“भारत के विकास” पर राजीव गांधी का भाषण । Speech of Rajiv Gandhi on “Development of India” in Hindi Language!

प्रधानमन्त्री श्री राजीव गांधी का 5 जनवरी, 1985 में रेडियो और टी॰वी॰ पर प्रसारित किया गया भाषण:  ‘भाइयों और बहिनों, पिछले दिनों आपने कांग्रेस में और मुझमें बहुत विश्वास दिखाया है, हम उसे कैसे पूरा कर सकते हैं ? काम करके अपनी पूरी शक्ति से काम करके ।

यह विजय भी मैं अपनी विजय नहीं गिनता हूं यह कांग्रेस की विजय नहीं है, यह आपकी भारत की जनता की विजय है, भारत की एकता की विजय है । इस चुनाव में आपने दुनिया को दिखाया है कि भारत एक है, भारत अखण्ड है और भारत मजबूत है । पूरी दुनिया ने देखा है कि भारतीय लोकतन्त्र की परम्परा मजबूत है और जो लोकतन्त्र गांधीजी ने पण्डितजी ने इन्दिराजी ने बनाया उसे एक नयी ताकत मिली है ।

भारत की पुरानी परम्परा को एक नयी रौशनी दिखाई दी है । आज चुनाव का शोरगुल खत्म हुआ है और हमें आगे देखना है कि हम कैसे देश को मजबूत करेंगे कैसे आगे बढ़ायेंगे हमारे सामने क्या-क्या काम हैं । बहुत चुनौतियां हैं, लेकिन हम एक होकर साथ काम करके उनको निभा सकते हैं । फिरकापरस्ती हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है और भारत की एकता के साथ चल नहीं सकती ।

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इन चुनावों ने दिखाया है कि भारत की जनता ऊपर उठ सकती है, एक हो सकती है और इन बातों से बड़ी है । मेरी पहली ड्‌यूटी है कि मैं देखूं कि भारत की पूरी जनता की सुरक्षा हो । कोई भी ऐसा वर्ग न हो जिस पर दबाव पड़े । हम देखेंगे की हर एक वर्ग को पूरी सुरक्षा मिले उनकी जान की उनके माल की और उन्हें पूरा इन्साफ मिले चाहे वो किसी भी धर्म के हों लेकिन हमें इससे आगे जाना है, खाली कानून से रोकना काफी नहीं है ।

हमें देखना है कि लोगों के मन से ये बातें हट जायें हमारे मन साफ हों जिसमें फिरकापरस्ती बढ़ने न पाये । हमारी सरकार पंजाब पर बहुत ध्यान देगी । हमने एक कैबिनेट कमेटी बिठा दी है और वह हमें बहुत जल्दी रिपोर्ट देगी । हमें देखना है कि सब मिलकर इस समस्या को हल करने में लगें ।  हमारी सिख बहिनों और भाइयों ने भारत की आजादी को जीतने में भारत की आजादी बचाने में पूरा योगदान दिया है ।

उन्होंने भारत के विकास में अपना हाथ डाला है । हमें आज देखना है कि उन पर कोई अत्याचार न हो । लेकिन साथ ही हमें यह भी देखना है कि कोई भी ऐसी शक्ति जो हमारे देश को तोड़ने में लगी है, वो उठ न पाये बढ़ न पाये वो खत्म हो जाये । असम में विदेशियों की समस्याएं सुलझाने में हम अपनी पूरी शक्ति लगायेंगे और हमारी कोशिश होगी कि ये जल्दी खत्म हो जायें ।

जो बातें आमने-सामने बैठकर हो सकती हैं, वो आन्दोलन चलाने से सामना करने से कभी नहीं हो पाती हैं । कुछ ही महीनों में हम अपनी सातवीं योजना शुरू करने जा रहे है । हमारी पुरानी लड़ाई गरीबी बेरोजगारी और बीमारी के खिलाफ आगे बढ़ेगी । इन हफ्तों में हम देखेंगे कि हम किस तरह से सातवीं योजना को ऐसा बना सकें जिससे हमारा विकास और तेजी से हो और समय पर हो ।

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भारत का पब्लिक सेक्टर हमारे विकास का औजार है । पब्लिक सेक्टर्स की बड़ी-बड़ी कम्पनियों के द्वारा हमने भारत के पिछड़े हुए हलकों को हिस्सों को आगे बढ़ाया है, विकास पहुंचाया है, लेकिन फिर भी हम देखते हैं कि कई ऐसे उद्योग हैं, जो पूरी तेजी से नहीं चल रहे हैं, जिनमें कुछ कमियां हैं । हम देखेंगे कि ये जल्दी से दूर हों ।

एक रिपोर्ट हमने बनवाई है, वह तैयार है, हम उसको देखकर उसको फिर लागू  करेंगे । हमें देखना है कि हमारे उद्योगों में उत्पादन बड़े । हमें देखना है कि हमारे उद्योग नयी-नयी टेक्नोलॉजी पूरी तरह से इस्तेमाल करें जिसमें वो और तेजी से आगे बढ़ सकें ।  हम कोशिश करेंगे कि यह एक आन्दोलन की तरह से फैले ।

हमने साइंस  टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री को और उद्योग मन्त्रालय को कहा है कि अगले हफ्तों में एक ऐसा प्लान बनायें जिससे ये बातें जल्दी से पूरी हो जायें । हमारे विदेश व्यापार की जो नीतियां है, उन पर भी हमने ध्यान दिया है और मन्त्रालय को कहा है कि अगले हफ्तों में वो एक नयी नीति बनायें जिससे हमारे निर्यात को बढ़ाया जा सके । भारत और तेजी से दुनिया का मुकाबला कर सके ।

बीस-सूत्री कार्यक्रम कमजोर हलकों को ऊपर उठाने के लिए बनाया गया था और उसमें हमने बहुत सफलता पायी है, लेकिन तब भी उसे और तेज करना है । कुछ ऐसे हिस्से हैं, जो पूरे हो चुके हैं । हमें उसे देखना है, जिससे यह और तेजी से चले ।

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पिछले 37 वर्ष में आजादी के बाद हमारे जंगल बहुत तेजी से कटे हैं और उससे हमारा मौसम भी बदल रहा है, हमारी बरसात पर फर्क पड़ रहा है । हम इस पर एक बहुत जोर-से आन्दोलन चलायेंगे । हम एक राष्ट्रीय बंजर भूमि बोर्ड बना रहे हैं, जिससे हर साल पांच मिलियन हैक्टर जमीन पर पेड़ लगाये जायेंगे जलाने के लिए और चारे के लिए । हम कोशिश करेंगे कि जनता का यह आन्दोलन बने ।

गंगा भारत को परम्परा से मिली हुई है । लेकिन आज उसका पानी बहुत गन्दा है । हम एक केन्द्रीय  गंगा प्राधिकरण बना रहे हैं जो  गंगा का पानी साफ करेगा गंगा की पवित्रता बनाये रखेगा । इसी तरह हम देखेंगे कि देश के दूसरे हिस्सों में भी हवा और पानी साफ हो ।

हमने प्रशासनिक सुधार पर एक नयी कार्रवाई शुरू की है; क्योंकि इस पर काफी काम करना है । मैंने अपने ही नीचे इसे रखा है और हम इसकी समीक्षा करेंगे और हम देखेंगे कि जो फैसले लेने की प्रक्रिया है, वह तेज हो जहाँ पूछ होनी चाहिए वहां पूछा जाये और नियम आसान किये जायें जिसमें फैसले जल्द हो सकें ।

हमने सरकार की सब एजेंसियों को कहा है कि जहा भी हो जो जनता के साथ मिलते हैं, वो जनता की सेवा में पूरे तौर से लगें पूरा जोर लगाकर लगें । इसमें कुछ कमी नहीं आनी चाहिए ।  जनता की शिकायतों को देखने के लिए हम एक नयी मशीनरी लगायेंगे और जहा भी बड़े दफ्तर हैं: जो जनता के साथ मिलते हैं-वहां पर ऐसी मशीनरी आपको मिलेगी । हमें देखना है कि हमारी सार्वजनिक सेवा का मनोबल बड़े ।

हम देखेंगे कि हमारे प्रशासन में बाहर से कोई दखल नहीं दे सके हमारे सरकारी कर्मचारियों में एक नयी प्रशासनिक संस्कृति बने जिससे भारत की जनता को ज्यादा अच्छी सर्विस मिले ।  हम देखेंगे कि हमारे सिविल सर्वेण्ट्स को जो ट्रेनिंग मिलती है, शि क्षा मिलती है, उसमें परिवर्तन आये ऐसा हो जिसमें भारत के पुराने मूल्य वापस सिविल सर्विस में पहुंच सकें ।

हमें शिक्षा पर बहुत जोर देना है । शिक्षा हमें इस्तेमाल करनी है भारत की एकता बढ़ाने में भारत की अखण्डता बढ़ाने में । हमारी शिक्षा की संस्थाओं में भारत की नयी पीढ़ी को भारत की आजादी की लड़ाई के बारे में सिखाया जाये हर विद्यार्थी को पता हो कि आजादी की लड़ाई कैसे लड़ी गयी थी और भारत कैसे आजाद हुआ था ।

हमें देखना है कि शिक्षा में नये तरह का विज्ञान नयी  टेक्नोलॉजी लायी जाये लेकिन यह लाते हुए भारत की परम्परा भारत की संस्कृति न छूट जाये । हमारी शिक्षा की संस्थाओं पर हमें खास ध्यान देना है । आज की पीढ़ी को पुराने मूल्य सिखाने हैं । उसे करने के लिए मैंने शिक्षा मन्त्रालय को कहा है कि वो एक नयी शिक्षा की पॉलिसी बनायें । हमारी उम्मीद है कि ये जल्दी से तैयार होगी ।

हम कोशिश करेंगे कि हमारे स्कूलों में शिक्षा देने के लिए नयी-से-नयी संचार  टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की जाये । हम देख रहे हैं कि नौकरी से डिग्री अलग हो सके तो यह भी हो जाये ।  हम एक ओपन यूनिवर्सिटी शुरू करेंगे जिससे घर बैठे-बैठे बहुतों को शिक्षा मिल सके बजाय कि वे यूनिवर्सिटी जायें ।

हमारी कोशिश होगी कि हमारे जो केन्द्रीय विद्यालय हैं वो और ज्यादा हों और हम देखेंगे कि वो बढ़िया हों इसमें हर जिले से दूसरे स्कूलों को रास्ता दिखाये । हम देख रहे हैं कि किस तरह से ऐसी शिक्षा मिले जिससे एकदम काम मिल जाये । दुनिया को भारत ने एक नया रास्ता दिखाया है । हम इसी रास्ते पर चलेंगे । भारत गुट-निरपेक्ष आन्दोलन को और सहारा देगा तथा मजबूत करेगा ।

हम कोशिश करेंगे कि सब देशों में शान्ति हो हम देखेंगे कि खासकर हमारे पड़ोस में दक्षिण एशिया में शान्ति आये ।  हमारे पड़ोसियों के साथ हमारी काफी समस्याए हैं लेकिन हम उन्हें दूर करने की कोशिश     करेंगे । हम जानते हैं कि अगर सबको तेजी से आगे बढ़ना है, तो शान्ति के साथ एक होकर आगे बढ़ सकते हैं ।

हम सब अंग्रेजों के नीचे उनके दबाव में थे और हम जानते हैं कि गुलामी के क्या मायने हैं । आज हमें एक होकर लड़ना है, गरीबी के खिलाफ अपने-अपने देशों की एकता के लिए और हमें देखना है कि हम एक-दूसरे में दखल न दें । आज की दुनिया में भारत के लिए खास जगह है ।

भारत का एक इतिहास है, इसका भौगोलिक स्थान है और शान्ति की भावना है । हमारी कोशिश होगी इसमें भारत पूरा भाग ले । जो नीतियां पण्डित जवाहरलाल नेहरूजी इन्दिराजी ने हमें दीं हम उन पर देश को चलायेंगे ।

पिछले हफ्तों में मैं देश के कोने-कोने में घूमा करोड़ों लोगों से मिला और मुझे हर कोने में एक चीज दिखायी दी कि भारत एक है, भारत अखण्ड है और भारत की जनता अपनी पूरी ताकत लगाकर इस एकता को बनाये रखेगी । यह हमारा गौरव है कि हम भारत में पैदा हुए हैं ।

भारत का इतिहास भारत की परम्परा बहुत कम देशों में ऐसी मिल सकती है । आज हमें देखना है कि हम देश को आगे बढ़ाये मजबूत करें हमें इतना काम करना है और इतनी चीजें हैं, जो हम दुनिया को दे सकते हैं ।

आज भारत एक कठिन समय से गुजर रहा है । आज जरूरत है कि हम सब मिलकर बोझा उठायें । रास्ता लम्बा है, मुश्किल है, लेकिन हम एक होकर सफलता पा सकते हैं । मैं आपको नये साल की शुभकामना देता हूं और समय-समय पर मैं आपसे बात करूंगा, मैं अपनी समस्याएं आपके सामने रखूंगा, देश की समस्याएं आपके सामने रखूंगा, हमारी कठिनाइयां, हमारी खुशियां साथ होंगी । जय हिन्द ।’

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