पोषक तत्वों पर निबंध | Essay on Nutrients in Hindi.

Essay # 1. कैल्शियम (Calcium):

शरीर में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला खनिज लवण कैल्शियम है । पुरुषों में लगभग तीन पाउंड और महिलाओं में लगभग दो पाउंड कैल्शियम होता है । अधिकांश हड्‌डियों और दाँतों में तथा बचा हुआ मुलायम ऊतकों और शरीर के जलीय भागों में मौजूद होता है । यह शरीर की सामान्य क्रियाओं को व्यवस्थित करता है ।

खनिज लवण किस तरह विटामिन, एन्जाइम और दूसरे खनिज के साथ सहक्रिया करता है, कैल्शियम इसका सटीक उदाहरण है । आहार से प्राप्त कैल्शियम का लगभग 10 से 40 प्रतिशत छोटी आंत में विटामिन डी की सहायता से अवशोषित होता है (विटामिन डी और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के बिना कैल्शियम अच्छी तरह अवशोषित नहीं हो सकता) ।

मैंग्नीशियम भी इस शक्तिशाली टीम का सदस्य है । ये हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है । यदि आहार से पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिल रहा है, तो शरीर हड्डियों में मौजूद इसके संग्रह से इसे ग्रहण करना शुरू कर देता है ।

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यदि यह कमी लम्बे समय तक चलती है, तो अस्थि सुषिरता से पीडित हो जाते हैं । करीब 80 प्रतिशत महिलाओं में कैल्शियम की कमी होती है और इस विश्वव्यापी समस्या के उपचार पर अरबों डॉलर खर्च हो रहे हैं । यह स्थिति एक क्षति से कहीं ज्यादा है, यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिससे आसानी से बचा जा सकता है ।

पुरुषों और महिलाओं, दोनों की हड्डियों की सघनता किशोरावस्था के दौरान ही पूरी हो जाती है । 35 वर्ष की उम्र के आस-पास महिला व पुरुष दोनों की ही हड्डियों में पतलापन आने लगता है । महिलाओं में यह प्रक्रिया रजोनिवृत्ति के दौरान बढ जाती है, जब एस्ट्रोजेन का स्तर गिरने लगता है ।

महिलाएँ अपने जीवनकाल के दौरान अपने अस्थि द्रव्यमान का लगभग एक-तिहाई खो देती है । जबकि पुरुषों में उसका पाँचवाँ हिस्सा ही कम होता है । किशोरावस्था में जितना अधिक अस्थि द्रव्यमान विकसित कर लेते हैं, उम्र बढ़ने के साथ होने वाली इस अनिवार्य क्षति से उतना अधिक बचाव हो सकता है ।

किशोर लडकियों पर हुए एक ताजा अध्ययन से पता चला कि वर्तमान में कैल्शियम की निर्धारित आहारीय आवश्यकता, जो कि 80 प्रतिशत है, को बढ़ाकर 110 प्रतिशत करने पर किशोरों का अस्थि पिड विकास के दौरान प्रति वर्ष 1 प्रतिशत तक बढता है ।

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एक दूसरे अध्ययन में 50 से 79 तक की उम्र के पुरुष और महिलाएं, जो कौल्शियम लेने की दृष्टि से ऊपर से तीसरे स्थान पर थे, उनमें दूसरों की अपेक्षा अगले 14 वर्ष तक कूल्हे की हड्‌डी टूटने के मामलों में 60 प्रतिशत की कमी देखी गई । तो पूरे जीवन काल में कैल्शियम लेते रहना जरूरी है ।

कैफीन पसंद करने वालों के लिए यह एक खतरे की घंटी है- अधिक कैफीन लेने से शरीर में कौल्शियम का स्तर कम हो सकता है । 84,000 मध्यम उम्र वर्ग की महिलाओं पर हाल ही में हुए हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाएँ दिन में चार कप से अधिक कॉफी पीती थीं, उनमें कूल्हे की हड्‌डी टूटने की आशंका, कम या बिल्कुल न के बराबर कॉफी पीने वाली महिलाओं की अपेक्षा तीन गुना अधिक थी ।

Essay # 2. जस्ता (Zinc):

जस्ता में विस्मयकारी आरोग्य गुण होते हैं और यह 300 से ज्यादा एन्जाइम्स, जो घावों को भरने के लिए जरूरी हैं, का एक भाग बनाता है । जस्ता वयस्कों की प्रजनन क्षमता और बच्चों की विकास-दर को बेहतर रखने में सहायक होता है । यह प्रोटीन को भी संश्लेषित करता है ।

कोशिकाओं के पुनरुत्पादन, आँखों की रोशनी को सुरक्षित रखने, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाने और मुक्त धातुकणों के विरुद्ध रक्षा करने में मदद करता है । जस्ता मलहम का उपयोग खरोंच पर लगाने और शिशु की त्वचा को मुलायम बनाए रखने के लिए किया जाता है । इन कुछेक महत्वपूर्ण कामों के अलावा जस्ता और भी कई कामों में उपयोगी है ।

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जून 2000 में स्टॉकहोम में हुई एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में अनुसंधानकर्ताओं ने प्रयोगों के आधार पर बताया कि जस्ता पूरकों से बच्चों के विकास और वजन में बढोत्तरी देखी गई, वहीं अतिसार का खतरा भी कम पाया गया । इससे निमोनिया के प्रकरण कम होते हैं और संभवतः मलेरिया के साथ गर्भावस्था की जटिलता में भी कमी आती है ।

हालाँकि जस्ता के विभिन्न कामों को जानना शानदार है, पर साथ ही यह चेतावनी भी है कि विश्वव्यापी जनसंख्या का लगभग 48 प्रतिशत हिस्सा पर्याप्त जस्ता नहीं ले पा रहा है । एच.आई.वी. रोगियों में तो जस्ता की कमी होना बहुत आम बात है । इस महत्वपूर्ण खनिज लवण की थोडी-सी कमी का भी बहुत बड़ा असर हो सकता है ।

बुजुर्गों में जस्ता की कमी की आशंका ज्यादा रहती है, जो उनकी अस्त्रों की रोशनी और याद्‌दाश्त को प्रभावित करती है । अस्त्रों के पर्दे की कोशिकाओं में मौजूद एक एन्जाइम को जस्ता उत्प्रेरित करता है । जस्ता के अभाव में कोशिकाएँ असामान्य हो जाती हैं । इसके परिणामस्वरूप धब्बे पैदा हो जाते हैं । ये बुजुर्गों में आँखों की रोशनी घटने का एक आम कारण है ।

जानकारी के लिए, गेल्वेस्टन में टेक्सास विश्वविद्यालय की चिकित्सा शाखा के जस्ता के एक विशेषज्ञ डॉ. हैराल्ड सेंडस्टीड ने पाया कि सामान्यतः स्वथ्य नजर आने वाले व्यक्ति भी जस्ता की कमी के कारण याद्‌दाश्त और एकाग्रता के परीक्षण में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए । इससे इस विचार को बल मिलता है कि मछली खाना दिमाग के अच्छा है क्योंकि छल जस्ता होता है । यह मस्तिष्क को तेज करता है ।

Essay # 3. सेलेनियम (Selenium):

सेलेनियम एक असरदार ऑक्सीकरण-रोधी खनिज लवण है । इसकी कैन्सर-रोधी और हृदय रोग में रोकथाम की विशेषताओं के लिए पूरे विश्व में इस बारे में सक्रिय तथा गंभीर अध्ययन किए गए हैं । ‘जनरल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन’ में प्रकाशित डी. लैरी क्लार्क द्वारा किए गए अध्ययन ने सबको प्रेरित किया ।

अध्ययन में बताया था कि 1300 से अधिक व्यक्तियों को 45 वर्षों तक के लिए प्रतिदिन 200 माइक्रो ग्राम खमीर युक्त सेलेनियम देने पर (सामान्य मृत्यु दर की अपेक्षा) कैन्सर मृत्यु दर में 50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है ।

एक अन्य अध्ययन में उन पुरुषों की, जो काफी मात्रा में सेलेनियम लेते हैं और वे पुरुष जो कम मात्रा में सेलेनियम लेते हैं, की तुलना की गई । निष्कर्ष में पाया गया कि जिन्होंने सेलेनियम की अधिक मात्रा ली थी, उनमें उन्नत प्रॉस्टेट कैन्सर 65 प्रतिशत तक कम रहा ।

नेशनल कैन्सर इंस्टीट्‌यूट द्वारा प्रायोजित और अगले दस से पन्द्रह वर्षों तक इसी विषय पर काम करने वाले ‘सेलेनियम एंड विटामिन ‘ई’ कैन्सर प्रिवेन्शन ट्रायल’ द्वारा हाल ही में 32,000 पुरुषों की जाँच की गई, जिसमें प्रॉस्टेट कैन्सर की रोकथाम में विटामिन ‘ई’ और सेलेनियम की भूमिका के बारे में पता लगाया गया ।

अनुमान है कि ये विस्तृत लंबे परीक्षण दूसरे अध्ययनों के निष्कर्षों को प्रमाणित करेंगे कि सेलेनियम का सीधा संबंध प्रॉस्टेट कैन्सर का खतरा कम करने से है ।

रोग-प्रतिरोधक कार्य के लिए भी सेलेनियम आवश्यक होता है । सेलेनियम की कमी वाले क्षेत्रों में लोगों को पूरक देने पर वायरल हेपेटाइटिस की दर घट गई । यहाँ तक कि बुजुर्गों को सेलेनियम पूरक देने पर सफेद रक्त कोशिकाओं की क्रियाशीलता बढ गई यह प्रतिरोधक प्रणाली का प्राथमिक घटक है ।

थायराइड हारमोन को भी सेलेनियम सक्रिय करता है । एक प्रयोग में संतानोत्पत्ति में अक्षम पुरुषों को सेलेनियम सप्लीमेंट देने पर उनकी शुक्राणु कोशिकाओं की गतिशीलता बढ़ गई और इस तरह गर्भधारण की संभावना में भी वृद्धि हुई ।

Essay # 4. मैग्नीशियम (Magnesium):

शरीर में मैग्नीशियम 300 से अधिक एन्जाइम से जुडी प्रक्रियाओं में शामिल रहता है । मैग्नीशियम के फायदे से संबंधित अनुसंधान 1930 के दशक के शुरू हुए थे, लेकिन हाल ही में ये नए सिरे से फिर शुरू हुए हैं । शताब्दी की शुरुआत में ज्यादातर अमेरिकी व्यक्तियों को उनके आहार में लगभग 1200 मिलीग्राम मैग्नीशियम प्रतिदिन मिलता था ।

आज न्यूनतम निर्धारित आवश्यक मात्रा केवल 400 मिग्रा है और हम में से बहुत से लोगों को इतना भी नहीं मिल पाता । हाल के एक सर्वेक्षण ने स्पष्ट किया है कि 72 प्रतिशत वयस्क उत्तरी अमेरिकी व्यक्ति अपनी मैग्नीशियम की दैनिक निर्धारित मात्रा पूरी नहीं कर पा रहे हैं ।

आज मानव शरीर को पहले की अपेक्षा कहीं ज्यादा मैग्नीशियम की जरूरत है, क्योंकि दूषित वायु और जल इसके काम में बाधा डाल रहे हैं । मैग्नीशियम और हृदय रोगों के बीच के संबंध को लेकर हुए अनुसंधानों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को यह मानने के लिए बाध्य कर दिया है कि मैंग्नीशियम की कमी का धमनियों के कडे होने और उच्च रक्तचाप से सीधा संबंध है ।

क्या दिल के दौरे को सिर्फ धमनियों की रुकावट से जोड़ कर देखा जा हैं? 25 प्रतिशत दिल के दौरे उन व्यक्तियों को होते हैं, जिनकी धमनियाँ स्वस्थ्य हैं और वसा के कारण उनमें कोई रुकावट नहीं है? इस तरह के दिल के दौरे, मैग्नीशियम की कमी के कारण ही हो सकते हैं । ऐसे रोगियों को दौरा पडने के तुरंत बाद ही अंतः शिरा मैग्नीशियम देकर उपचार करने पर उनके जीवन बचने की दर में सुधार देखा गया ।

हाल ही में यह खोज हुई है कि मासिक धर्म के पूर्व के लक्षणों को मैग्नीशियम कम करता है । आमतौर पर स्त्रियाँ सरदर्द, तेज ऐंठन और थकान से पीडित होती हैं । उनमें मैंग्नीशियम की कमी होती है । मैग्नीशियम के पूरक देने पर इन लक्षणों में कमी पाई गई ।

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