए । बोतल के ढक्कन के सिरों को चिपकाने वाले प्लास्टिक के टेप से सील कर देना चाहिए जिससे फॉरमल्डीहाइड की वाष्प बाहर न निकल सके ।

कई महीनों तक नमूनों को फार्मेलिन में रखने के उपरान्त उन्हें बाहर निकालकर सुखाया जा सकता है । उनका आकार वैसे ही बना रहेगा तथा उन्हें किसी भी प्रदर्शनी के बक्से में सूखे कीटों के समान ही रखा जा सकता है । किसी कीट विकर्षण पदार्थ जैसे क्रीओसीट रखने से नमूनों का जीवनकाल बढ़ाया जा सकता है ।

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