Read this article in Hindi to learn about the three important schemes of elementary and secondary education undertaken for human development. The schemes are:- 1. मिड डे मील (Mid-Day Meal) 2. मॉडल स्कूल स्कीम (Model School Scheme) 3. साक्षर भारत एडल्ट एजुकेशन (Saakshar Bharat (SB)/Adult Education).

मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के लिए बच्चों का अधिकार अधिनियम 2009 भारत के संविधान का वैधानिक आर्टीकल 21A,1 अप्रैल 2010 को देश में लागू किया गया । इसका अर्थ है कि प्रत्येक बच्चे को औपचारिक स्कूल में समान गुणवत्ता और संतोषजनक प्राथमिक शिक्षा लेने का अधिकार होता है जो निश्चित अनिवार्य, नियमों और मानदंडों की पालना करें ।

सितम्बर 2012 तक की प्राप्तियों में शामिल है 3,34,340 नये प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों को खोलना, 2,84,032 स्कूली इमारतों को बनाना, 16,42,867 अतिरिक्त क्लासों को बनाना, 2,17,820 पीने के पानी की सुविधाओं को देना और 6,18,089 शौचालयों को बनाना, 8.32 करोड़ बच्चों के मुफ्त कापियों की पूर्ति करना, 12.46 लाख अध्यापकों की नियुक्ति करना और 18.64 लाख के लिए सेवा में प्रशिक्षण देना 334 की दखल के कारण स्कूल से बाहर बच्चों की संख्या में महत्वकारी कमी को नोट किया गया ।

स्कूल में बाहर के बच्चों की संख्या 2005 में 134.6 लाख से 2009 में 81.5 लाख पर आ गई । यह सर्वेक्षण सामाजिक और ग्रामीण शोध केन्द्र अन्तर्राष्ट्रीय विपणन शोध ब्यूरो द्वारा किया गया ।

Scheme # 1. मिड डे मील (Mid-Day Meal):

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मिड डे मील में, सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के सभी बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जाता है । वर्तमान में पका हुआ दोपहर का भोजन जिसमें 450 कैलरी ऊर्जा और प्रोटीन 12 ग्राम प्राथमिक अवस्था में दी जाती है और ऊपर प्राइमरी अवस्था में 700 कैलरी ऊर्जा और 20 ग्राम प्रोटीन दी जाती है ।

2011- 12 के दौरान, इस कार्यक्रम के लिए आबंटित बजट 10,380 करोड़ था और इसमें किया जाने वाला कुल खर्च रु. 9901.91 करोड़ था । लगभग 10.54 करोड़ बच्चों को (प्राइमरी में 7.15 करोड और ऊपर प्राइमरी में 3.36 करोड़) 2011-12 के दौरान बने कार्यक्रम के तहत लाभ मिला ।

Scheme # 2. मॉडल स्कूल स्कीम (Model School Scheme):

6000 उच्च गुणवत्ता वाले मॉडल स्कूलों की स्थापना के लिए योजना एक स्कूल प्रति ब्लाक की दर पर ब्लाक स्तर पर उत्कृषटता का नमूना थी जिसमें नवम्बर 2008 को प्रस्तुत किया गया जिसका लक्ष्य बुद्धिमान ग्रामीण बच्चों को बढ़िया शिक्षा देना था ।

इनमें से, 473 स्कूलों को पंजाब, कर्नाटका, छत्तीसगढ, तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश और झारखंड में कार्यात्मक बनाया गया और 57.88 करोड़ के आवृत्ति खर्च को 31 दिसम्बर 2012 तक रिलीज किया गया ।

Scheme # 3. साक्षर भारत एडल्ट एजुकेशन (Saakshar Bharat (SB)/Adult Education):

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राष्ट्रीय साक्षरता अभियान जिसे SB कहा जाता है का महिला साक्षरता को विस्तारित करने का लक्ष्य था । 11वीं पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य 80% साक्षरता को प्राप्त करना था, परन्तु 2011 की गणना के अनुसार, केवल 74.04% साक्षरता को प्राप्त किया गया ।

यद्यपि, साक्षरता दर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में तेजी से बढ़ी । यह 6.9% तक बढ़ी । यह 75.26% से बढ्‌कर 82.14% हो गई और पूर्व 11.8% प्वाइंट 53.67% से बढ कर 65.46% हो गया । मार्च 2012 तक, इस कार्यक्रम ने 25 राज्यों में 372 जिलों और एक केन्द्रीय शासित प्रदेश को कवर किया । मार्च 2012 के अन्त तक, 16 लाख साक्षरता कक्षाओं में 174 लाख विद्यार्थी थे । नवम्बर 2012 के अन्त पर, 410 योग्य जिलों में से 372 ने इस कार्यक्रम को कवर किया ।