Read this article in Hindi to learn about the leave benefits allowed to civil servants.

सरकारी कार्मिकों को प्रत्येक वर्ष विभिन्न अवकाश लेने की सुविधाएं प्राप्त हैं । लेकिन अवकाश मात्र सुविधा है, अधिकार नहीं । अवकाश हेतु आवेदन करना होता है और सक्षम अधिकारी उस आवेदन को अस्वीकृत भी कर सकता है । सक्षम किसी अन्य अवकाश को बिना कार्मिक की प्रार्थना अन्य अवकाश में नहीं बदल सकता ।

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अधिकांश अवकाश 1-2 दिन या सप्ताह भर के होते अर्जित अवकाश और अध्ययन की पात्रता महिनों तक में होती है । कुछ असाधारण केंद्र में राष्ट्रपति और में राज्यपाल स्वीकृत कर सकते है लगातार 5 साल तक का भी हो सकता है ।

निम्नलिखित अवकाश प्रचलन में हैं:

1. आकस्मिक अवकाश (Sudden Leave):

अप्रत्याशित आवश्यकता (जिसका पूर्वानुमान संभव नहीं) को पूरा करने हेतु आकस्मिक अवकाश लिया जाता है । पांचवे वेतन आयोग ने एक वर्ष में 8 दिनों के छटवें वेतन आयोग ने 3 दिनों के अवकाश की सिफारिश की ।

2. अर्जित अवकाश (Earned Leave):

इसे विशेषाधिकार अवकाश भी कहते हैं । कार्मिक की उपस्थिति के अनुपात में ये अवकाश भी कहते हैं । कार्मिक की उपस्थिती के अनुपात में ये अवकाश अर्जित होते हैं अर्थात् कार्मिक कार्य पर उपस्थिति देकर इन्हें करता है और इनका फायदा वह विश्राम के लिए उठाता है । प्रत्येक छ: माही में 15-15 दिन के अवकाश अर्जित होते है ।

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इन्हें वह उसी वर्ष ले सकता है या बाद में भी ले सकता । उसके अर्जित अवकाश जाते है सेवानिवृत्ति के समय उनका नगदीकरण भी हो है अवकाश एक बार में 120 दिन के लिए लिया जा सकता है । सेवानिवृत्ति के लिए तैयारी के मामले में अर्जित छुट्‌टी 180 दिन के लिए भी ली जा सकती है । नहीं लेने पर यह कुल 300 दिनों तक की अर्जित होती है, जिसका रिटायरमेंट पर भुगतान हो जाता है ।

3. अर्धवेतन अवकाश (Half-Weekend Leave):

1933 में अर्धवेतन अवकाश नियम लागू हुआ था । कर्मचारी व्यैक्तिक जरूरतों या मेडिकल उपचार हेतु यह अवकाश ले सकता है । इसमें उसे अवकाश के दिनों के लिए आधा वेतन मिलता है । इसकी भी तय होती है ।

4. अध्ययन अवकाश (Study Leave):

कार्य से संबंधित विशेष जानकारी प्राप्त करने या लेने या उससे संबंधित कोई कोर्स करने हेतु उन कार्मिकों को अध्ययन अवकाश की पात्रता होती है जिन्होंने कम से कम 5 वर्ष का सेवा काल पूरा कर लिया हो । पांचवे वेतन आयोग ने इसके लिए एक बार अधिकतम 24 महिने तथा कुल मिलाकर 36 महिने की तय की थी ।

5. प्रसूति अवकाश (Maternity Leave):

यह उन विवाहित अथवा अविवाहित महिला कर्मचारियों को दी जाती है जिसके दो से कम जीवित बच्चे होते है । इसमें पूरा वेतन दिया है और इसे हर प्रकार की छुट्‌टी से जोड़ा जा है । सभी वृद्धियों तथा पेंशन के लिए इसे सेवा काल माना जाता है । पांचवें आयोग ने सिफारिश की है कि प्रसूति अवकाश कुल 135 दिनों के लिये दो बार में दिया जाना चाहिए ।

6. पितृत्व अवकाश (Paternity Leave):

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यह उन सरकारी सेवकों को उनकी पत्नी के प्रसव के दौरान 15 दिन के लिए दिया जाता है जिनके जीवित बच्चे दो से कम होते है । इसमें पूरा वेतन दिया जाता है । किसी भी अन्य प्रकार की छुट्टी के साथ जोड़ा जा सकता है ।

7. असाधारण अवकाश (Extraordinary Holiday Leave):

यह तब मांगा जाता है जब या तो कोई अन्य अवकाश स्वीकार्य नहीं होता इतनी अधिक के लिए अवकाश चाहिए कि अन्य अवकाश से इसकी पूर्ति संभव नहीं हो । स्थायी कार्मिकों को यह 5 वर्ष से अधिक नहीं मिलता और इस अवकाश के लिये भी राष्ट्रपति के या राज्यपाल (राज्य) विशेष अनुमति दे तभी स्वीकृत होता है । इसे सवेतन या बिना वेतन के स्वीकृत किया जा सकता है यद्यपि अधिकांश मामलों में यह अवेतन ही स्वीकृत होता है ।