लिएण्डर पेस । Biography on Leander Paes in Hindi Language!

1. प्रस्तावना ।

2. प्रारम्भिक जीवन व उपलब्धियां ।

3. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

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लॉन टेनिस में 52 वर्षों बाद ओलम्पिक की व्यक्तिगत स्पर्द्धा में पदक दिलाने वाले भारतीय होने का श्रेय लिएण्डर पेरा को जाता है । टेनिस के इस महान् सितारे पर पूरे देश को हमेशा गर्व रहेगा । अपनी तेज तर्रार और आक्रामक शैली से मशहूर लिएण्डर ने महेश भूपति के साथ मिलकर विंबल्डन, आस्ट्रेलियाई, फ्रेंच तथा अमेरिकी ओपन के डबल्स मुकाबलों में अपना शानदार खेल दिखाया । मार्टिना नवरातिलोवा के साथ मिक्स डबल्स की विभिन्न प्रतियोगिताओं में इन्होंने प्रथम तथा द्वितीय स्थान प्राप्त किया है ।

2. प्रारम्भिक जीवन व उपलब्धियां:

टेनिस के इस सितारे का जन्म 17 जून, 1973 को कलकत्ता में हुथा । इनके पिता डॉ॰ बेस पेस तथा माता जेनिफर  भी खिलाड़ी रहे हैं । लिएण्डर फुटबाल के खिलाड़ी रहे हैं । बार-बार चोटों की वजह से इन्होंने टेनिस खेलने का निर्णय लिया ।

सौभाग्य से ये इसमें सफल रहे । सर्वप्रथम मद्रास स्थित ब्रिटानिया अमृतराज अकादमी (बैट) में इनका चयन अमृतराज भाइयों तथा 2 अन्य प्रशिक्षकों-डेविड ओमेरा  और टी॰ चन्द्रशेखरन की उपस्थिति में हुआ । यहां इन्हें इन श्रेष्ठ प्रशिक्षकों का कुशल मार्गदर्शन मिला । यहीं से इन्हें आक्रामक शैली मिली ।

1948 में हांगकांग की बाडल एशियाई जूनियरशिप प्रतियोगिता में ये सेमीफाइनल में भारत के ही रोहित राजपाल से हारे । खेल जीवन की इस शुरुआती हार के बाद 1989 में इन्होंने आई॰टी॰एफ॰ जूनियर रैकिंग जीती, जिसकी बदौलत इन्हें फ्रेंच और विंबल्डन की एशियाई जूनियर टीग में भाग लेने का अवसर मिला ।

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पहले दौर में हार जाने के बाद ये युगल गे क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में सफल रहे । 1990 के आस्ट्रेलियाई ओपन में जूनियर वर्ग से ये फाइनल में पहुंचे थे, जिसके रोमांचक मुकाबले में ये जर्मनी के टर्क डायर से हार गये । आई॰टी॰एफ॰ जूनियर का खिताब पाने के बाद इन्हें भारतीय डेविस कप में प्रवेश मिला, जिसमें हारकर भी इन्होंने अच्छे खेल का प्रदर्शन किया ।

1990 में इन्होंने अफ्रीका के मारकोस दूरका को 7-5, 2-6, 6-4 से हराकर खिताब अपने नाम किया । हालांकि सीनियर वर्ग प्रतियोगिता में ये डेविस कप मुकाबलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहे, किन्तु लिएण्डर पेस और महेश भूपति की जोड़ी ने ग्राण्ड स्लैम का खिताब जीतकर विश्व में नम्बर वन की वरीयता हासिल की ।

पेस और भूपति ने 1995 में जोड़ी बनाकर खेलना शुरू किया । 1997 में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए न केवल ए॰टी॰पी॰ खिताब जीता, बल्कि विश्व की चौथी वरीयता क्रम में जा पहुंचे । 1998 में इन्होंने दूहा, इटली, शंघाई की युगल स्पर्द्धाओ में खिताब जीतकर 3 ग्राण्ड स्लैम आस्ट्रेलियाई, अमेरिकी, और फ्रेंच के सेमीफाइनल में पहुंचे । 1997 के विबंल्डन में भी सेमीफाइनल में इन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था ।

दुर्भाग्यवश इनकी जोड़ी आपसी मतभेदों की वजह से कुछ समय के लिए अलग हो गयी थी, किन्तु फिर से देश के लिए इन्होंने अपने मतभेदों को दरकिनार कर पुन: खेलना शुरू किया । आज भी मिक्स डबल्स की प्रतियोगिताओं में पेस और भूपति खेलते हुए देश का नाम रोशन कर रहे हैं ।

3. उपसंहार:

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लिएण्डर पेस टेनिस जगत में कोर्ट पर अपनी आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं । इनकी विशेषता यह भी है कि ये हारने के बाद भी अपना आत्मविश्वास नहीं खोते । अपने जुझारूपन से मैच में पिछड़ते हुए भी जीत का  जज्बा बनाये रखते हैं । मैच के हर प्याइन्ट के लिए चुनौती देते हुए अपने किलर स्टंट होने की पहचान देते हैं । ये अपने सहयोगी खिलाड़ी के आत्मविश्वास व आत्मबल को जगाते हुए उन्हें प्रोत्साहित भी करते हैं ।

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