Read this article in Hindi to learn about the six major tribes of the world. The tribes are:- 1. अफ्रीका के आदिवासी (Indigenous People of Africa) 2. एशिया के आदिवासी (Indigenous People of Asia) 3. आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड के आदिवासी (Indigenous People of Australia and New Zealand) 4. यूरेशिया के आदिवासी (Indigenous People of Eurasia) and a Few Others.

Tribe # 1. अफ्रीका के आदिवासी (Indigenous People of Africa):

i. अफार (Afar):

अफार आदिवासी इथोपिया, इरीट्रिया, जबूती तथा सोमालिया के रहने वाले हैं । इनमें से अधिकतर आखेट युग में हैं तथा कुछ लोग अल्प-विकसित कृषि करके ज्वार मक्का तथा दलहन की कृषि भी करते हैं ।

ii. बाका (Baka):

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बाका कैमरून के दक्षिणी-पूर्वी भाग के जंगलों के रहने वाले हैं, जिनकी संख्या लगभग 40 हजार है । यह अभी तक आखेट युग में हैं और पेड़ों पर झोंपड़ी बनाकर रहते हैं ।

iii. बन्टु (Bantu):

दक्षिणी तथा दक्षिणी-पूर्वी अफ्रीका की बन्टु एक प्रमुख जनजाति है । इनमें से अधिकतर तंजानिया, केन्या, जिम्बाब्बे तथा इथोपिया में रहते हैं ।

iv. पेम्बा (Pemba):

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जाम्बिया की रहने वाली यह जनजाति छोटे-छोटे अधिवासों में रहती है । प्रत्येक अधिवास की जनसंख्या 100 से 200 तक होती है । इनकी कुल जनसंख्या लगभग ढाई लाख है । यह लोग अल्पविकसित कृषि करते हैं तथा समय मिलने पर आखेट भी करते हैं ।

v. बरबर (Berber):

अल्जीरिया, मोरक्को तथा ट्‌यूनीशिया के मरुस्थलों में रहने वाले बरबर खानाबदोश (Nomands) हैं । ये पशुपालन तथा व्यापार भी करते हैं ।

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vi. बुशमैन शान (Bushman, San):

कालाहरी के मरुस्थल में रहने वाले बुशमैन को शान भी कहते हैं । ये जनजातियाँ बोत्सवाना तथा नामीबिया के रहने वाले हैं । आखेट युग के ये लोग सरल जीवन बिताते हैं और अपने सीमित प्राकृतिक संसाधनों का उपयुक्त उपयोग करते हैं ।

vii. डिंका (Dinka):

डिंका सूडान की जनजाति है । इनकी कुल जनसंख्या लगभग 15 लाख है । अफ्रीका में डिंका सबसे लम्बे कद की जनजाति है । यह नील नदी के बेहरूनगजल के क्षेत्र में रहती है । पशुपालन तथा जीवन निर्वाह कृषि इनका मुख्य कार्य है ।

viii. इफी (Efe):

विश्व में सबसे छोटे कद के लोग इफी हैं । यह जनजाति कांगो गणतंत्र के जंगलों में रहती है और तीर-कमान से शिकार करती है । इसके अतिरिक्त ये जगंलों से कन्द-मूल तथा फल-फूल भी एकत्रित करते हैं ।

ix. फुला/फुलानी (Fula/Fulani):

फुलान जनजाति प. सहारा के देशों में रहती हैं । इनकी जनसंख्या लगभग 2.7 करोड़ है जो चाड, आइवरी कोस्ट, गिनी, गिनी-बिस्साऊ, गैम्बिया, घाना, लाइबेरिया, माली, मॉरिटानिया, नाइजर, नाइजीरिया, सेनेगल, सिएरा-लियोन, सूडान तथा टोगो में रहती है । ये इस्लाम धर्म के मानने वाले खानाबदोश हैं ।

x. होटेण्टोट (Hottentot):

होटेण्टोट जनजाति द. अफ्रीका के कारू मरुस्थल एवं अर्द्ध-मरुस्थल में रहती है । ये पशुपालन करते हैं तथा पशुओं को लाना ढोने के काम में भी लाते हैं ।

xi. किकुयूज (Kikuyus):

केन्या में रहने वाले किकुयूज मूलतः खेती करते हैं । इनकी मुख्य फसलों में ज्वार, मक्का तथा दालें सम्मिलित हैं ।

x. लेसी (Lese):

नीग्रो प्रजाति के लेसी पिग्मी आखेट तथा कन्द-मूल पर जीवन निर्वाह करते हैं । ये कांगो बेसिन के घने जंगलों में रहते हैं ।

xi. मबूती (Mabuti):

मबूती पिग्मी जनजाति, कांगो बेसिन के इतूरी जलप्रांतों में रहती है । इनका जीवन निर्वाह आखेट तथा कन्द-मूल, फल-फूल पर है ।

xii. मसाई (Masai):

पूर्वी अफ्रीका के पठारी भाग (कीन्या/युगाण्डा) के आदिवासी मसाई पशुपालन करते हैं । इनका कद लम्बा, शरीर पतला तथा भुजायें लम्बी होती हैं । इनकी त्वचा का रंग चॉकलेटी होता है । यह काले तथा लाल रंग के बैल पालते हैं । इनके कबीले भी काले तथा लाल रंग के बैलों से सम्बोधित किए जाते हैं ।

xiii. न्यूर (Nuer):

सूडान तथा इथोपिया में रहने वाली न्यूर जनजाति पशु-पालन पर जीवन निर्वाह करती हैं ।

xiv. पिग्मी (Pygmies):

कांगो बेसिन में रहने वाले छोटे कद के लोगों को पिग्मी कहते हैं । ये आखेट तथा कन्द-मूल पर जीवन निर्वाह करते हैं ।

xv. शिलक अथवा चोलू (Shilluk or Chollo):

सूडान की एक प्रमुख जनजाति जो पशुपालन करती है । ये ईसाई धर्म के मानने वाले है ।

xvi. स्वा (Tswa):

पिग्मी जनजाति का एक कुबीला है । ये आखेट तथा भोजन का संग्रहण करते हैं ।

xvii. तुरेग (Tuareg):

तुरेग सहारा मरुस्थल में ऊँट पालने वाले खानाबदोश । यह चारे तथा पानी की तलाश में निरन्तर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पलायन करते रहते है ।

xviii. त्वा (Twa):

कांगो बेसिन में रहने वाला एक पिग्मी कुबीला है और आखेट युग में जीवन यापन करता है ।

xix. योरूबा अथवा बोलोकी (Yorubas or Boloki):

यह जनजाति नाइजीरिया तथा बेनिन देशों में गिनी की खाड़ी के तट पर रहते हैं । ये कुशल किसान हैं । आबिदजान इनकी संस्कृति का प्रमुख नगर है ।

xx. जुलू (Zulu):

द. अफ्रीका के नेटाल राज्य की जनजाति जुलू कहलाती है । इनकी जनसंख्या लगभग एक करोड दस लाख है ।

Tribe # 2. एशिया के आदिवासी (Indigenous People of Asia):

जापान के होकापडो द्वीप के आदिवासी जो रूस के क्यूराइल द्वीप में भी आबाद हैं । इनका सम्बंध श्वेत प्रजाति से है । जापान की ऐनू जनजाति की साक्षरता 50 प्रतिशत है । आधुनिकीकरण के कारण इनकी जीवन शैली में परिवर्तन हो रहा है । ये जडात्मवाद (जीववाद), बौद्ध तथा रूसी-ईसाई धर्म के मानने वाले हैं  ।

i. बहू-रूवाला (Badawins-Ruwala):

बहू शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के शब्द अल-बैद से हुई है जिसका अर्थ बदिया अर्थात मरुस्थल के रहने वाले हैं ।

दक्षिण-पश्चिम एशिया के रहने वाले बहू खानाबदोश कबीले हैं जो ऊंट, भेड़, बकरी तथा घोड़े पालते हैं तथा अपने पशु-धन के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान पर पानी और चारे की तलाश में घूमते रहते हैं । इनकी कुल जनसंख्या लगभग दस लाख है ।

ii. चकमा (Chakmas):

बंग्लादेश के चटगाँव की पहाडियों में रहने वाली जनजाति । इनमें से कुछ चकमा भारत के त्रिपुरा राज्य की पहाडियों में भी रहते हैं । इनका सम्बंध तिब्बती-म्यांमारी मिश्रित जनजाति से है । (Fig. 9.1) ।

iii. चिन (Chin):

म्यांमार के आदिवासी चिन पश्चिमी म्यांमार की पहाड़ियों में रहते है । इनकी जनसंख्या लगभग 16 लाख है । इनमें से कुछ लोग मिजोरम तथा बंगलादेश में भी रहते हैं । इनका सम्बंध तिम्बती-म्यांमार जनजातियों से है ।

iv. डयाक (Dayak/Dyak):

डयाक बोर्नियो द्वीप के आदिवासी हैं । इनमें से अधिकतर आखेट युग में हैं । इनकी 200 से अधिक उप-प्रजातियाँ हैं ।

v. हमोंग (Hmong):

ये थाइलैंड के आदिवासी हैं और अफीम की खेती करते हैं जिसकी सबसे बड़ी माँग संयुक्त राज्य अमेरिका में है । इसकी चरस गांजे अफीम तथा हीरोइन के रूप में अवैध तौर पर तस्करी की जाती है ।

vi. इबान (Iban):

यह ड्‌याक जनजाति की एक उप-जनजाति है, जो मलेशिया के सबाह राज्य में रहती है । कुछ इबानी कबीले ब्रुनई तथा इण्डोनेशिया के प. कलिमप्टान राज्य में रहते हैं ।

ये लोग हैड हंटिंग (शत्रु का सर काट कर लाने) की परम्परा का पालन करते हैं ।

vii. इफुगाव (Ifugao):

यह फिलीपीन्स के इफुगु प्रान्त के रहने वालों को इफुगाव जनजाति कहते हैं । ये सीढ़ीनुमा खेती के लिये प्रसिद्ध हैं ।

viii. कलिंगा (Kalinga):

यह फिलीपीन्स के कलिंगा राज्य में निवास करने वाली एक आदिम जनजाति है तथा अपने जीवन निर्वाह के लिए खेती करती हैं ।

ix. करेन (Karen/Kwa/Kayin/Kanyaw):

यह म्यांमार के दक्षिण-पश्चिम भाग में रहने वाले आदिवासी । देश की सात प्रतिशत जनसंख्या इस उपजाति से सम्बन्ध रखती हैं । ये जंगलों को जलाकर सूमिंग प्रकार की खेती करते हैं ।

x. केडांग (Kedang):

ये बोर्निया द्वीप के रहने वाले केडांग खेती पर निर्भर हैं । यह पितृ प्रधान समाज है । ये लोग शादी-विवाह निकट सम्बंधियों में करते हैं ।

xi. किर्गीज/कज्जाक (Kirghiz-Kazak):

मूल रूप से इनका सम्बंध तर्क प्रजाति से है । मध्य एशिया की इस जनजाति के अधिकतर लोग किर्गिस्तान में रहते हैं । भेड़, बकरी, घोड़े आदि पालना इनके जीवन का आधार है । इनके अधिवास को युर्त (Yurt) कहते हैं ।

xii. कुर्द (Kurds):

ईराक एवं तुर्की के कुर्दिस्तान के लोगों को कुर्द कहते हैं । यह दक्षिण-पश्चिम एशिया के इराक, ईरान, सीरिया, लेबनान, तुर्की, जॉर्जिया तथा अर्मीनिया में रहते हैं । इनकी भाषा फारसी से मिलती-जुलती है । यह विश्व की सबसे बडी जनजाति है जिसका अपना कोई देश नहीं हैं ।

xiii. जिंगपो-काचिन (Jingpo-Kachin):

जिंगपो आदिवासी म्यांमार की काचिन पहाड़ियों के रहने वाले हैं । इस जनजाति के कुछ लोग भारत के अरुणाचल प्रदेश में भी रहते हैं ।

xiv. पख्तून (Jingpo-Kachin):

यह अफ्‌गानिस्तान की जनजाति है, जिसका सम्बंध आर्यों से है । इनका सम्बंध युद्ध और सेना से है । यह निडर जनजाति पश्तो भाषा बोलती है जो फारसी का एक विकृत स्वरूप है ।

xv. सकाई (Sakai):

मलेशिया, आदिवासी, सकाई, नीग्रीटो प्रजाति से हैं । घाटियों, जंगलों तथा मैदान में रहने वाली सकाई जनजाति आखेट युग में है । आखेट के लिये यह लोग बलो-पाइप (Blow-Pipe) का उपयोग करते हैं ।

xvi. सीमांग (Semang):

छोटे कद के सीमांग आदिवासी नीग्रीटो उपजाति से सम्बन्धित हैं । पर्वतों तथा जंगलों में रहने वाले मलेशिया के यह आदिवासी आखेट युग में है ।

xvii. टोयला (Toala):

सुलवासी अथवा सेल्वीज ‘इंडोनेशिया’ के ये आदिवासी आखेट युग में हैं तथा नीग्रेटो प्रजाति से सम्बधित हैं । ये तीर-कमान से आखेट करते हैं तथा अपने तीर की नोक पर एक प्रकार के जहर का उपयोग करते हैं ।

xviii. वैद्दा (Vedda):

श्रीलंका के आदिवासी पैदा आखेट युग में हैं । आखेट के अतिरिक्त कन्द-मूल

फल-फूल तथा प्रारंभिक अवस्था की खेती करते हैं ।

Tribe # 3. आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड के आदिवासी (Indigenous People of Australia and New Zealand):

i. अरन्टा (Arunta):

अरन्टा आस्ट्रेलिया के मरुस्थल में रहने वाली जनजाति है । इनका जीवन आधार कन्द-मूल तथा आखेट पर है ।

ii. गुरुण्डजी (Gurindji):

आस्टेरलिया के उत्तरी भाग में विक्टोरिया बेसिन की आखेट युग की जनजाति ।

iii. टिवी (Tiwi):

यह डार्विन नगर के निकट बार्थस्ट तथा मेलाविली द्वीपों पर रहने वाली जनजाति है । यह अपने शरीर को गेरू से रंगते हैं । छिपकली, साँप, सूअर, जंगली भैंस, कछुए तथा मछली आदि का शिकार करते हैं । लड़कियों का शिशु अवस्था में ही 22 वर्षीय व्यक्ति से विवाह कर दिया जाता है, जिनको 14 वर्ष की आयु में अपने पति के साथ रहना होता है । किसी धनी के 20 स्त्रियाँ भी होती हैं ।

iv. वलिपीरी (Warlpiri):

ये लोग उत्तरी आस्ट्रेलिया के टनामाना मरुस्थल के रहने वाले हैं । ये अलायस चश्मे (Alice Spring) के आस-पास रहते हैं । इनकी कुल जनसंख्या पाँच से छह हजार है ।

Tribe # 4. यूरेशिया के आदिवासी (Indigenous People of Eurasia):

i. एस्कामो (Eskimo):

एस्कीमो साइबेरिया के टुण्ड्रा प्रदेश के आदिवासी हैं, जो मछली, करेबू तथा रेंडियर का शिकार करते हैं । शीत ऋतु में इग्लू (बर्फ का घर) बनाकर रहते हैं । ऋतु परिवर्तन के साथ ये स्थान परिवर्तन करते रहते हैं ।

ii. युकाधिर (Yukaghir):

साइबेरिया के मध्य तथा पूर्वी भाग के टुन्ड्रा प्रदेश के रहने वाले युकाघिर एस्कीमो की एक उपजाति है । ये लोग वर्खोयांस्क तथा स्टानोबाई के पर्वतीय क्षेत्र में कोलेमा नदी घाटी में रहते हैं ।

मछली एवं रेंडियर का शिकार करते हैं तथा शीतकाल में इग्लू में रहते हैं । ये हस्की कुत्ते पालते हैं जो स्लेज गाड़ी (बर्फ पर चलने वाली गाड़ी) को खींचने के काम में लाये जाते हैं ।

Tribe # 5. उत्तरी अमेरिका के आदिवासी (Indigenous People of North America):

i. अरावक (Arawak):

यह लोग एण्टीलिस तथा बहामास द्वीप (वेस्टइंडीज) के रहने वाले हैं । विश्वास किया जाता है कि कोलम्बस का सम्पर्क सबसे पहले इन्हीं लोगों से हुआ था  ।

ii. अपाची (Apache, Tincehde, Tinde):

अपाची दक्षिण-पश्चिम संयुक्त राज्य अमेरिका के रहने वाले है । इनके मुख्य क्षेत्र अरिजोना, कोलोरेडो, न्यू मैक्सिको तथा ओकलाहोमा राज्य हैं (Fig 9.1 तथा 9.5) । कुछ अपाची फोनिक्स, डेन्वर, सानडियागो तथा लॉस एंजलिस जैसे महानगरों में बस गये हैं ।

iii. ब्लैकफुट (Blackfoot, Sikshika):

रॉकी पर्वत के पूर्व में सास्केचवान नदी के बेसिन में ब्लैकफुट आदिवासी रहते हैं  । ब्लैकफुट रेड इण्डियन की एक उपजाति है । ये घुड़सवारी करते हैं तथा जंगली भैंसे का शिकार करते हैं । भैंसे की खाल के कपड़े बनाते है तथा खाल से ही अपने तम्बू (टैंट) बनाते हैं ।

iv. बेल्ला कूला हैदा तथा तिलिंगित (Bella, Coola, Hiada, Tlingit):

ये सभी आदिवासी मछलियों का शिकार करते है । अलास्का से कोलम्बिया के तट तक इनकी बस्तियाँ हैं । यह प्रशांत महासागर से आधुनिक विधियों के द्वारा हैलिबट, कॉड तथा सेलमन मछलियों का शिकार करते है । इनकी आय तथा जीवन स्तर ऊँचा है ।

v. करी (Cree):

कनाडा के शीतकटिबंध के आदिवासी करी, जैम्स-खाड़ी के आसपास रहते हैं । अधिकतर करी क्यूबेक, ओंटारियो, मैनिटोक, अल्वटी तथा सास्केचवान राज्यों में रहते हैं । इनकी कुल जनसंख्या लगभग दो लाख है । ये मछलियों तथा पशुओं का शिकार करते हैं ।

vi. क्रीक (Creek-Muskogee):

अल्बामा, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, लूसियाना, ओकलाहोमा, टक्सास, द. केरोलिना तथा मध्य जॉर्जिया के आदिवासी । इनके जीवन पर शिक्षा तथा नगरीकरण का अत्यधिक प्रभाव पडा है ।

vii. क्रो (Crow):

उत्तरी अमेरिका की यलोस्टोन नदी घाट में क्रो नामक आदिवासी रहते हैं । ये पशुओं का शिकार करते हैं तथा कन्द-मूल, फल-फूल पर अपना जीवन व्यतीत करते हैं ।

viii. होपी-घूमा (Hopi-Yuma):

अरिजोना के मरुस्थल में होपी जनजाति के लोग जहां भी सम्भव हो सिंचाई करके खेती करते हैं । ये सघन बस्तियों में रहते हैं, जिनको प्यूबलो (Pueblo) कहते हैं । इनकी मुख्य फसलें मक्का, सब्जियाँ, खरबूजे खीरे तथा कपास हैं । यह एक महिला प्रधान समाज है । भूमि पर महिलाओं ही का अधिकार होता है ।

ix. इन्यूट (Inuit):

अलास्का, नूनावट, ग्रीनलैंड, कनाडा तथा निकटवर्ती द्वीपों के एस्कीमो को इन्यूट कहा जाता है । इनका सम्बंध मंगोल प्रजाति से है । सर्दियों में ये इग्लू में रहते है तथा स्लेज गाड़ी को चलाने के लिये अच्छी नस्ल के हस्की कुत्ते पालते हैं ।

x. मैटिस (Metis, Bois, Brule):

मनीटोबा, सास्केचवान, मोन्टाना (कनाडा) की जनजाति जो मंगोल तथा श्वेत प्रजाति का मिश्रण हैं ।

xi. नवाजो (Navajo Dine, Dineh):

दक्षिण-पूर्वी अरिजोना में सान-जुआन नदी में रहने वाले आदिवासी  ।

xii. पेटू (Pautes):

रेड-इण्डियन मूल के पैटू आदिवासी उत्तरी अमेरिका के ग्रेट बेसिन में रहते हैं । यह लगभग 100 व्यक्तियों के समूह में रहते हैं । शीत ऋतु में यह किसी विशेष स्थान पर अपनी झोपड़ियां बना लेते हैं, जिनको विकियुप (Wikiup) कहते हैं । कन्द-मूल, फल-फूल तथा आखेट पर अपना जीवन बिताते हैं ।

xiii. पावनी (Pawnee):

यह कानसस, नेबरास्का तथा ओकलाहोमा राज्यों में निवास करने वाली एक आदिम जनजाति है  ।

Tribe # 6. द. अमेरिका के आदिवासी (Indigenous People of South America):

i. अची (Achi):

अची अमेजून बेसिन के आदिवासी हैं जो ब्राजील तथा कोलम्बिया की सीमा पर रहते है । वास्तव में यह अमेरिकन-इण्डियन हैं । इनका मुख्य कारोबार खेती है । फसलों में दहलन, बीन, अनानास, सब्जियों तथा शकरकन्द उगाते हैं । ये पशुपालन नहीं करते  ।

ii. अयमारा (Aymara):

यह पेरू के तट पर रहने वाले मछुआरे हैं । इनकी जीवन-शैली चिली के मपूची तथा कनाडा के कोला आदिवासियों से मिलती है ।

iii. बोरो (Boro):

बोरो जनजाति ब्राजील तथा पेरू की सीमा प्रदेश में निवास करती है । वास्तव में ये रेड-इण्डियन हैं परन्तु श्वेत लोगों के सम्पर्क में आने से इनकी प्रजाति मिश्रित हो गई है । ये एक ही बड़ा झोपड़ा बनाते हैं जिसमें साठ-सत्तर व्यक्ति रहते हैं । ये पशु- धन नहीं पालते । ये प्रारम्भिक प्रकार की खेती करते हैं और विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ, शकरकन्द, मक्का, आलू तथा अनानास की खेती करते हैं ।

iv. मपूची (Mapuche):

चिली के तट पर रहने वाले मछुआरे, जो आधुनिक यन्त्रों के द्वारा प्रशान्त महासागर से मछलियाँ पकड़ते हैं  ।

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