गैरी कास्पारोव की जीवनी | Biography of Garry Kasparov in Hindi!

1. प्रस्तावना ।

2. प्रारम्भिक जीवन एवं उपलब्धियां ।

3. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

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गैरी कास्पारोव रूस के उन विश्व शतरंज चैम्पियनों में से थे, जो शतरंज जैसे दिमागी खेल में इतनी महारत हासिल कर चुके थे कि वे शतरंज की चालें व रण नीतियों में समय बर्बाद करने की बजाय सीधे खेल पर आ जाते थे । अपना खाली समय अंग्रेजी लिटरेचर पढने, संगीत सुनने, फुटबाल खेलने में देते थे ।

2. प्रशिग्णक जीवन एवं उपलब्धियां:

गैरी किमोविच कास्पारोव का जन्म 13 अप्रैल, 1963 को सोवियत संघ के अजरबैजान प्रान्त की राजधानी बाकू में हुआ था । इनके पिता इंजीनियर थे, किन्तु उन्हें अपने पुत्र को उत्कृष्ट संगीतज्ञ बनाने की इच्छा

थी । दुर्भाग्यवश जब इनकी अवरथा 7 वर्ष की थी, तब इनके पिता का एक सड़क दुर्घटना में इंतकाल हो गया ।

इनके दादा ने इन्हें ”यंग पायोनियर्स” नामक क्लब में भर्ती करा दिया । यहां खेले जाने वाले विभिन्न खेलों में इनकी रुचि शतरंज की ओर गयी । 9 वर्ष की अवस्था में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप की टीम में इनका चयन हो गया । इन्होंने वहां बोत्विन्निक को अपना गुरा बनाया, जिनके कुशल निर्देशन में 16 वर्ष की अल्पायु में इन्होंने 8 अन्तर्राष्ट्रीय ग्राण्ड मास्टरों को हराकर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीती ।

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अगले वर्ष 1980 में ये सबसे कम अवस्था वाले ग्राण्ड मास्टर बन गये । 1982 के शतरंज उमेलम्पियाड में इन्होंने विश्व चैम्पियन कारपोव को चुनौती दी । 1985 में इन्होंने कारपोव को 5 बाजियों में हराकर उनसे विश्व विजेता होने का खिताब छीन लिया । कास्पारोव से 1986 में कारपोव चुनौती देकर फिर हार गये ।

सन् 1995 में कास्पारोव तथा कारपोव के बीच ऐसा संघर्षमय मुकाबला हुआ, जिसमें पहले कारपोव 5-0 की बढ़त लिये हुए थे । बाद में कारयारोव ने 17 अनिर्णीत बाजियों में 3 जीत हासिल कर स्कोर 5-3 कर दिया, किन्तु अत्यन्त रहस्यमय ढग से केंपोमेना के आदेश पर यह खेल यह कहकर रुकवा दिया गया कि यदि यह खेल नहीं रोका जाता, तो दोनों खिलाड़ियों में से एक अपना मानसिक सन्तुलन खो बैठता या गर

जाता ।

इस घटना के बाद कास्पारोव बुरी तरह से बौखला गये थे कि यदि ये जीतते, तो विश्व चैम्पियनशिप का खिताब इनके सिर होता । ये अपने एत्नो प्रणाली से 2,740 के अंकों के हिसाब से विश्व के महानतम ग्राण्ड मास्टर बाबी फिशर से थोड़े ही पीछे हैं ।

3. उपसंहार:

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निःसन्देह कारयारोव को अल्पावरथा में विश्वरत्तरीय चैम्पियन होने का गौरव हासिल है । ये रूस के महान शतरंज चैम्पियन होने के सही हकदार रहे हैं ।

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