Read this article in Hindi to learn about the theory of plate tectonics relating to earth’s crust.

प्लेट विवर्तनिकी का सिद्धान्त 1967 में डब्ल्यू. जे. मॉर्गन (W. J. Morgan) ने प्रस्तुत किया था । उनके अनुसार हमारी पृथ्वी का भूपटल (Crust) स्थलीय दृढ़ भूखण्डों (Plates) का बना हुआ है । वास्तव में स्थलीय दृढ़ भूखण्ड को प्लेट कहते हैं । प्लेट विवर्तनिकी का सिद्धान्त, महाद्वीपीय विस्थापन तथा सागर तल के विस्तार पर आधारित है । अब तक सात बड़ी तथा 20 लघु प्लेटों का निर्धारण किया जा चुका है ।

सात प्रमुख प्लेटें निम्न प्रकार हैं:

1. अफ्रीकन प्लेट

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2. ऑस्ट्रेलियन प्लेट

3. अण्टार्कटिका प्लेट

4. यूरेशियन प्लेट

5. उत्तरी अमेरिकन प्लेट

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6. दक्षिण अमेरिकन प्लेट तथा;

7. प्रशांत महासागरीय प्लेट ।

लघु प्लेटों में:

(i) अरेबियन प्लेट

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(ii) बिस्मार्क प्लेट

(iii) कैरेबियन प्लेट

(iv) केरोलिना प्लेट

(v) कोकोज प्लेट

(vi) जुआन डी फूका प्लेट

(vii) नाजका प्लेट

(viii) फिलीपीन्स प्लेट

(ix) स्कोशिया प्लेट

(x) ईरान की प्लेट

(xi) अनातोलिया की प्लेट

(xii) फीजी प्लेट, तथा;

(xiii) चीन की प्लेट मुख्य हैं ।

इन बड़ी और छोटी प्लेटों के छोर एक-दूसरे के साथ सटे हुये हैं ।

इन प्लेटों के किनारे निम्न तीन प्रकार के होते हैं:

1. रचनात्मक प्लेट सीमा अथवा किनारा,

2. विनाशी प्लेट सीमा अथवा किनारा,

3. सरंक्षी प्लेट सीमा अथवा किनारा ।

1. रचनात्मक प्लेट सीमा (Constructive Plate Boundaries):

रचनात्मक छोरों पर नये भू-पटल का निर्माण होता है । यह प्रक्रिया सागरीय कटकों पर होती है, जहाँ दो बड़ी प्लेटें विपरीत दिशा में प्रस्थान करती हैं  |

2. विनाशी प्लेट सीमा (Convergent Plate Boundaries):

इस प्रकार के किनारों पर दो प्रमुख प्लेटें एक-दूसरे के समीप आती हैं, जिनमें से भारी प्लेट नीचे की ओर मैण्टल की ओर अभिसरित होती है । महासागरों की गर्तें (Trenches) इस प्रकार के किनारों की उदाहरण हैं |

3. संरक्षी प्लेट सीमा (Conservative Plate Margins):

संरक्षी किनारों के सहारे दो प्लेटें एक-दूसरे के पास खिसकती हैं, जिस कारण रूपान्तर भ्रंश (Transform Faults) की उत्पत्ति होती है । इस प्रकार की सीमा को शियर (Shear) अथवा तटस्थ (Neutral) किनारा भी कहते हैं  |