पापद और बरियान का निर्माण कैसे करें? | Are you planning to manufacture papad and bariyan? Read this article in Hindi to learn about how to manufacture and produce papad and bariyan.

वर्तमान युग में पापड़ और बड़िया बहुत ही लोकप्रिय खाद्य पदार्थ है । पापड़ मुख्यतः वृत आकार का बनाया जाता है । यह दाल, नमक, मसाला इत्यादि मिलाकर बनाया जाता है । इन रचकों की मात्राओं में परिवर्तित करके विभिन्न प्रकार के पापड़ बनाये जाते हैं ।

जो अलग-अलग व्यक्तियों के स्वाद के अनुकूल उपयुक्त होते हैं । भारतीय भोजन में बड़ी का उपयोग सब्जियाँ के समान होता है । पापड़ पहले घर की स्त्रियों के द्वारा अपने उपयोग के लिए बना लिए जाते थे । लेकिन वर्तमान परिस्थिति में व्यस्तता इतनी बढ़ गयी है कि ये चीजें बाजार से बनी बनाई खरीद कर उपयोग करना ही ज्यादा सुविधाजनक हो गया है ।

अत: अब पापड़ और बड़ी का उत्पादन लघु उद्योग या कुटीर उद्योग के रूप में करने की अच्छी सम्भावना हो गयी है, क्योंकि इन वस्तुओं का उपयोग दिनों दिन बढ़ता जा रहा है । इस समय यह सामान्य पौष्टिक भोजन का एक अंग बन गया है ।

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सरकार के द्वारा यह उद्योग खास कर लघु उद्योग में करने के लिए आरक्षित कर दिया गया है । सेन्ट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टिट्‌यूट, मैसूर के रा पापड़ बड़ी बनाने की विधि विकसित की गई है जिससे इन वस्तुओं की क्वालिटी में बहुत सुधार हो गया है तथा अधिक दिन तक रखने से यह खराब नहीं होती ।

पापड़ और बड़िया सामान्य उपयोग की चीजें हैं । इनके अलावा इनकी सप्लाई के मुख्य स्थान हैं- कैंटीन, सिनेमा हॉल, होटल, एयर पोर्ट, सेना इत्यादि । इसलिए ऐसा अनुमान किया जाता है कि जनसंख्या में वृद्धि और सामाजिक रहन-सहन के स्तर में विकास के साथ पापड़ एवं बड़ियों की उपयोगिता में वृद्धि होती जायेगी । अतः पापड़ एवं बड़ी निर्माण उद्योग का भविष्य उज्ज्वल है ।

पापड़ (How to Manufacture Papad?):

बनाने के विधि (How to make):

रात में उड़द की दाल को (छिलके सहित) पानी में भिगो दिया जाता है और प्रातः काल धोकर इसका छिलका उतार दिया जाता है । इसमें से एक किलो दाल लेकर धूप में फैला दी जाती है । ताकि इसका कुछ पानी सुख जाये । इस दाल को सिल पर पीसकर पिट्ठी बना ली जाती है ।

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अगर व्यापारिक रूप से पापड़ बनाना है तो सिल पर पीसने से काम नहीं चलेगा, बल्कि पिट्ठी पीसने की मशीन रखनी पड़ेगी । यह मशीन एक हार्सपावर से चलती है और घंटे में लगभग 20-25 किलो दाल की पिट्ठी पीस देती है ।

इस पिट्ठी में शेष रचक मिलाकर सख्त आटे की तरह गूँद लिया जाता है और घी चुपड़ी हुई कुंडी या ओखली में इसको अच्छी तरह कूट लिया जाता है ताकि इसमें लोच पैदा हो जाये । अच्छी तरह कुट जाने के बाद इसके छोटे-छोटे गोल-गोल पेड़े बनाकर और इन्हें चकले पर बेलकर पापड़ बना लिए जाते हैं । पापड़ बेलते समय थोड़ा-थोड़ा तेल चकले-बेलन पर लगाते रहना चाहिए ।

काली मिर्चो के स्थान पर लाल मिर्चो का भी प्रयोग किया जा सकता है । तेल मसाले के पापड़ बनाने के लिए थोड़ी मिर्च भी पिट्ठी में मिलाई जाती है । पारिक रूप में पापड बनाते समय उक्त मूल विधि में थोड़ा परिवर्तन कर लिया जाता है ।

काली मिर्चों को बारीक नहीं पीसते बल्कि पिट्ठी पीसनेवाली ग्राइंडिंग मशीन द्वारा दलिए की तरह मोटा-मोटा पीस लिया जाता है, जीरा अलग से रख लिया जाता है, तो ये दाने पापड़ों में दिखाई देते हैं ।

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पापड बनाने का फार्मूला (Papad Forming Formula):

बड़ियां (How to Make Bariyan?):

बड़ियां भी आजकल बहुत लोकप्रिय हैं । इन्हें अकेले ही अथवा आलू के साथ इनकी सब्जी बनाकर खाया जाता है । पंजाबी बढ़िया आजकल बहुत बिकती हैं और ये नुक्ती के लडू के बराबर होता हैं । ये खाने में बडी स्वादिष्ट होती है । ग्राहकों की मांग के अनुसार हल्के मसाले और तेज मसाले-दोनों तरह की बनाई और बेची जाती है । ये बड़िया वजन में बहुत हल्की और पौष्टिक होती हैं ।

बनाने की विधि (Recipe):

उडद की दाल को पानी में रात भर भिगो दिया जाता है और सवेरे छलनी में रगड़कर इसका छिलका उतार दिया जाता है (बहुत बड़ा काम हो तो छिलका उतारने का प्लांट अर्थात् धोई दालें बनाने का प्लान्ट लगाया जा सकता है) इस दाल को पिट्ठी पीस ली जाती है ।

पेठे का छिलका उतारकर-इसके मोटे दाल के गूदे को अलग कर लिया जाता है । मोटे दाल को कद्दू कस से कस कर अंदर के गूदे व बीजों को मथकर अलग कर लिया जाता है । उड़द की दाल की पिट्ठी को दो तीन दिन किसी बर्तन में ढककर रखा रहने दिया जाता है, ताकि इसमें थोड़ा खमीर उठ आए ।

इस खमीर उठी दाल में मिर्च-मसाले डालकर खूब अच्छी तरह मिलाने का काम हाथ से किया जाता है लेकिन जहां काफी काम है वहां हाथ या पावर से चलने वचाली फेटने की मशीन बनवा सकते हैं । पिट्ठी को काफी समय तक मिलाना पडता है । क्योंकि अगर पिट्ठी को अच्छी तरह मिलाया नहीं जाएगा तो बड़िया हल्की नहीं बनेंगी, ठोस बनेंगी ।

पिट्ठी ठीक तरह मिल गई या नहीं इसकी परीक्षा इस प्रकार होता है कि पिट्ठी को हाथ से लेकर डेढ़ दो इंच व्यास की गेंद जैसी बनाकर पानी भरे हुए बर्तन में आहिस्ता से छोड़ दे अगर यह गेंद पानी पर तैरने लगे तो समझना चाहिए कि पिट्ठी ठीक तरह मिल गई है । अगर डूब जाए तो थोड़ी देर पिट्ठी को और मिलाया जाता है ।

अब इसमें कद्दू से कसा हुआ पेठा और पेठा का गूदा (अच्छी तरह कुचला) हुआ तथा थोड़ा सा नमक भी मिला जाता है । इसकी बड़िया बनाकर इनको सरकंडे की बनी हुई चटाई पर रख दिया जाता है धूप में सूख जाने पर बढ़िया स्वयं ही सरकंडे पर से अलग हो जाती है ।

यह स्मरण रखना चाहिए कि जिस स्थान पर बड़िया बनाई जायें वहां के लोगों की रुचि का ध्यान रखते हुए इसमें पड़ने वाले मसालों की मात्र कम या अधिक की जा सकती है तथा अन्य मसाले डाले जा सकते हैं जैसे अदरक, लाल मिर्च, इलायची, प्याज, लौंग, सूखा धनिया, आदि ।

इसमें मिर्च की मात्रा पर विशेष रूप से नियंत्रण रखना चाहिए । बहुत ज्यादा मिर्च नहीं होनी चाहिए अन्यथा कोई दोबारा खरीदने नहीं आएगा । बड़ियां तेज धूप की ऋतु अर्थात् अप्रैल से जून तक बनाना अच्छा रहता है । वर्षा ऋतु में बिल्कुल नहीं बनाई जाती ।

इन सबको पीसकर पाउडर बना लिया जाता है और एयर राइट पैकिटों में पैक कर लिया जाता है ।

बनाने की विधि (Recipe):

फ्राइंग पैन्न (Frying Pan) में हींग तथा घी डालकर गर्म किया जाता है । जब अच्छी तरह भुन गया तो इसमें हल्दी भी मिला दी जाती है । इसी प्रकार थोड़े से घी में धनिया भी भून लिया जाता है । शेष सारे मसाले कूट-पीसकर उनका महीन पाउडर सा कर लिया जाता है और उन्हें एक जगह अच्छी तरह मिला लिया जाता है ।

बाद में हींग तथा धनिया भी मिला जाता है और अच्छी तरह उलट-पुलट किया जाता हैं, ताकि ये दोनों भी सारे मसाले के साथ अच्छी तरह समान रूप से मिल जाये । चाट मसाला तैयार है- इसे आवश्यकतानुसार साइज के पैकिटों या डिब्बों में पैक कर लिया जाता है ।

नोट:

1. मसाले के सारे रचक आपस में अच्छी तरह मिला चुकने के बाद इनको पैक करने से पहले, महीन जाली वाली छलनी में से छान लिया जाय तो अच्छा रहेगा । इसे तैयार करते समय नमक या अमचूर की मात्रा आवश्यकतानुसार कम अधिक की जा सकती है ।

2. यदि सस्ता माल तैयार करना हो तो महंगे मसाले कम मिलाने चाहिए ।

मशीनरी एवं उपकरण (Machinery and Equipment):

1. पिट्ठी पीसने की मशीन

2. दाल पीसने की मशीन

3. ग्राइंडिंग मशीन

4. मिक्सिंग मशीन

5. फ्राइंग पैन

6. छलनी का सेट