Read this article in Hindi to learn about the evaluation of scientific management by Taylor. The evaluation are:- 1. यूनियन और श्रमिकों का आरोप (Union and Workers Charged) 2. प्रबंध का आरोप (Charge of Management) 3. मानव संबंधी विचारकों और व्यवहारवादियां के आरोप (Allegations of Human Thinkers and Behaviorists).

वैज्ञानिक प्रबंध की आलोचनाएं भी उसकी सफलता के समानांतर उठने लगी । ये आलोचनाएँ तीन स्थानों में आयी:

1. यूनियन संगठित श्रमिक,

2. प्रबंध और

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3. मानव संबंधवादी और व्यवहारवादियों से ।

1. यूनियन और श्रमिकों का आरोप (Union and Workers Charged):

(a) टेलर वाद व्यवहारिक संघों को बर्बाद करता है अर्थात् यूनियन विरोधी है ।

(b) यह समूहिक सौदेबाजी के सिद्धांत को समाप्त करता है अर्थात् वेतन, मजदूरी, काम के घण्टे आदि के निर्धारण में मात्र प्रबंध को अधिकार देता है । श्रमिकों की हड़ताल आदि पर रोक लगाता है ।

(c) टेलरवाद कम मजदूरों से अधिक काम लेने की अवधारणा है जो बेरोजगारी बढ़ाती है, अत: समाज विरोधी अवरधारणा है ।

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(d) कार्य के यांत्रिक पहलुओं पर अधिक जोर, लेकिन कार्य दशाओं पर कम ध्यान ।

(e) बड़े उत्पादन से प्राप्त लाभ का अधिकांश प्रबंध के पास पहुंचता है, श्रमिक उससे वंचित ।

(f) श्रमिकों के कार्य बोझ, थकान में वृद्धि ।

(g) प्रीमियम या बोनस प्रणाली द्वारा उत्पादन बढ़ाने की नयी पद्धतियों का विरोध ।

2. प्रबंध का आरोप (Charge of Management):

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(a) पदोन्नति के लिए विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण की बात का विरोध,

(b) टेलर द्वारा “अंगूठा नियम” को लेकर प्रबंधकों की अपमानजनक निंदा से नाराज,

(c) काफी मेहनत और संघर्ष कर उच्च पदों पर पहुंचे कम शैक्षिक योग्यताधारक प्रबंधकों का टेलर के इस मत के प्रति विरोध कि वे जब तक विशेषज्ञों से सहायता प्रशिक्षण नहीं लेते, इन पदों के लिए अयोग्य है ।

(d) वैज्ञानिक प्रबंध पद्धतियां उनके निर्णय और विवेक के अवसरों को छिन लेती है ।

(e) प्रबंध के कार्य-उत्तरदायित्व को बढ़ा देती है ।

3. मानव संबंधी विचारकों और व्यवहारवादियां के आरोप (Allegations of Human Thinkers and Behaviorists):

टेलरवाद की आलोचना एल्टनमेयों, मेरी पार्कर फालेट, पीटर ड्रकर, हरबर्ट साइमन, सेम लाविस जान, ओलिवर शेल्डन, ब्रेवरमेन आदि विचारकों में मानवीय तत्व की उपेक्षा के आधार पर की ।

(a) टेलरवाद अव्यैक्तिक है और मानवीय स्वभाव की उपेक्षा करता ।

(b) उत्पादकता या कार्यकुशलता बढ़ाने में संगठन की संरचना को बहुत अधिक महत्व दिया गया है । जबकि हाथार्न प्रयोगों से स्पष्ट हुआ कि इसके लिए कार्मिकों का अपने काम और सहकर्मियों के प्रति भावुक या मानवीय दृष्टिकोण अधिक महत्वपूर्ण है ।

(c) टेलर का यह दृष्टिकोण भी गलत सिद्ध हुआ कि मनुष्य स्वभाव से आलसी. काम को टालने वाला या झगड़ालू होता है । (ब्राउन के अनुसार-काम जीवन का अनिवार्य हिस्सा है……… .यदि कोई काम नही करता तो इसके लिए स्वभाव नहीं सामाजिक-मनौवैज्ञानिक परिस्थितियां जिम्मेदार है ।)

(d) टेलर द्वारा आर्थिक मानव की संकल्पना गलत है ।

(e) मानव मात्र आर्थिक प्राणी ही नहीं है अपितु वह एक सामाजिक प्राणी अधिक है जैसा कि हाथार्न प्रयोगों ने स्पष्ट किया है ।

टेलरवाद में अन्य कमियां:

(1) यह मात्र कार्यशाला प्रबंध पर ध्यान केन्द्रित करने वाली संगठन की आशिक विचारधारा है । यह उच्च स्तरीय प्रबंध और वहां की समन्वय संबंधी समस्याओं का कोई जिक्र नहीं करती ।

(2) मार्च और साइमन ने अपनी पुस्तक में इसे “शारीरिक संगठन सिद्धांत” की व्यंग्यात्मक संज्ञा दी क्योंकि यह उत्पादन से संबंधित श्रमिकों के व्यवहार तक ही सीमित है ।

(3) टेलर कार्य की संरचना को सही ढंग से नहीं समझ पाया ।

(4) कार्य के अव्यैक्तिकरण करने और कार्मिकों के अंत: संबंधों की उपेक्षा से कार्मिकों की कार्य में सहभागिता खत्म हो जाती है ।

(5) कार्मिकों का यंत्रीकरण उनकी पहलपन की शक्ति को छिन लेता है ।

(6) कार्मिकों का स्वचलन होता है जो शारीरिक और स्नायुगत समस्या पैदा करता है ।

(7) यौजना निर्माण ओर योजना क्रियान्वयन का अलग करना गलत धारणा । इससे टीम भावना तथा कार्य में कार्मिक-भागीदारी को पूर्णत: सुनिश्चित करना कठिन ।

(8) इस ”प्रबंध के शीत दर्शन” की उपाधि दी गयी क्योंकि यह मात्र उत्पादनान्मुखी है जिसमें तकनीकी या यांत्रिक पहलू को अधिक और मानवीय तत्व को गौण स्थान प्राप्त है ।

(9) श्रमिक को मात्र ”विवेकपूर्ण आर्थिक मानव” मानकर उसे मशीन का विस्तार मात्र माना गया है । यह यांत्रिक सिद्धांत मानवीय प्रगति की आवश्यकता की उपेक्षा करता है जिससे कार्मिकों में अलगाव उत्पन्न होता है ।

(10) वैज्ञानिक प्रबंध वैज्ञानिक की बजाय ”सैद्धान्तिक” अधिक है । नियोजन-कार्यान्वय पृथक्करण, सब के लिए एक ही आदर्श कार्य पद्धति आदि अवैज्ञानिक है ।

(11) मितव्ययिता प्राप्ति के इस वैज्ञानिक दर्शन का लागू करना बहुत अपव्यीय है ।

निष्कर्ष (Conclusion):

कतिपय सीमाओं के बावजूद टेलर और उसके दर्शन का पर्याप्त महत्व है ।

टेलर ने हॉक्सी समिति के समक्ष कहा था कि:

1. वैज्ञानिक प्रबंध बिना अतिरिक्त श्रम बढ़ाये दक्षता और उत्पादन बढ़ाने की सिद्धांत है ।

2. यह संघवाद का नहीं उसके अराजक तत्वों का विरोधी है ।

3. इससे मात्र प्रबंध को नहीं अपितु कार्मिकों, ग्राहकों और राष्ट्र सभी को फायदा होगा ।

(a) टेलर प्रथम व्यक्ति था जिसने बेहतर कार्य-निष्पादन के खोज की पहल और शुरूआत की ।

(b) औद्योगिक प्रबंध के अध्ययन-विश्लेषण में परिमाणवाचक तकनीकों का प्रयोग भी सर्वप्रथम टेलर ने ही किया, जिनका प्रयोग बढ़ता गया ।

(c) टेलर दर्शन ने एक आंदोलन का रूप ले लिया जो शीघ्र ही यूरोप में फैल गया और औद्योगिक प्रबंध का हृदय बन गया- यह उसकी उपयोगिता को सिद्ध करता है ।

(d) टेलर के शब्दों में, ”उत्पादकता को जानबूझकर करने से बढ़कर विश्व में अन्य कोई जघन्य अपराध नहीं है ।”

(e) मैक्फरलैण्ड ने वैज्ञानिक प्रबंध को औद्योगिक क्रांति की दिशा में एक मानसिक क्रांति की संज्ञा दी ।