Read this article in Hindi to learn about the classification of circlips.

सर्क्लिप का वर्गीकरण निम्नलिखित की तरह किया जाता है:

1. ऐक्सियली असेम्बल्ड सर्क्लिप्स ।

2. रेडियली असेम्बल्ड सर्क्लिप्स ।

1. ऐक्सियली असेम्बल्ड सर्क्लिप्स (Axially Assembled Circlips):

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ऐसे सर्क्लिप्स शाफ्ट या बोर के अक्ष की समानान्तर दिशा में असेम्बल किए जाते हैं । ये सर्क्लिप्स थ्रस्ट लोड को ग्रूव की दीवारों पर ट्रांसमिट करते हैं क्योंकि इनमें से अधिकतर सर्क्लिप्स में अपेक्षाकृत उच्च थ्रस्ट लोड क्षमता होती है । प्राय: निम्नलिखित ऐक्सियली असेम्बल्ड सर्विक्स प्रयोग में लाए जाते हैं ।

(i) बेसिक इनटर्नल सर्क्लिप:

इस सर्क्लिप का बाहरी व्यास बोर या ग्रूव के व्यास के संकेद्रिक होता है । यह अधिकतम रिंग संपर्क और उच्च थ्रस्ट क्षमता प्रदान करती है ।

(ii) बेसिक एक्सटर्नल सर्क्लिप:

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इस सर्क्लिप का अन्दरूनी व्यास शाफ्ट और ग्रूव के व्यास के संकेंद्रिक होता है । अत्यधिक परमानेंट सेट के बिना इसमें अधिकतम फ्लेक्सीबिलिटी मिलती है ।

(iii) इनवर्टिड इनटर्नल सर्क्लिप:

इस सर्क्लिप का अन्दरूनी व्यास बोर या ग्रूव के व्यास के संकेंद्रिक होता है । यह लगे हुए पार्ट के विरुद्ध यूनिफार्म शोल्डर और अधिक असेम्बली क्लीयरेंस प्रदान करतीं है ।

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(iv) इनवर्टिड एक्सटर्नल सर्क्लिप:

इसका डिजाइन इनवर्टिड इनटर्नल सर्क्लिप जैसा होता है परंतु इसकी लग्स अंदरूनी परिधि पर स्थित होती हैं । यह लगाए जाने वाले पार्ट के विरुद्ध यूनिफार्म शोल्डर प्रदान करती है ।

(v) हैवी ड्‌यूटी एक्सटर्नल सर्क्लिप:

इसकी औसत रेडियल सेक्शन ऊंचाई और थिकनैस अधिक होती है । दोहराने वाली लोडिंग और फटीग के कारण यह हैवी थ्रस्ट लोड्‌स के विरुद्ध पकड़ कर करती है ।

(vi) मिनिएचर हाई स्ट्रेंग्थ सर्क्लिप:

इसमें लग्स के साथ उच्चतम रेडियल सेक्शन होता है । यह अपेक्षाकृत उथले ग्रूव्स और छोटी शाफ्टों में उच्च थ्रस्ट क्षमता प्रदान करती है ।

(vii) परमानेंट शोल्डर सर्क्लिप:

इस सर्क्लिप को फैलाया या सिंकुड़ा नहीं जा सकता है क्योंकि, यह बिना गैप वाली बनायी जाती है । इसकी परिधि पर चारों ओर नोचिस बने होते हैं । यह साफ मेटीरियल्स से बनायी जाती है । एक बार फिक्स करने के बाद यह शाफ्ट पर परमानेंट शोल्डर बना लेती है । यह टेम्पर प्रूफ बनावट के लिए उपयोगी होती है ।

2. रेडियली असेम्बल्ड सर्क्लिप्स (Radially Assembled Circlips):

ये सर्क्लिप्स पार्ट् के अक्ष पर रेडियल दिशा में असेम्बल किए जाते हैं । ऐक्सियली असेम्बल्ड सर्क्लिप्स की अपेक्षा इन सर्क्लिप्स में न्यूनतम थ्रस्ट क्षमता होती है ।

प्रायः निम्नलिखित रेडियली असेम्बल्ड सर्क्लिप्स प्रयोग में लाए जाते हैं:

(i) क्रिसेंट टाइप सर्क्लिप:

इस सर्क्लिप में चौड़ा गैप होता है । यह लगे हुए पार्ट के लिए कम शोल्डर प्रदान करता है ।

(ii) टू-पाई इटरलॉंर्किंग सर्क्लिप:

यह सर्क्लिप शाप के चारों ओर पूर्णतया यूनिफार्म शोल्डर बनाती है । रिंग के दोनों भागों को लॉक करने के लिए इसके प्रत्येक सिरे पर इंटर-एंगेजिंग लास होती है । यह सर्क्लिप हाई रोटेशनल स्पीडों से प्रतिरोध प्रदान करता है ।

(iii) ‘ई’ रिंग टाइप सर्क्लिप:

इसमें अधिक गैप और अधिक बाहरी व्यास होता है जिसकी अंदरूनी रिंग परिधि पर तीन लग्स होती हैं । यह छोटी शाफ्ट पर अपेक्षाकृत बड़े व्यास वाला शोल्डर प्रदान करती है ।

(iv) हाई स्ट्रेंग्थ सर्क्लिप:

इसकी दो लम्बी लास होती हैं । यह क्रिसेंट टाइप या ‘E’ रिंग टाइप की अपेक्षा मोटी होती है । यह बड़ा शोल्डर और थ्रस्ट लोड से उच्च प्रतिरोध प्रदान करता है ।

(v) रिइनफोसर्ड ‘E’ रिंग टाइप सर्क्लिप:

इसका डिजाइन ‘E’ रिंग टाइप जैसा होता है परंतु अंतर यह होता है कि लास के बीच मुड़ा हुआ भाग टेपर में होता है । यह ग्रूव से रेडियल डिक्लाजमेंट के विरुद्ध उच्च प्रतिरोध प्रदान करता है ।

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