टिफ़िन आपूर्ति सेंटर कैसे शुरू करें? | Are you planning to start a tiffin supply centre? Read this article in Hindi to learn how to start and commence a tiffin supply centre.

ऐसे युवक तथा युवतियां जो शहरी में अकेले रहते हैं तथा या तो विभिन्न कारखानों/कार्यालयों अथवा अन्य संस्थानों में कार्य करते हैं या होस्टलों अथवा किराये के भवन लेकर अध्ययन कार्य करते हैं, उनके सामने प्रमुख समस्या होती है-समय पर शुद्ध भोजन प्राप्त करने की ।

कई बार इनके कार्यस्थल निवास स्थल होटलों/भोजनालयों से इतने दूर होते हैं कि वे वहां समय पर भोजन करने नहीं जा पाते तथा कई बार इन होटलों/रेस्टोरेन्टस का खाना इतना अरुचिकर तथा महंगा होता है कि वे चाह कर भी वे वहाँ भोजन नहीं कर पाते ।

ऐसे नौकरी पेशा व्यक्तियों तथा विद्याथियों की इस समस्या के आसान तथा सर्वाधिक उपयुक्त हल के रूप में प्रस्तुत हुये है- टिफिन सप्लाई केन्द्र जिनके द्वारा विभिन्न कारखानों, कार्यालयों में कार्य कर रहे व्यक्तियों तथा होस्टलों आदि में निवास कर रहे विद्यार्थियों में कार्य स्थल/निवास स्थल पर ही उन्हें भोजन प्रदान करवाने की सेवा उपलब्ध करवाई जाती है ।

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नौकरीपेशा व्यक्तियों/विद्यार्थियों के साथ-साथ कई अन्य व्यक्तियों-संस्थाओं द्वारा भी इन केन्द्रों की सेवायें ली जा सकती हैं । उदाहरणार्थ कई बार किन्हीं कार्यालयों द्वारा गोष्ठियों, कान्फ्रेंसों आदि का आयोजन किया जाता है जिनमें भाग लेने वाले सदस्यों को ”वीर्किंग लंच” दिया जाता है । इसी प्रकार विभिन्न संस्थाओं/कार्यालयों तथा बैंकों आदि द्वारा आयोजित किये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने वाले व्यक्तियों के लिये भी टिफिन प्रदाय किए जा सकते हैं ।

कुल मिलाकर यदि ऐसे केन्द्रों द्वारा भोजन की गुणवत्ता तथा शुद्धता का ध्यान रखते हुये टिफिन प्रदाय करने का कार्य किया जाए तो ये केन्द्र काफी सफलतापूर्वक कार्य कर सकते हैं तथा इनसे न केवल कर्मचारियों-विद्यार्थियों की शुद्ध भोजन प्राप्त करने की समस्या समाप्त हो सकती है बल्कि अनेकों महानगरों के साथ-साथ छोटे-छोटे शहरों में भी ऐसे टिफिन सप्लाई केन्द्र सफल हो सकते है ।

टिफिन सप्लाई केन्द्र में सेवा प्रदान करने की प्रक्रिया (Procedure of Providing Services as a Tiffin Supply Centre):

टिफिन सप्लाई केन्द्रों में मुख्यतया एक ही स्थान पर खाना तैयार करके शहर के विभिन्न भागो में कार्यरत व्यक्तियों-विद्यार्थियों को उनके कार्यस्थल तथा/अथवा निवास स्थल पर प्रदाय किया जाता है । क्योंकि वर्तमान में भोजन रखने हेतु हॉट केसेस प्रचलन में है अतः इनमें भोजन ताजा तथा गर्म रहता है ।

उपभोक्ताओं द्वारा भी इस भोजन को काफी पसंद किया जाता है । ऐसे उपभोक्ताओं के संदर्भ में जो इन केन्द्रों से लंच तथा डिनर दोनों की सेवाये लेना चाहते हैं उन्हें लंच के संदर्भ में दोपहर को टिफिन प्रदाय कर दिये जाते है तथा जब प्रदायकर्ता शाम को डिनर हेतु टिफिन प्रदाय करने जाता है तो वह लंच वाला खाली टिफिन वापिस ले आता है ।

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इस प्रकार यह चक्र निरंतर चलता रहता है । प्रायः एक ही व्यक्ति द्वारा सभी स्थानों पर टिफिन सप्लाई किए जाते हैं जोकि साईकिल स्कूटर अथवा मोटर साइकिल पर एक साथ टिफिन ले जाकर विभिन्न स्थानों पर इन्हें वितरित कर देते हैं ।

टिफिन सप्लाई केन्द्रों  में सेवा कार्य का लक्ष्य (The Goal of Work in the Tiffin Supply Unit):

प्रस्तुत योजना के अनुमानों के अनुसार प्रतिमाह 55 व्यक्ति इस टिफिन सप्लाई केन्द्र की सेवाएँ (लंच तथा डिनर दोनों) लेंगे । ऐसा भी हो सकता है कि कुछ व्यक्ति केवल लच ही लेना चाहें तथा कुछ व्यक्ति केवल डिनर-परन्तु अनुमानतः प्रतिदिन औसतन 110 व्यक्तियों (55 लंच + 55 डिनर) द्वारा इस केन्द्र की सेवाएँ ली जाएँगी ।

क्योंकि कई टिफिन सप्लाई केन्द्रों द्वारा भोजन से अतिरिक्त टिफिन सप्लाई का भी प्रतिदिन 1 या 2 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जाता है परन्तु प्रस्तुत इकाई में यह सेवा निःशुल्क प्रदान की जाएगी । इस प्रकार इस इकाई में 55 व्यक्तियों को मासिक आधार पर टिफिन प्रदान किए जाने का लक्ष्य है जिनसे 600 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिमाह की दर से शुल्क लिया जायेगा तथा इससे वर्ष भर में कुल 396000 रुपये की प्राप्तियाँ होंगी ।

टिफिन सप्लाई इकाई के वित्तीय पहलू (Financial Aspects of the Tiffin Supply Entity):

1. कार्यस्थल की आवश्यकता:

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इस इकाई की स्थापना के लिए 800 वर्ग फीट का कार्यस्थल पर्याप्त होगा जिसका 2000 रुपये प्रतिमाह किराया देय होगा ।

2. विभिन्न साधन-सुविधाओं की आवश्यकता:

इस इकाई के सफल संचालन सुविधाओं की आवश्यकता होगी:

3. विविध स्थाई सम्पतियों की लागत:

इकाई के संचालन हेतु आवश्यक स्थायी सम्पत्तियों जैसे वर्किंग टेबल्स, तंदूर के निर्माण, पटियों आदि पर कुल 5000 रुपये की लागत आयेगी ।

4. कच्चे माल की लागत (प्रतिमाह):

इस इकाई में लगने वाला प्रमुख कच्चा माल होगा-विभिन्न खाद्य पदार्थ- गेहूँ,

दाल, चावल, नमक, विभिन्न मसाले, विभिन्न सब्जियाँ, शक्कर दूध आदि जिन पर प्रतिमाह 8000 रुपये की लागत आने का अनुमान है ।

5. कर्मचारियों की आवश्यकता तथा उनको देय वेतन/पारिश्रमिक (प्रतिमाह):

इस इकाई में किए जाने वाले विभिन्न क्रिया कलापों के सफल संचालन हेतु निम्नानुसार कर्मचारियों/श्रमिकों की आवश्यकता होगी:

नोट:

क्योंकि इस इकाई में कर्मचारियों को वेतन के इलावा खानपान की सुविधा भी दी जा सकती है, अतः कम वेतन/पारिश्रमिक पर भी कर्मचारी/श्रमिक उपलब्ध हो सकते हैं ।

6. उपयोगिताओं पर व्यय (प्रतिमाह):

इस इकाई में प्रयुक्त होने वाली प्रमुख उपयोगिताएँ हैं- गैस, कोयला, कैरोसीन, विद्युत, पानी आदि जिनकी व्यवस्था पर प्रतिमाह 2000/- रुपये का व्यय आने का अनुमान है ।

7. विविध खर्चे (प्रतिमाह):

इकाई में निम्नानुसार विविध खर्चे होने का भी अनुमान है:

13. साधन/सुविधाओं के प्रदायकर्ता:

इकाई में प्रयुक्त होने वाली साधन/सुविधायें स्थानीय बाजारों में उपलब्ध है ।

14. कच्चा माल:

इकाई में लगने वाला कच्चा माल स्थानीय बाजार/हाट/सब्जी मंडी से मिल सकता है ।

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