समुद्री प्रदूषण: अर्थ, स्रोत, प्रभाव और नियंत्रण | Marine Pollution: Meaning, Sources, Effects and Control in Hindi!

Read this article in Hindi to learn about:- 1. सागरीय प्रदूषण का अर्थ (Meaning of Marine Pollution) 2. सागरीय प्रदूषण के मुख्य कारण (Sources of Marine Pollution) 3. अवधि (Duration) 4. सागरीय प्रदूषण का सागरीय पारितंत्र पर प्रभाव (Effect of Pollutants on Marine Life) 5. सागरीय प्रदूषण नियंत्रण (Marine Pollution Control).

सागरीय प्रदूषण का अर्थ (Meaning of Marine Pollution):

पृथ्वी के धरातल का लगभग 71 प्रतिशत भाग महासागरों से युक्त है । महासागर, प्राकृतिक व मानव निर्मित प्रदूषकों का अन्तिम स्थान हैं । नदिया, अपने प्रदूषण को समुद्र में डालते हैं । समुद्रतटीय नगरों, शहरी व गावों के गंदे पानी व कूड़ा-करकट को समुद्र में डाला जाता है ।

समुद्री प्रदूषकों में नौसंचलन के निस्सरण से निकला तेल, अपमार्जक, मलयुक्त जल, कूड़ा-करकट, रेडियोएक्टिव अपशिष्ट, अपतटीय तेल खनन, तेल पलटना तथा ज्वालामुखीय उद्‌भेदन ।

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यूँ तो सागरीय प्रदूषण भौतिक एवं मानवीय कारणों से होता है, परंतु वर्तमान समय में प्रदूषण का मुख्य कारण मानवीय है । सागरों में ज्वालामुखियों के उदगार से प्रदूषण होता रहता है । मानव द्वारा सागरों में तेल, पेट्रोलियम, रासायनिक पदार्थ, पोलीबैग, कूड़ा-करकट डालने से जल प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है ।

सागरीय प्रदूषण के मुख्य कारण (Sources of Marine Pollution):

(i) कच्चा तेल एवं पेट्रोलियम (Crude Oil and Petroleum):

सागरों में प्राकृतिक ढंग से कच्चे तेल का रिसाव होता रहा है, परंतु जहाजों व टैंकरों से तेल पेट्रोलियम एवं रासायनिक पदार्थों की धुलाई से प्रदूषण में वृद्धि होती रहती है ।

(ii) सागरों में जान-बूझकर रासायनिक पदार्थों का निकास (Intentional Release of Petroleum Products):

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कच्चे तेल एवं पेट्रोलियम को जहाजों एवं टैंकरों में भरते समय लापरवाही के कारण जल प्रदूषण होता रहता है ।

(iii) जैविक कूड़ा-करकट सागर में डालने से (Marine Pollution due to Organic Waste):

सागरी में जैविक कड़ा-करकट डालने से भी जल प्रदूषित होता है ।

(iv) गंदे पानी का सागरों में निकास (Sewage Disposal into Sea and Oceans):

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सागरों में विभिन्न देशों से भारी मात्रा में गदा पानी आदि निष्कासित किया जाता है जिससे सागरी के प्रदूषण में वृद्धि होती है ।

(v) ज्वालामुखी प्रस्फुटन (Volcanic Eruptions):

ज्वालामुखीय प्रस्फुटन महासागरों में विशाल मात्रा में कार्बन डाइआक्साइड, मीथेन, सल्फर के मिश्रण आदि को मिलाता है ।

(vi) अंतरिक्षीय कूड़ा (Cosmic Dust):

अंतरिक्ष से उल्का आदि के महासागरों में गिरने को टेक्टाइस कहा जाता है । यह भी समुद्री प्रदूषण का महत्वपूर्ण स्रोत है ।

सागरों में तेल व पेटोलियम के द्वारा होने वाले प्रदूषण की प्रतिशत भागेदारी तालिका 6.3 में दी है ।

सागरीय प्रदूषण की अवधि (Duration of Marine Pollution):

सागर में प्रदूषण के आधार पर, प्रदूषण को निम्न वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:

(i) हजारों वर्ष से अधिक तक सागर में ठहरने वाला प्रदूषण ।

(ii) सूर्य की किरणें पड़ते ही समाप्त हो जाने वाला प्रदूषण ।

(iii) वायु द्वारा वाष्प में परिवर्तन होने वाला प्रदूषण ।

सागरीय प्रदूषण का सागरीय पारितंत्र पर प्रभाव (Effect of Pollutants on Marine Life):

तेल एवं पेट्रोलियम प्रदूषण का सागरीय जैवों पर क्या प्रभाव पड़ता है, कहना मुश्किल है । यह प्रभाव स्थानिक रूप से भिन्न-भिन्न हो सकता है तथा मौसम के अनुसार बदलता रहता है । विभिन्न जीव-जातियों की तेल को सहन करने की क्षमता भी भिन्न-भिन्न होती है । सामान्यतः प्रदूषित विघटित ऑक्सीजन को कम करता है तथा इस प्रकार संवेदनशील प्राणियों जैसे-प्लेंकटोंस, मोलयूसिस तथा मछलियों को खत्म कर देते हैं ।

लेकिन कुछ सहनशील प्रजातियों जैसे-टयूबीफेक्स, एनिलिड कीट तथा कुछ कीड़ों का लार्वा उच्च स्तरीय प्रदूषित जल में भी जीवित रह जाते हैं । इन प्रजातियों को प्रदूषित जल हेतु संकेतक प्रजाति कहा जाता है ।

सागरीय प्रदूषण नियंत्रण (Marine Pollution Control):

सागरीय प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिये निम्न उपाय किये जा सकते हैं:

i. मलजल अभिक्रिया (Treatment of Sewage):

मलजल को शोध करने के लिये प्रत्येक नगर में एक अथवा अनेक कारखाने लगाये जाने चाहिए ।

ii. कीचड़ प्रक्रम (Sludge Processing):

कीचड़ में बहुत-से प्रदूषित तत्व मिले होते हैं, उनको साफ-स्वच्छ करने का प्रबंध होना चाहिए ।

iii. उत्तम प्रकार के टैंकर (Oil Proof Tankers):

तेल की ढुलाई के टैंकर इतनी उत्तम प्रकार के बनाए जाने चाहिए, जिनसे तेल रिसाव न हो सके ।

iv. तेल शोध कारखाने तटों के निकट स्थापित करना (Off Shore Oil Production and Onshore Refineries):

सागरों से खनन किये गये कच्चे तेल को साफ करने के लिये शोध कारखाना सागरीय तटों पर लगाये जाने चाहिए ।

v. टैंकर दुर्घटनाओं को रोकना (Prevention of Tankers Accident):

तेल को लाने-ले जाने के लिये सावधानी पूर्ण नवगमन करने की आवश्यकता है ।

vi. सागरीय प्रदूषित जल की सफाई का प्रबंध (Cleaning Responsibility):

यदि टैंकर की दुर्घटना हो जाये तो सागरीय जल को साफ करने की जिम्मेदारी उसी देश की होनी चाहिए जिसके टैंकर की दुर्घटना हुई है ।

vii. प्रभावशाली अंतर्राष्ट्रीय कानून (Effective International Law):

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सागर प्रदूषण संबंधित कड़े कानून बनाने की आवश्यकता है ।