भारत के शीर्ष तेरह बंदरगाहों | Top 13 Ports of India in Hindi!

भारत के 13 बन्दरगाह:

1. कांडला (Kandla):

गुजरात में कच्छ की खाड़ी के तट पर स्थित यह एक ज्वारीय बंदरगाह है । यहाँ पर सरकार ने मुक्त व्यापार क्षेत्र स्थापित किया है । उत्तर भारत को आपूर्ति करने वाला यह सबसे बड़ा बंदरगाह है ।

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2. मुंबई (Mumbai):

वर्ष-पर्यन्त खुला रहने वाला यह प्राकृतिक बंदरगाह व पत्तन प्राकृतिक कटान में सालसेट द्वीप पर स्थित है । यह देश का सबसे बड़ा बंदरगाह है, जहाँ सर्वाधिक समुद्री यातायात किया जाता है । यहाँ से मुख्यतः सूती एवं ऊनी कपड़े, चमड़े का सामान, पेट्रोलियम, मैंगनीज, मशीन, इंजीनियरिंग सामान आदि का निर्यात किया जाता है ।

3. न्हावा शेवा (न्यू मुंबई) (Navi Mumbai):

इसका नया नामकरण जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह है । यह पूर्णतया यंत्रचालित बंदरगाह है, जो मुंबई के बंदरगाह पर दबाव को कम करने के लिए मुंबई के उत्तर में नवी मुंबई में आधुनिक शैली में विकसित किया गया है । इसे 1988-89 ई. में देश का 12वाँ बड़ा बंदरगाह घोषित किया गया ।

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यह भारत का विशालतम कंटेनर पत्तन है । यह भारत का सबसे बड़ा कृत्रिम एवं आधुनिकतम बंदरगाह है । यहाँ बड़े पैमाने पर शुष्क मालों को चढ़ाने तथा उतारने के लिए यांत्रिक कंटेनर, बर्थ एवं सर्विस बर्थ की सुविधा प्रदान की जाती है ।

4. मर्मुगोवा (Mormugao):

गोवा के जुआरी नदी के ज्वारनदमुख (एस्चुअरी) में स्थित यह बंदरगाह 1970 ई. तक देश का सबसे बड़ा निर्यातकर्ता बंदरगाह था । यहाँ से ईरान को लौह अयस्क का निर्यात किया जाता है ।

जुआरी तथा मांडवी नदियों के परिवहन द्वारा इस बंदरगाह को लौह-अयस्क पहुँचाया जाता है । जापान को लौह-अयस्क का ही निर्यात होता रहा कितु वर्तमान में मैंगनीज, सीमेंट, उर्वरक, कॉफी, नारियल, काजू, नमक (खनिज नमक) आदि का भी निर्यात होता है ।

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5. न्यू मंगलौर (New Mangalore):

मर्मुगोवा व कोचीन के मध्य कर्नाटक में स्थित यह बंदरगाह आकार की दृष्टि से अपेक्षाकृत छोटा है । यहाँ से मुख्यतया लौह-अयस्क (कर्नाटक की कुद्रेमुख खान से उपलब्ध), ग्रेनाइट, काजू, कहवा, लकड़ी, मछली, चंदन का तेल आदि का निर्यात होता है ।

6. कोचीन (कोच्चि) (Kochin):

इसे ‘अरब सागर की रानी’ (क्वीन ऑफ अरेबियन सी) के लोकप्रिय नाम से जाना जाता है । बेम्बनाड कयाल के मुहाने पर स्थित कोच्चि पत्तन एक प्राकृतिक पत्तन है । ‘पूरब का वेनिस’ कहा जाने वाला यह बंदरगाह केरल के मालाबार तट के बेम्बनाड कयाल में अवस्थित वेलिगंटन द्वीप पर स्थित है ।

7. तूतीकोरिन (Tuticorin):

भारत के दक्षिणी-पूर्वी छोर पर तमिलनाडु में स्थित है । 27 जनवरी, 2011 को तूतीकोरिन पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर चिदंबरनार पोर्ट ट्रस्ट कर दिया गया । श्री वी.ओ. चिदंबरनार पिल्लै ने 1906 ई. में प्रथम स्वदेशी भारतीय नौवहन सेवा तूतीकोरिन से कोलंबो के बीच शुरू की थी । केन्द्र सरकार ने तूतीकोरिन में नौसैनिक अड्‌डा बनाने की अनुमति दे दी है ।

8. चेन्नई (Chennai):

भारत के सर्वाधिक पुराने बंदरगाहों में से एक है । यह एक कृत्रिम पत्तन है, जिसे 1859 ई. में बनाया गया था । तट पर पानी की कमी रहने के कारण बड़े जलयान तट तक नहीं आ पाते थे, जिसे बाद में कृत्रिम रूप से गहरा किया गया, यहाँ से पेट्रोलियम उत्पाद, उवर्रक, लौह-अयस्क, मैंगनीज, अभ्रक, कोयला, मशीनें, सूती और रेशमी कपड़े, चमड़ा, रबड़, तम्बाकू, तेल, हल्दी आदि का आयात-निर्यात किया जाता है । मुंबई के बाद यह देश का सबसे बड़ा बंदरगाह है ।

9. विशाखापत्तनम (Visakhapatnam):

विशाखापत्तनम देश का सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक बंदरगाह है । यहाँ ‘डॉल्फिन नोज’ नामक पहाड़ी निकली हुई है जिससे यह बंदरगाह मानसून के झकोरों से बचा रहता है । यहाँ पोत निर्माण एवं उनकी मरम्मत की सुविधा उपलब्ध है ।

पिछले सात वर्षों से विशाखापत्तनम बंदरगाह यातायात संचालन में सर्वोच्च स्थान पर है । यहाँ से लौह-अयस्क, पेट्रोलियम उत्पाद, उवर्रक, लकड़ी, कोयला, चमड़ा आदि का आयात-निर्यात किया जाता है । यह सबसे गहरा बंदरगाह माना जाता है ।

10. पाराद्वीप (Paradeep):

कटक (ओडिशा) से 100 किमी. दूर महानदी के डेल्टाई क्षेत्र में स्थित है । यहाँ से मुख्यतया जापान को कच्चा लोहा व मैंगनीज निर्यात किया जाता हैं । यह निर्यात-प्रधान बंदरगाह है । इसका पोताश्रय सबसे गहरा है । इसे 3 पोर्ट बनाया जा रहा है ।

11. कोलकाता-हल्दिया (Kolkata-Haldia):

कोलकाता बंदरगाह सागर तट से 148 किमी. अन्दर हुगली नदी के किनारे है । यह एक नदीय पत्तन है । कांडला की भांति यह भी एक ज्वारीय पत्तन है । इस बंदरगाह पर जल के स्तर को बढ़ाने के लिए फरक्का बैराज से जलापूर्ति की जाती है । इस पत्तन का समुद्र स्थित पोताश्रय ‘डायमंड हार्बर’ है ।

कोलकाता बंदरगाह के भार को कम करने के लिए हल्दिया बंदरगाह का विकास किया गया है, क्योंकि कोलकाता में अवसाद (गाद) जमा हो जाने की समस्या अधिक प्रभावी रहती है । हल्दिया कोलकाता से 105 किमी. दूर स्थित है । यह एक पूर्णतया प्राकृतिक बंदरगाह है । हल्दिया में पूर्णतः सुसज्जित कोयला एवं तेल कंटेनर की सुविधा उपलब्ध है ।

12. एन्नौर (Ennore):

यह तमिलनाडु के तट पर चेन्नई से 24 किमी. उत्तर में स्थित है । इसका परिचालन 2001 से शुरू हुआ । यह देश का सबसे बड़ा कम्प्यूटराइज्ड बंदरगाह तथा देश का प्रथम पब्लिक कंपनी मिनीरत्न बंदरगाह है । यह देश का प्रथम निजी क्षेत्र में स्थापित बंदरगाह है । 21 फरवरी, 2014 को एन्नौर बंदरगाह का नया नामकरण कामराज पोर्ट लिमिटेड बंदरगाह किया गया ।

13. पोर्ट ब्लेयर (Port Blair):

अंडमान निकोबार द्वीप समूह में स्थित पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह को केन्द्र सरकार ने 1 जून, 2010 से बड़े बंदरगाहों की श्रेणी में किया । इससे देश में बड़े बंदरगाहों की कुल संख्या अब 13 हो गई है । इन बंदरगाहों का प्रबंधन मेजर पोर्ट ट्रस्ट अधिनियम के अंतर्गत ‘पोर्ट ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ द्वारा किया जाता है ।

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