सांसद आदर्श ग्राम योजना पर निबंध! Here is an essay on ‘Gram Vigilance Scheme’ in Hindi language.

“ग्राम धर्म एक महत्वपूर्ण बात है । जब तक एक समाज की तरह गाँव सोचता नहीं, चलता नहीं, तब तक ग्राम धर्म असंभव है और यदि ग्राम धर्म संभव है, तो ग्राम नई उँचाईयों को पाने का मार्ग स्वयं चुन सकता है ।” लोकनायक स्व. जयप्रकाश नारायण का है, जिनका जन्म 11 अक्टूबर, 1902 को हुआ था ।

देश के इसी अमर स्वतन्त्रता सेनानी के जन्मदिवस पर 11 अक्टूबर, 2014 को हमारे वर्तमान प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सांसद आदर्श गाँव योजना की आधारशिला रखी ।  गाँवों को समर्पित इस योजना का शुभारम्भ करते हुए प्रधानमन्त्री ने कहा कि प्रत्येक सांसद को वर्ष 2019 तक तीन आदर्श गाँव बनाने होंगे । इस प्रकार, यदि देश के 800 सांसद ऐसा करें, तो वर्ष 2019 तक 2500 गाँवों का विकास हो जाएगा ।

ग्रामीण विकास पर केन्द्रित यह योजना महात्मा गाँधी के ‘स्वराज’ विचार पर आधारित है । इस योजना के अन्तर्गत देश के सभी सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र में से एक-एक गाँव का चयन कर उसे इस प्रकार विकसित करना है कि बह आस-पास के अन्य गाँवों के लिए मॉडल (आदर्श) बन जाए ।

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इस प्रकार, इस योजना से लाभान्वित होने बाले गाँवों के आस-पास स्थित विभिन्न गाँवों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी और तब धीरे-धीरे पूरा क्षेत्र विकसित हो जाएगा ।  इस योजना के माध्यम से अधिक-से-अधिक गाँवों को विकसित किए जाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्रधानमन्त्री ने कहा था- ”सांसद गाँव को तीर्थ की तरह बनाएँ, विधायक भी आदर्श गाँव बनाएँ । ऐसा माहौल बनाया जाए, जिससे गाँव वाले अपने गाँव पर गर्व करें ।”

इस योजना के अन्तर्गत आदर्श गाँव के रूप में विकसित किए जाने वाले गाँवों में प्रत्येक तरह की सुख-सुविधा तो उपलब्ध रहेगी ही, साथ-ही-साथ जुआ खेलने नशा करने आदि दुर्गुणों पर भी प्रतिबन्ध रहेगा । इस प्रकार आदर्श गाँवों का विकास वैयक्तिक, मानवीय, आर्थिक और सामाजिक सभी सन्दर्भों में देखा जाएगा ।

इस योजना को कार्यरूप दिए जाने हेतु संसद के दोनों सदनों (लोकसभा व राज्यसभा) के सभी सांसदों को मार्च 2019 तक तीन-तीन गाँवों को विकसित करने का दायित्व सौंपा गया है । इस योजना के द्वितीय चरण में अर्थात् वर्ष 2019 के पश्चात प्रत्येक सांसद को पुनः 5 और गाँवों को चुनकर उन्हें आदर्श गाँवों में परिवर्तित करना है ।

इस प्रकार, चयन किए गए गाँवों को वर्ष 2024 तक शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य पर्यावरण सहित अन्य क्षेत्रों में विकाश के उच्च स्तर तक पहुंचाना इस योजना का लक्ष्य रखा गया है । साफ-सफाई, पठन-पाठन, महिलाओं के सम्मान आदि को भी इस योजना में महत्व दिया गया है ।

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चयन हेतु सांसदों को स्वतन्त्रता प्रदान की गई है, पर उन्हें स्वयं अथवा अपनी पत्नी के गाँव को चुनने की गई है । तीन हजार से पाँच हजार की आबादी बाले गाँवों को ही इस योजना के अन्तर्गत आदर्श ग्राम हेतु है, किन्तु पहाडी क्षेत्रों हेतु एक हजार से तीन हजार की आबादी निर्धारित की गई है ।

चयनित गाँवों के स्थिति सुधारने हेतु सांसद निर्वाचन क्षेत्र फण्ड का उपयोग किया जाएगा । इस नियोजन प्रक्रिया में जिला भी सम्मिलित किया जाएगा । सांसद आदर्श गाँव सभी प्रकार की सुविधाओं से सम्पन्न अत्याधुनिक गाँव होंगे, जहाँ सिर्फ पक्की सड़कें व पक्के मकान की निकासी की समुचित व्यवस्था भी होगी ।

आदर्श गाँव कम्प्यूटर, एटीएम व इण्टरनेट की सुविधाओं से सम्पन्न होंगे । वहाँ की गलियों में सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे । विद्यालय, डाकघर, आँगनबाडी केन्द्र, पंचायत घर, माइक्रो मिनी बैंक सहित ये गाँव राशन की दुकानों से भी सुसज्जित रहेंगे ।

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित जयपुर में प्रधानमन्त्री ने एक बार कहा था-”ग्रामीण क्षेत्रों में बुजुर्गों से उनके अनुभव के आधार पर जो सीख मिलती है, बह बड़े-बड़े अधिकारियों से भी नहीं मिल पाती ।” निश्चय ही जन भागीदारी को महत्व देने बाला उनका यह वक्तव्य गाँवों के सन्दर्भ में उनकी गम्भीर परिपक्वता का परिचायक है ।

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सांसद, विधायक सहित गाँवों के विकास से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को उनकी कही इस बात से सीख लेने की आवश्यकता है, क्योंकि गाँवों की समस्या को नजदीक से जानने हेतु मिट्टी से जुड़ना अत्यन्त आवश्यक है । गाँवों के बुजुर्गों के अनुभव का लाभ उठाकर और ग्रामीणों के साथ उचित ताल-मेल बिठाकर आदर्श गाँव योजना को सफल किया जा सकता है ।

इसके लिए राज्य सरकारी एवं केन्द्र सरकार के मध्य योजना को लेकर टकराव की स्थिति नहीं होनी चाहिए । आदर्श गाँव बनाने में पंचायतों एवं जिला पंचायतों को अपनी जिम्मेदारी पूर्णतः निभानी होगी । इसके साथ-ही-साथ प्रत्येक व्यक्ति का भी यह दायित्व बनता है कि वह अपने कार्यों को लगन व पूर्ण ईमानदारी के साथ करे, ताकि उसका गाँव भी आदर्श गाँव बन सके । आशा की जाती है कि गाँवों के सर्वांगीण विकास पर केन्द्रित यह योजना आने वाले समय में अवश्य सफल और भारत के गाँवों का कायाकल्प होगा ।

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