ग्राम सचिवालय पर निबंध | Graam Sachivaalay Par Nibandh | Essay on Village Secretariat in Hindi!

1 प्रस्तावना ।

2. बैठक व्यवस्था ।

3. कार्यप्रणाली, अधिकार एवं शक्तियां ।

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4. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

सुखी नागरिक जीवन के लिए विकास के सम्पूर्ण अवसर सुलभ कराने तथा राज्य शासन द्वारा ग्रामीण स्तर पर प्रशासन को जोड़ने और पारदर्शी तथा संवेदनशील बनाने के लिए ग्राम पंचायतों में खण्ड सचिवालय शुरू करने का निर्णय लिया गया है । ग्राम पंचायत का मुख्यालय ही सचिवालय रहेगा ।

ग्रामीण सचिवालय की तरह ही राज्य के सभी 16 ब्लॉक मुख्यालयों में खण्ड सचिवालय (जनपद) भी शुरू किये जा रहे हैं । वे संविधान संशोधन के अनुसार सत्ता के विकेन्द्रीकरण के लिए तीन स्तरों वाली पंचायतों को जिन विभागों को ये अधिकार सौंपे गये हैं, ग्रामीण सचिवालयों और खण्ड सचिवालयों में उन सभी विभागों से जुड़े आवेदन पत्रों का निबटारा किया जायेगा ।

2. बैठक व्यवस्था:

ग्रामीण सचिवालय ही बैठक व्यवस्था सम्बन्धी प्रबन्ध करेंगे । ग्राम सचिवालय की बैठक हर सप्ताह और खण्ड सचिवालय, अर्थात् जनपद पंचायत की बैठक हर पन्द्रह दिनों में आयोजित की जायेगी । मुख्य सचिव एस॰के॰ मिश्र ने अपने परिपत्र में सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि वे ग्रामीण सचिवालयों और खण्ड स्तरीय सचिवालयों के लिए बैठक के दिन निर्धारित करके महीने की 20 तारीख तक कार्यक्रम तैयार करें, ताकि सचिवालय का काम-काज सुचास रूप से प्रारम्भ किया जा सके ।

3. कार्यप्रणाली, अधिकार एवं शक्तियां:

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ग्रामीण सचिवालय की नीतियों व कार्यप्रणालियों के सुचारा संचालन हेतु ग्राम पंचायत के सचिव को ही समन्वयक बनाया गया है, जो ग्रामीण सचिवालय के लिए सचिव का कार्य करेंगे । इसी तरह जनपद पंचायत के स्तर पर शुरू होने वाले खण्ड स्तरीय ग्राम सचिवालयों के लिए सम्बन्धित प्रभारी अधिकारी का दायित्व सौंपा गया है ।

ग्राम सचिवालय की साप्ताहिक बैठक में स्थानीय पंचायत सहित ग्राम स्तर के सात कर्मचारी उपस्थित रहेंगे । पंचायत सचिव के अलावा पटवारी, सहायक विस्तार अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, बिजली विभाग के लाइनमेन, लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी विभाग के अधिकारी, हैण्डपम्प मैकेनिक, क्षेत्र के सहकारिता विभाग के समिति सेवक अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे ।

जनता की शिकायतों तथा समस्याओं का निराकरण करेंगे । कलेक्टर द्वारा जरूरी समझे जाने पर अन्य विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को वहां भेजा जा सकेगा । ग्रामीण सचिवालय प्रत्येक सप्ताह के निर्धारित दिवस में सुबह 10 से 5 बजे तक खुला रहेगा । पंचायत सचिव द्वारा ग्रामीण सचिवालयों में प्राप्त आवेदन पत्रों का पंजीयन कराया जायेगा ।

स्थानीय कर्मचारियों की बैठक व्यवस्था, उपस्थिति का लेखा-जोखा रखने की जिम्मेदारी पंचायत सचिव की होगी । ग्रामीण सचिवालय की साप्ताहिक बैठक में सम्बन्धित कर्मचारियों के साथ ग्राम पंचायत के सरपंच, उपसरपंच और अन्य सम्बन्धित पंचायत अधिकारी भी सचिवालय के काम-काज के पर्यवेक्षण के लिए उपस्थित रहेंगे और पंचायत स्तर के मामलों में निराकरण के लिए भी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे ।

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ग्रामीण सचिवालय में प्राप्त आवेदन पत्रों को एक पंजी में दर्ज करके आवेदकों को पावती भी दी जायेगी । जिन आवेदन पत्रों की शिकायतों का निराकरण तत्काल ही सम्भव नहीं होगा, उसके बारे में तत्काल ही आवेदकों को कारण बताते हुए समाधानकारक स्पष्ट जवाब एक निर्धारित प्रारूप में लिखित में दिया जायेगा ।

ग्रामीण सचिवालय के संचालन के लिए ग्राम पंचायतें मूलभूत मद की राशि में से प्रतिवर्ष 1,000 रुपये विभिन्न लेखन सामग्री पर खर्च कर सकेगी । ग्रामीण सचिवालयों की बैठकों का आयोजन ग्राम पंचायत भवन में या स्थानीय सुविधा के अनुसार पंचायत के अधीन किसी ऐसे सार्वजनिक भवन में आयोजित की जा सकेंगी, जहां आमतौर पर पंचायत की बैठक होती है ।

इस सचिवालय में आवेदन पंजी के साथ ही विभिन्न प्रकार के दस्तावेज भी रखे जायेंगे, जिनमें कर्मचारियों की उपस्थिति पंजी, लम्बित आवेदनों का ब्यौरा, साप्ताहिक प्रगति प्रतिवेदन रहेंगे । पंचायत सचिव द्वारा ग्रामीण सचिवालय की साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट सम्बन्धित जनपद पंचायत के कार्यपालन अधिकारी को भेजी जायेगी ।

जनपद पंचायतों के स्तर पर हर पखवाडे खण्डस्तरीय सचिवालयों की कामकाज की प्रक्रिया इस तरह होगी । खण्डस्तरीय सचिवालय जनपद पंचायत कार्यालय में बनाये जायेंगे, लेकिन स्थानीय परिस्थितियों में आवश्यक होने पर कलेक्टर अन्य स्थान का चयन कर सकेंगे । जनपद पंचायत स्तर के सभी सम्बन्धित विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी इन बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे ।

कलेक्टर द्वारा आवश्यक समझे जाने पर जिला स्तर के किसी अधिकारी को वहां भेजा जायेगा । खण्डस्तरीय सचिवालय की बैठक में जनपद पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा पदाधिकारी गण कामकाज की मॉनिटरिंग के लिए उपस्थित रहेंगे. जिसकी प्रगति रिपोर्ट जिला कलेक्टर राज्य शासन को भेजेंगे ।

4. उपसंहार:

ग्राम पंचायत योजना की तरह ही गांव के विकास सम्बन्धी कार्यक्रमों के सुचारा संचालन एवं क्रियान्वयन के लिए ग्राम सचिवालय योजना निश्चय ही सफल साबित होगी । अपने महान् लक्ष्यों और उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राज्य शासन से मिलकर जनता की समस्याओं का शीघ्र निबटारा हो सकेगा ।

आवेदनों के लम्बित होने की सम्भावना कम हो जायेगी । हर विभाग के माध्यम से जनता की समस्याओं का निबटारा हो सकेगा । जनकल्याण जनसन्तोष की दृष्टि से यह योजना प्रभावी है, किन्तु आवश्यकता इस बात की है कि इसका क्रियान्वयन पूर्ण ईमानदारी व निष्ठा से हो । इसे दूषित राजनीति व भ्रष्टाचार की परछाई से बचाना होगा ।

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