आर्थिक प्रणाली: अर्थ और परिभाषा | Read this article in Hindi to learn about the meaning and definition of economic system.

आर्थिक प्रणाली के संस्थागत ढांचे से अभिप्राय उस कार्यविधि से होता है, जिसके अन्तर्गत किसी पूर्व-निर्धारित उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सोचने का, निर्णय लेने का और आर्थिक क्रियाएं सम्पन्न करने का मार्ग निर्धारित किया जाता है । ये सभी आर्थिक क्रियाएँ संगठित होकर एक आर्थिक प्रणाली की संरचना करती है ।

आर्थिक प्रणाली ऐसी संस्थाओं का ढाँचा है जिसके द्वारा समाज की समस्त आर्थिक क्रियाओं का संचालन किया जाता है । प्रत्येक देश किसी न किसी आर्थिक प्रणाली पर आधारित है । और आर्थिक प्रणाली की भिन्नता के अनुसार अर्थव्यवस्था का संचालन भी भिन्न-भिन्न है ।

किन्तु यह सार्वभौमिक सत्य है कि देश में चाहे कोई भी आर्थिक प्रणाली कार्यशील क्यों न हों, अर्थव्यवस्था में एक केन्द्रीय प्रवृत्ति एवं एक निश्चित उद्देश्य सदैव विद्यमान रहता है । जिसके अन्तर्गत देश के संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करते हुए देश की अर्थव्यवस्था को उन्नत बनाने की चेष्टा की जाती है ।

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विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने आर्थिक प्रणाली को भिन्न-भिन्न शब्दों में परिभाषित किया है, जिनमें मुख्य निम्नलिखित है:

1. श्रीमती जोन रोबिन्सन (Mrs. Joan Robinson) के अनुसार- किसी भी आर्थिक प्रणाली को नियमों के एक समूह की, उनके औचित्य को प्रमाणित करने के लिए एक विचारधारा की तथा व्यक्ति के विवेक की जिसके द्वारा उसे पूरा करने के लिए प्रयत्न कर सके, आवश्यकता होती है ।

श्री मती जोन रोबिन्सन ने अपनी परिभाषा में आर्थिक प्रणाली के क्रियान्वयन पदों पर अधिक बल दिया है । उनके विचार में प्रत्येक आर्थिक प्रणाली की एक नियमावली होती है । जिसका क्रियान्वयन करने के लिए व्यक्ति विशेष का विवेक आवश्यक होता है ।

2. ग्रासमैन (Grossman) ने आर्थिक पद्धति को परिभाषित करते हुए लिखा है, आर्थिक संस्थाओं का समुच्चय जो किसी अर्थव्यवस्था का लक्षण होता है, उसकी आर्थिक पद्धति बनाता है ।

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संस्थाओं (Institutions) से ग्रासमैन का आशय प्रतिमानों के समुच्चय, व्यावहारिक नियम एवं स्थापित क्रियाविधियों से है । उदाहरणार्थ- सम्पत्ति, कम्पनी, परिवार, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सरकार, मुद्रा, नियोजन आदि विभिन्न आर्थिक संस्थाएँ हैं । जिनका स्वरूप मिलकर एक आर्थिक पद्धति (Economic System) बनाता है ।

3. मैनुअल गोटलिब (Manual Gottlieb) के अनुसार- आर्थिक प्रणाली मनुष्य के जटिल सम्बन्धों के उन तरीकों का अध्ययन है जिसके द्वारा व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए सीमित संसाधनों का प्रयोग किया जाता है ।

गौटलिब की परिभाषा निम्नलिखित बिन्दुओं पर प्रकाश डालती है:

(i) आर्थिक प्रणाली स्थिर न होकर व्यक्तियों की आवश्यकताओं से संबंधित होती है ।

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(ii) व्यक्तियों की आवश्यकताओं में व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक दोनों प्रकार की आवश्यकताओं का समावेश होता है । अर्थात् मनुष्य की आवश्यकताएँ अनंत है और उन्हें स्वरूप के आधार पर व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक आवश्यकताओं में बांटा जा सकता है ।

(iii) आर्थिक प्रणाली में सीमित संसाधनों के अनुकूलतम आबंटन की विचारधारा निहित है ।

4. लॉक्स (Loucks) ने आर्थिक पद्धति को परिभाषित करते हुए लिखा है- आर्थिक प्रणाली अर्थव्यवस्था का एक ऐसा संगठन है जिसके द्वारा सुलभ उत्पादन साधनों का प्रयोग करके मानव आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती है ।

आर्थिक प्रणाली में उन संस्थाओं का समावेश होता है, जिन्हें कोई मानव समुदाय अथवा कोई राष्ट्र समूह ऐसे साधनों के रूप में अपनाता है या स्वीकार करता है । जिसमें मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उसके संसाधनों का प्रयोग किया जा सके ।

उपर्युक्त परिभाषा निम्नलिखित बिन्दुओं पर प्रकाश डालती है:

(i) किसी भी राष्ट्र के व्यक्तियों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सामाजिक राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं के महत्व पर बल दिया है ।

(ii) संस्था का तात्पर्य ऐसी कार्य पद्धति से है जिससे उद्देश्य विशेष की पूर्ति हो सके ।

(iii) राष्ट्र एवं राष्ट्रों के समूह शब्दों के प्रयोग द्वारा एक प्रणाली की प्रकृति को स्पष्ट किया गया है ।

5. ए. जे. ब्राउन (A.J Brown) के अनुसार- आर्थिक प्रणाली एक प्रक्रिया अथवा क्रम है जिसके अन्तर्गत मनुष्य आय प्राप्त करने की चेष्टा करता है ।

6. प्रो. हिक्स (Prof. Hicks) के अनुसार- किसी भी स्थिति में आर्थिक प्रणाली की कल्पना उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं (सामूहिक आवश्यकताओं सहित) की सन्तुष्टि के लिए उत्पादों के सहयोग के रूप में अथवा पारस्परिक विनिमय की अवस्था के रूप में कर सकते हैं ।

हिक्स ने आर्थिक प्रणाली की परिभाषा में आर्थिक प्रणाली को उत्पादन एवं विनिमय की प्रक्रिया के रूप में स्पष्ट किया है । और उत्पादन के लिए उपभोक्ता की व्यक्तिगत एवं सामूहिक आवश्यकता के महत्व को भी स्वीकार किया है ।

संक्षेप में आर्थिक, प्रणाली एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके अन्तर्गत अर्थव्यवस्था से संबंधित (अर्थात् उपभोग, उत्पादन, विनिमय, वितरण सम्बन्धी) निर्णय लिये जाते हैं ।