हर्बल शैम्पू पाउडर का निर्माण कैसे करें? | Are you planning to manufacture herbal shampoo powder? Read this article in Hindi to learn about how to manufacture and produce herbal shampoo powder.

वर्तमान समय में समाज के सभी वर्गों, विशेषकर महिलाओं में लम्बे घने तथा चमकदार बालों का प्रचलन बढ़ता जा रहा है । इस शौक पूरा करने के लिए विभिन्न हेयर शैम्पू तथा साबुनों का उपयोग किया जाता है जिसके प्रचलन तथा व्यापक बाजार का अंदाज इस संदर्भ में प्रसारित किए जाने वाले विज्ञापनों से सहज ही लगाया जा सकता है ।

यद्यपि भारतीय बाजार में असंख्य हेयर शैम्पू उपलब्ध है जैसे- हेलो, क्लीनिक, वेलनेट, चिक एनसिल्क, लैक्में, टिआरा, फॉ आदि परन्तु इनमें से अधिकतर उत्पाद सिन्थेटिक अथवा रसायन-आधारित (कैमिकल्स वेस्ट) हैं जिनसे होने वाली संभावित हानियों (साइड इफेक्ट) की वजह से उपभोक्ताओं का इनके प्रति मोहभंग होता जा रहा है ।

यही वजह है कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में सिन्थेटिक तथा रसायन आधारित उत्पादों का स्थान देशीय/आयुर्वेदिक उत्पाद लेते जा रहे हैं । भारतीय बाजार में जिस प्रकार एलोपैथिक दवाइयों की जगह आयुर्वेदिक दवाईयों की लोकप्रियता बड़ी है उससे प्रोत्साहित होकर अन्य उपभोक्ता वस्तुओं विशेषकर सौन्दर्य प्रसाधनों के क्षेत्र में भी अनेकों आयुर्वेदिक उत्पाद बाजार से प्रस्तुत हुए हैं तथा उन्हें आशानुरूप लोकप्रियता भी प्राप्त हुई है ।

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देशभर में महिलाओं हेतु संचालित किए जाने वाले कटी पार्लर इस बात में विशेष गौरव महसूस करते हैं कि वे हर्बल उत्पादों का उपयोग करते हैं अथवा उनका बदी पार्लर ”हर्बल पद्धति” पर आधारित है । सौन्दर्य प्रसाधनों के क्षेत्र में प्रस्तुत किए गए विभिन्न हर्बल उत्पादों जैसे आर्युनीता, सिल्केशा, प्यूमा, केशकल्प, अर्निका, सौन्दर्य (सागर) आदि अत्यधिक लोकप्रियता अर्जित करते जा रहे हैं तथा इनका बाजार निरन्तर बढ़ता जा रहा है ।

इन उत्पादों के निर्माण की विधि अपेक्षाकृत आसान होने की वजह से उनसे संबंधित अनेकों इकाइयाँ स्थापित की जा सकती है । मध्य-प्रदेश के विभिन्न भागों में जहाँ काफी मात्रा में जंगल पाए जाते हैं तथा इन उत्पादों के निर्माण में लगने वाले अवयव काफी मात्रा में उपलब्ध हैं, इन उत्पादों का निर्माण काफी सस्ती दरों पर किया जा सकता है । अन्य स्थानों पर भी इन उत्पादों से संबंधित इकाइयां सफलतापूर्वक स्थापित की जा सकती है ।

प्रस्तुत इकाई में विभिन्न हर्बल तथा अन्य अवयवों से बाल धोने का आयुर्वेदिक पावडर (हर्बल शैम्पू पावडर) बनाना प्रस्तावित है । इस इकाई हेतु प्रस्तावित मशीनों का उपयोग करके तथा इसमें लगने वाले कच्चे माल में से किन्हीं अवयवों का उपयोग करके हर्बल फेस पावडर तथा अन्य उत्पाद भी बनाये जा सकते हैं ।

हर्बल शैम्पू पावडर के उत्पादन की विधि (Manufacturing Process for Herbal Shampoo Powder):

हर्बल शैम्पू पावडर बनाने के लिए उसके विभिन्न अवयवों को एक निश्चित फार्मूले के अनुसार निश्चित अनुपात में पीसा एवं मिश्रित किया जाता है ।

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वर्तमान में इस उत्पाद हेतु प्रचलित फार्मुले में विभिन्न अवयवों का निर्धारित अनुपात निम्नानुसार है:

उपरोक्त अवयवों में से पहले त्रिफला चूर्ण, रीठा, शिकाकाई तथा नीम की छाल को अच्छी तरह साफ करके ग्राईडर में महीन रूप से पीसा जाता है । इस पिये हुए मिश्रण में पिसी हुई मुलतानी मिश्रण मिलाई जाती है तथा अंततः इस मिश्रण में सुगंधित द्रव्य मिलाया जाता है ।

इस संपूर्ण मिश्रण को अच्छी तरह मिक्स करके इसे मांग के अनुसार विभिन्न साईज की पौलीथीन की थैलियों में पैक कर दिया जाता है । वर्तमान में बाजार में जिन प्रमुख साईजों के शैम्पू पावडर के पैक उपलब्ध हैं वे हैं- वहाँ 40 ग्राम, 100 ग्राम, 250 ग्राम, 500 ग्राम अथवा, 1 किलोग्राम यह शैम्पू प्लास्टिक के आकर्षक डिब्बों में पैक किया जाएगा । पैकिंग आकर्षक होने के कारण प्रति पैकिंग पर करीब 1रु. का खर्च आएगा ।

हर्बल शैम्पू पावडर इकाई का वार्षिक उत्पादन लक्ष्य (Annual Production Target of Herbal Shampoo Powder Unit):

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इस इकाई में 40 कि. ग्राम. प्रतिदिन की दर से वर्ष में कुल 12000 कि. ग्राम. शैम्पू पाउडर बनाने का प्रस्ताव है ।

हर्बल शैम्पू पावडर इकाई का परियोजना परिकल्पना (Project Hypothesis of Herbal Shampoo Powder Manufacturing Entity):

एक वर्ष में 300 कार्यदिवस, एक माह में 25 कार्यदिवस, एकल पारी-8 घंटे प्रतिदिन एवं स्थापित क्षमता के 60% कार्यक्षमता दोहन पर गणना की गयी है ।

1. भूमि एवं भवन (Land and Building):

इस इकाई की स्थापना हेतु लगभग 500 वर्ग फीट के एक कमरे की आवश्यकता होगी । एक ऐसा कमरा उद्यमी का स्वयं का भी हो सकता है अथवा यह लगभग 1000 रु. प्रतिमाह के किराए पर भी लिया जा सकता है ।

2. मशीनरी तथा उपकरण (Machinery and Equipment):

इस इकाई में मशीनरी एवं उपकरणों की आवश्यकता मुख्यतः विभिन्न अवयवों को पसीने तथा मिक्स करने के लिए होती है ।

इस संदर्भ में मुख्यतया निम्नलिखित मशीनरी की आवश्यकता होगी:

3. कच्चा माल (Raw Material):

प्रस्तावित उत्पाद हेतु लगने वाला मुख्य कच्चा माल हर्बल तथा वनोपज पर आधारित है ।

इस संदर्भ में प्रयुक्त किए जाने वाले प्रमुख कच्चे माल तथा उनकी मासिक/वार्षिक आधार पर वांछित मात्रा निम्नानुसार है:

4. वेतन एवं पारिश्रमिक (Salary and Remuneration):

इस इकाई में कार्य करने वाले श्रमिकों/कारीगरों को निम्नानुसार वेतन/पारिश्रमिक देय होगा:

11. कुल वार्षिक बिक्री (Total Annual Sales):

तैयार शैम्पू पाउडर – 12000 कि.ग्रा.

100/- रु. प्रति कि.ग्रा. की दर से) – रु. 1200000

12. इकाई की लाभप्रदता (Profitability of the Unit):

क. वार्षिक लाभ – रु. 78122

ख. लाभ प्रतिमाह – रु. 6510