जेम्स वाट की जीवनी । Biography of James Watt in Hindi Language!

1. प्रस्तावना ।

2. जन्म परिचय एवं उपलब्धियां ।

3. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

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जेम्स वाट एक ऐसे आविष्कारक थे जो वैज्ञानिक तथा अभियान्त्रिकी क्षेत्र की समन्वित क्षमता के धनी व्यक्ति थे । जेम्स वाट ने जो वाष्प इंजन सम्बन्धी खोज की, उससे संसार को ऊर्जा तथा ऊष्मा की क्षमता का परिचय हुआ । औद्योगिक क्रान्ति लाने में वाट की यह खोज महान एवं उपयोगी साबित हुई है ।

2. जन्म परिचय एवं उपलब्धियां:

जेम्स वाट का जन्म रकाटलैण्ड के ग्रीनांक नामक स्थान में 19 जनवरी, 1736 में हुआ था । उनके पिता एक सफल जलपोत, भवन निर्माता होने के साथ-साथ नगर के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे । वाट ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में ग्रहण की ।

वे अपने 8 भाई-बहिनों में छठे थे । कुछ समय बाद ग्रामर में दाखिल होने के बाद उन्होंने लेटिन तथा यूनानी भाषा के साथ-साथ गणित का भी अध्ययन किया । जब वे 17 वर्ष के थे तब से पिता के साथ-साथ वर्कशॉप में जाकर मशीनरी सम्बन्धी कार्यो में दिलचस्पी लेने लगे । मशीन सम्बन्धी समस्त छोटे-बड़े उपकरणों तथा जलपोतों के अवयवों में रुचि लेने लगे ।

सर्दी की एक रात में बालक जेम्स ने अंगीठी पर चढ़े पतीले को देखा, जिसका पानी उबल रहा था । जेम्स ने देखा कि केतली का ढक्कन भाप की वजह से बार-बार ऊपर उठ रहा है । उन्होंने भाप की शक्ति को पहचानकर उसका उपयोग करने की योजना बनायी ।

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1753 में माता के अचानक देहावसान तथा पिता के व्यापार में घाटे ने उनके जीवन की दशा ही बदल दी । उन्हें अपरेंटिस का काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा । इसके बाद पेट भरने के लिए एक घड़ी निर्माता के यहां काम करने के साथ कई छोटे-मोटे कार्य भी करने पड़े । 1757 में जेम्स ने अपनी छोटी-सी वर्कशॉप बना ली, जिसमें वह यान्त्रिक उपकरण ठीक करने लगे ।

इसी बीच उन्हें गुप्त ताप की खोज की घटना के बाद भाप सम्बन्धी शक्ति का ध्यान हो आया । उन्हीं दिनों विश्वविद्यालय में एक धीरे-धीरे काम करने वाला अधिक ईधन लेने वाला एक इंजन मरम्मत के लिए आया ।

जेम्स ने इसे सुधारने का बीड़ा उठाया और उन्होंने उसमें लगे भाप के इंजन में एक कण्डेन्सर लगा दिया, जो शून्य दबाव वाला था, जिसके कारण पिस्टन सिलेण्डर के ऊपर नीचे जाने लगा । पानी डालने की जरूरत उसमें नहीं थी ।

शून्य की स्थिति बनाये रखने के लिए जेम्स ने उसमें एक वायुपम्प लगाकर पिस्टन की पैकिंग मजबूत बना दी । घर्षण रोकने के लिए तेल डाला तथा एक रटीम टाइट बॉक्स लगाया, जिससे ऊर्जा की क्षति रुक गयी ।

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इस तरह वाष्प इंजन का निर्माण करने वाले जेम्स वाट पहले आविष्कारक बने । जेम्स वाट का जीवन काफी संघर्षो से भरा था । उनकी पहली पत्नी का निधन हुआ । सौभाग्य से दूसरी पत्नी अच्छी मिली ।

अपने इंजन में और सुधार करते हुए जेम्स ने इसे खदानों से पानी निकालने के लिए भी काम में लिया ।

1790 तक जेम्स वाट एक धनवान् व्यक्ति बन गये थे । जेम्स ने अपने भाप के इंजन में समय-समय पर बहुत से सुधार किये । उन्होंने सेंट्रीपयूगल गवर्नर लगाकर घूमते इजन की गति को नियन्त्रित किया । भाप के दबाव को दर्ज तथा आयतन के अनुपात को दर्ज करने के लिए एक ऐसा संकेतक बनाया, जिसे थर्मोडायनामिक्स कहते हैं ।

जेम्स वाट को उनकी खोजों के लिए रॉयल्टी के तौर पर 76 हजार डॉलर पेटेन्ट से मिले । धनवान व्यक्ति बनने के बाद उन्होंने अपना व्यापार बच्चों के हाथ सौंप दिया । उनकी रुचि चित्र बनाने में भी थी । जीवनकाल में उन्हें 1800 में ग्लोरको विश्वविद्यालय ने डॉक्टर ऑफ लौज की मानद उपाधि प्रदान की ।

1814 में विज्ञान अकादमी ने उन्हें सम्मानित किया । वृद्धावस्था में उन्हें राजनीतिक विरोधों के साथ-साथ कई पारिवारिक दुःखों का सामना करना पड़ा । उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में पूरे आकार की पाषाण प्रतिमाएं बनाने की मशीन का आविष्कार किया था । अन्तिम समय तक विपुल सम्पत्ति के स्वामी जेम्स वाट शोध में लगे रहे । 25 अगस्त, 1819 में हैथफील्ड में उनका निधन हुआ ।

3. उपसंहार:

जेम्स वाट ने निःसन्देह ही वाष्पशक्ति का उपयोग करने वाली वस्तुओं की न केवल खोज की, अपितु वाष्प की उष्मा और ऊर्जा से उसे बहुउपयोगी बनाया । औद्योगिक दृष्टि से उनके मशीनरी सम्बन्धी सभी आविष्कार संसार को उनकी महान देन ही थे ।

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