पारिस्थितिक सिद्धांतों की सूची | List of Ecological Principles | Hindi!

पारिस्थितिकीय विज्ञान पारिस्थितिक संसाधन के सदुपयोग तथा उनकी स्वस्थ एवं टिकाऊ अवस्था में बनाये रखने का अध्ययन किया जाता है । पशुपक्षियों एवं पेड-पौधों के विकास, वृद्धि, विलोपन तथा विनाश किन्हीं सिद्धांतों के अंतर्गत होता है ।

पारिस्थितिक के प्रमुख का संक्षिप्त वर्णन निम्नलिखित है:

1. पारिस्थितिकी विज्ञान की मूलभूत इकाई पारिस्थितिक तंत्र है ।

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2. भौतिक तथा जैविक प्रक्रियाओं में एकरूपतावाद का सिद्धांत लागू होता है । भूआकृति विज्ञान की भाँति पारिस्थितिकी विज्ञान की प्रक्रियाओं में एकरूपतावाद के सिद्धांत जो भूतकाल में लागू थे वही वर्तमान में लागू होते हैं ।

3. सभी भौतिक तथा जैविक तत्वों में पारस्परिक प्रतिक्रियाशीलता पाई जाती है ।

4. पारिस्थितिक तंत्र प्रर्काय सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा पर निर्भर करता है । सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को पेड़-परी ग्रहण करते हैं, इसीलिए पेड़-पौधों को प्राइमरी उत्पादक कहते हैं ।

पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा-संचार के निम्न सिद्धांत हैं:

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(i) प्रथम सिद्धांत (Law I):

किसी भी तंत्र की राशि में ऊर्जा की न तो उत्पन्न की जा सकती है और न ही उसका विनाश होता है । दूसरे शब्दों में, ऊर्जा अंतर्वाह तथा बर्हिवाह में संतुलन पाया जाता है।

(ii) दूसरा सिद्धांत(Law II):

किसी प्रक्रिया में जो ऊर्जा छितरती है । वास्तव में किसी कार्य के करने में ऊर्जा का एक स्वरूप बदल कर दूसरे स्वरूप में विदित हो जाती है ।

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5. जैवमंडल में ऊर्जा संचार एकदिशीय होता है ।

6. जैवमंडल में भौतिक तत्व का संचार एक चक्र-पथ के रूप में संपादित होता है ।

7. पारिस्थितिक-तंत्र की उत्पादकता का तात्पर्य प्रति इकाई जैव-पदार्थ से है | यह उत्पादकता प्राइमरी उत्पादकों (वनस्पति) के द्वारा होता है ।

8. पारिस्थितिक तंत्र में स्वतः नियामक यंत्र-रचना पायी जाती है । यदि पारिस्थितिक तंत्र में कोई परिवर्तन होता है तो धीरे-धीरे उसमें स्वतः प्राकृतिक रूप से संतुलन स्थापित हो जाता है ।

9. यदि पारिस्थितिक तंत्र पर बाह्‌य बलों का प्रभाव अत्यधिक बढ़ जाए तो पारिस्थितिक तंत्र संतुलित नहीं रह पाता ।

10. वनस्पति समुदाय का आनुक्रमिक विकास होता है ।

11. सांक्रांतिक अवस्थाओं में वनस्पति के एक समुदाय के दूसरी समुदाय में परिवर्तित होने को सेरी कहते हैं । आनुक्रमिक विकास के अंत में विकसित होने वाली कम्मुनिटी को क्लाइमेक्स कहते हैं ।

12. मानव पर्यावरण का एक सक्रिय घटक है जो पर्यावरण में निरंतर परिवर्तन करता रहता है ।

13. आहार-विविधता से पारिस्थितिक तंत्र में संतुलन एवं स्थिरता बढ़ती है ।

14. पारिस्थितिकी अध्ययन का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों को टिकाऊ बनाना तथा जैविक विविधता में स्थिरता उत्पन्न करना है ।

15. संसाधनों का सदुपयोग करके ही जैविक-विविधता संभव है ।

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